रक्सौल।(vor desk)। इस बार रक्सौल नगर परिषद ने समूचे बिहार में ऐसा रिकॉर्ड बनाया है,जिसमें यह दर्ज हुआ कि रक्सौल में ऐतिहासिक तौर पर कूड़े कचरे के बीच दीपावली मनी।इस कारण नगर परिषद प्रशासन के इस करतूत की चर्चा केवल सूबे में ही नहीं बल्कि,नेपाल तक हुई। ‘रक्सौल नर्क परिषद’ की छवि पर मुहर लग गई और इस बार यह जुमला खुल कर सबों के जुबान पर आ गया।नगर परिषद के सीधे निर्वाचित चेयर मैन धुर पति देवी,डिप्टी चेयर मैन पुष्पा देवी समेत नगर के सभी 25पार्षदगण शहर के गली ,मुहल्ले,चौक चौराहे पर फैले बिखरे कूड़े,कचरे को टुकुर टुकर देखते और सफाई कर्मियों के मान मनौव्वल में जुटे रहे।
यह पहली बार हुआ है की राज्य में रक्सौल ऐसा बाजार बन गया,जहां दीपावली पर कूड़ा कचरा नहीं उठाया गया। जिससे आम लोगों और व्यापारियों में त्राहि त्राहि की स्थिति मची रही।
बता दें कि नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने बिना सूचना के दीपावली की सुबह से अचानक हड़ताल कर दिया था।जिस कारण अफरा तफरी मच गई।कूड़े का ढेर जगह जगह पड़ा रहा।सड़ांध में रहना और राह चलना मुश्किल हो गया।त्राहि त्राहि की स्थिति के बीच सभापति धुरपति देवी के निर्देश पर नगर परिषद के प्रतिनिधि सफाई कर्मियों के यूनियन से वार्ता में जुटे रहे,लेकिन,उनका आल टाल जारी रहा।इसे गुटबाजी और साजिश से जोड़ कर देखा गया।बताते हैं कि रविवार की शाम में यह सहमति हुई की वेतन की बढ़ोतरी की जायेगी।इसके लिए बैठक बुलाई जाएगी।
इधर, थू थू होने की स्थिति बन गई।इससे खफा विधायक प्रमोद सिन्हा ने जिला प्रशासन से बात कर साफ सफाई की पहल की मांग की ।बताते हैं कि पूर्वी चंपारण के प्रभारी डीएम सह जिला विकास आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि आउट सोर्सिंग के तहत अधिकृत एन जी ओ के सफाई कर्मियों से सफाई कराई जाए।इसके लिए उन्हें जरूरी पर सुरक्षा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया गया ।इस बीच, जन भावना को देखते हुए कुछ वार्ड पार्षदों ने निजी पहल और खर्च पर अपने अपने वार्ड की सफाई कराई।हालाकि,सफाई कर्मी कड़े रुख के बाद सहमति में आ गए।और शाम में झाड़ू भी उठाई।लेकिन, हालात विपरीत बनी रही।व्यापारियों और नागरिकों में काफी नाराजगी देखी गई।कूड़े कचरे और दुर्गंध युक्त माहौल के बीच दीपावली मनाने को रक्सौल वासी विवश दिखे।
*तीसरे दिन हटा कूड़ा,बावजूद गंदगी
नगर परिषद प्रबंधन ने मंगलवार को कूड़ा हटवाया है लेकिन,यह पूरी तरह से सफल नही रहा।सूत्रों का कहना है कि रक्सौल बाजार के हृदयस्थली कहे जाने वाले बैंक रोड,पोस्ट ऑफिस रोड,लोहार पट्टी,मयूर गली,पटेल पथ, चावल बाजार समेत पूरे नगर परिषद क्षेत्र में सड़को और चौक चौराहे पर कूड़ा कचरा फैला हुआ है। उसी के बीच लोगों का रहना और चलना मजबूरी बन गई है ।
*नरक परिषद की छवि
रक्सौल नगर परिषद की छवि नर्क परिषद वाली है।आम दिनो भी शहर गंदगी के ढेर में दिखता है।सर्वे हो तो ग्रेड सी का दर्ज भी मुश्किल से मिलेगा।इससे बदनामी तो मिलती ही है,स्वच्छ रक्सौल का सपना सिर्फ नारा में ही सिमटा नजर आता है।नगर परिषद द्वारा ,पुराने नगर परिषद कार्यालय,थाना, पोस्ट ऑफिस,पुराने बस स्टैंड,कौड़िहार चौक समेत विभिन्न सरकारी दफ्तरों के पास कूड़ा डंपिंग साइड बना दिया गया है।जिस वजह से निकलते ही सड़ांध और कचरा देख कर सुबह सुबह व्यापारी,नागरिक, छात्र का मूड खराब होता है।यही नही कूड़ा भी सड़को पर ही जलाया जाता है। सरिसवा नदी तट समेत बाईपास रोड और नहर रोड में कूड़ा फेंका और जलाया जाता है।जिसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।
*रोग का खतरा
डेंगू को ले कर जिला प्रशासन के अलर्ट के बीच रक्सौल नगर परिषद क्षेत्र के गलियों व सड़कों पर यत्र तत्र फैली गंदगी बीमारी को आमंत्रित कर रहा है।स्वास्थ्य विभाग भी इसको ले कर सतर्क कर चुका है।लगातार डेंगू मरीज मिलने के बाद भी विपरीत हालत बने हुए हैं।फॉगिंग के नाम पर भी खानापूर्ति कर दी गई है।जबकि,मच्छर का प्रकोप भी बढ़ गया है। मच्छर जनित रोग के फैलने की आशंका है ।
*नगर परिषद के सफाई कर्मियों के हड़ताल से हुई विपरीत स्थिति
सूत्रों के मुताबिक,सफाई कर्मियों के यूनियन ने जान बूझ कर दीपावली के मौके पर हड़ताल कर दिया।जिसके पीछे का उद्देश्य प्रबंधन पर दबाव बनाना और अपनी मांग मनवाना था।बताते हैं कि पर्दे के पीछे अंतर्निहित उद्देश्य रखने वाले नगर परिषद के ही कुछ पूर्व कर्मियो का हाथ था।इस बीच,नगर पार्षद कुंदन सिंह और ओम कुमार ने बताया कि अब तक सफाई कर्मियों को दैनिक 372 रुपए मिलता था।अब उसे 395 रुपए करने का निर्देश विभाग से प्राप्त हुआ है।जबकि,सफाई कर्मी कुशल श्रमिक का वेतन यानी प्रतिदिन 500रुपए भुगतान करने की मांग पर अड़े हैं।हालाकि, उचित पहल के आश्वासन पर हड़ताल खत्म हो गया है।
*व्यापारी कर रहे त्राहि त्राहि
पर्व के समय कूड़ा कचरा और सड़ांध से व्यापारी त्राहि त्राहि कर रहे हैं।ग्राहकों को काफी दिक्कत हो रही है।व्यापार प्रभावित हो रहा है।नेपाली ग्राहक यहां की स्थिति से क्षुब्ध दिखे।नाक पर रूमाल और हिकारत जता कर खरीद करते दिखे।इंडो नेपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता ने कहा कि इससे रक्सौल की राज्य स्तर पर बदनामी हुई है।साफ सफाई के बाद दीपावली के दिन पूजा अर्चना होती है।लेकिन, कूड़ा कचरा से इस बार व्यापार भी प्रभावित हुआ है।
*सफाई के नाम पर मची है लूट खसोट,जांच की मांग
स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने इस हालत पर कहा कि रक्सौल नगर की सफाई व्यवस्था और प्रबंधन की पोल खुल गई।सफाई के नाम पर लूट खसोट मची है।सफाई कर्मियों का शोषण होता रहा है इसलिए वे भी नाराज हैं।नगर परिषद में144सफाई कर्मी हैं।हर माह 12से15लाख रुपए सफाई के नाम पर खर्च होता है।बड़ी संख्या में नगर परिषद के स्थाई अस्थाई सफाई कर्मी के होंने के बावजूद एनजीओ को सफाई का ठेका दिया गया है,जिसका मकसद कमीशन खोरी और घोटाला है।नगर परिषद के वार्ड पार्षदों के विरोध के बावजूद एनजीओ को लाखो रुपए पेमेंट किया गया। नप बोर्ड की बैठक में आरोपी एन जी ओ को हटाने के प्रस्ताव के विपरीत उसे कंटिन्यू भी कर दिया गया।इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
*क्या कहते है विधायक:
रक्सौल में दीपावली पर हड़ताल का होना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा।नगर परिषद प्रबंधन नकारा साबित हुई,यह शर्म की बात है कि शहर गंदगी में रहा। हमने जिला प्रशासन से बात की है और कहा है कि क्विक एक्शन लें।हर हाल में नगर को स्वच्छ बनाएं।
*क्या कहते है नप के कार्यपालक पदाधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव ने बताया कि सफाई कर्मियों ने बिना सूचना हड़ताल कर दी थी।हालाकि,हड़ताल कर रहे कर्मियो को समझाया बुझाया गया और रविवार की शाम समाप्त हो गया।सोमवार को छुट्टी थी,इसलिए कूड़ा नही उठा।मंगलवार से कूड़ा उठना शुरू हुआ है।उन्होंने बताया कि वेतन बढाने की मांग को ले कर हड़ताल थी।इसको ले कर16 नंवबर को स्टैंडिंग कमेटी बैठक बुलाई गई है।उनकी मांगों पर विचार होगा।उनके हित में जो संभव होगा,किया जायेगा।
*क्या कहते है स्वास्थ्य अधिकारी:
रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने कहा कि कूड़े कचरे से डेंगू और अन्य मच्छड़ जनित रोग का खतरा है।यही त्वरित तौर पर पहल कर कूड़ा कचरा नही हटाया गया तो, मुश्किल हो सकता है।
*राजद नेता ने कसा तंज
राजद नेता सह रक्सौल विधान सभा के प्रत्याशी राम बाबू यादव ने साफ सफाई में फेल होने पर तंज कसते हुए कहा कि नाच न जाने आंगन टेढ़ा।उन्होंने कहा कि यह नगर परिषद प्रशासन की विफलता है।सफाई कर्मियो को मना कर काम लेना चाहिए था।इससे रक्सौल की छवि खराब हुई है ।
*इस्तीफा मांगा
समाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने इसे नगर परिषद की विफलता और मन मानी से जोड़ा और कहा कि सीधे चुनी गई सभापति अपने दायित्व निर्वहन में फेल रही । दीपावली पर रक्सौल नर्क रहा।ऐसे में दायित्व स्वीकारते हुए नैतिकता के नाम पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए ।