रक्सौल।(vor desk)।नेपाल के बारा जिला के राम वन से निकलने वाली पहाड़ी नदी सरिसवा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एस टी पी प्लांट लगाने की कवायद शुरू हो गई है।इस नदी को नमामी गंगे प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है,जिसके तहत यह पहल हो रही है।इसको ले कर आगामी 21नवंबर की शाम को टीम रक्सौल पहुंचेगी।इसकी जानकारी पश्चिम चंपारण के सांसद डा संजय जायसवाल ने दी है।उन्होंने बताया कि नमामी गंगे की टीम एनएमसीजी के साइंटिस्ट डा रघुवंशी के नेतृत्व में आएगी,जो सरिसवा नदी में एस टी पी लगाएगी।इस टीम में एस पी एम जी(बिहार),बुडको,राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल होंगे।यह टीम पहले 7और8 नवंबर को आने वाली थी।जो राज्य के अधिकारियो द्वारा समय नही दिए जाने के कारण से स्थगित हो गई थी।उन्होंने बताया कि यह प्लांट सरिसवा नदी पर लगाया जाएगा जिससे नेपाल से गंदा पानी भारत में प्रवेश करते ही स्वच्छ होकर नदी में प्रवाहित होने लगेगा। रक्सौल नगर परिषद क्षेत्र के नालों से आ रहे गंदे पानी को भी यह प्लांट प्रदूषण मुक्त कर नदी में प्रवाहित करेगा ।सांसद ने कहा कि इस एसटीपी का खर्च राशि केंद्र सरकार उठाएगी।यह बड़ी उपलब्धि है कि यह नदी नमामी गंगे प्रोजेक्ट में शामिल कर ली गई है।
बता दे कि सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 2010 में आंदोलन शुरू हुआ।इसको ले कर भारत नेपाल सीमा को 5 घंटे तक बंद कर दिया गया और महा धरना का आयोजन किया गया ।उस धरना में स्थानीय सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल भी आकर बैठे थे। उन्होंने लोकसभा में प्रश्न उठाया जिसका परिणाम हुआ कि तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल सरकार को हेटोडा उद्योग केंद्र के बाद एस टी टी पी लगाने के लिए पैसा दिया था पर नेपाल में यह संभव नहीं हो सका और यह प्लांट अधिक दिनों तक कार्य नहीं कर पाया ।डॉक्टर जायसवाल के कारण इसे नमामि गंगे प्रोजेक्ट में लिया गया। सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के महासचिव मनीष दुबे ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि अब नदी को प्रदूषण से स्थाई तौर पर मुक्ति मिल सकेगी।