Sunday, November 24

नेपाल में एक माह में तीसरी बार डोली धरती, जाजरकोट और रुकुम में विनाशकारी भूकंप से अब तक 129 की मौत,140से ज्यादा घायल!

*भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के भूकंप में जान माल की क्षति पर जताया दुःख,मदद को तैयार

*भूकंप में जाजरकोट के नलगाड़ नगर पालिका क्षेत्र के डिप्टी मेयर शरीता सिंह की हुई मौत

*रक्सौल समेत सीमा क्षेत्र में धरती डोलने से मची अफ़रा तफरी, रात्रि में झटके से जगे लोग घरों से निकले

काठमांडू/वीरगंज।(vor desk)।शुक्रवार आधी रात को आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से नेपाल में भारी जानमाल का नुकसान हुआ। आपदा में देश के उत्तर-पश्चिमी जिलों में धरती के हिलने से काफी संख्या में लोगों की मौतें हो गईं। इमारतों के गिरने और संचार संपर्क टूटने से हालात काफी खराब हो गये। काठमांडू पोस्ट और स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम नेपाल में 129 लोगों की मौत हुई और 140 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अफसरों के मुताबिक इमारतों के मलबे में कई लोगों के दबे होने से मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। भूकंप में जाजरकोट के नलगाड़ नगर पालिका क्षेत्र के डिप्टी मेयर शरीता सिंह की भी मौत हो गई।

नेपाल के अलावा भारत में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर ,यूपी और बिहार समेत भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में आधी रात को लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

सेना और पुलिस के अस्पतालों में भर्ती कराए गए भूकंप पीड़ित

नेपाल के उच्चस्तरीय अधिकारियों के मुताबिक ,नेपाल के भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए खोल दिया गया है। नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

जाजरकोट था केंद्र
भूकंप का केंद्र काठमांडू से 331 किमी पश्चिम जाजरकोट की 10 किमी गहराई में था।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में जाजरकोट में 10 किलोमीटर की गहराई में था। रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए इस भूकंप की वजह से लोगों को बदहवासी में घरों से बाहर निकलना पड़ा। नेपाल में एक माह में तीसरी बार तेज भूकंप आया है।

अंधेरा होने से राहत में दिक्कत

घना अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं है।
अधिकारियों के मुताबिक आपदा के बाद घना अंधेरा होने के कारण गिरी हुई इमारतों और भवनों के अंदर से हताहतों को बाहर निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुरक्षा एजेंसियां और बचाव दल के कर्मचारी सुरक्षित लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे रहे।

पीएम प्रचंड ने जताया दुःख,राहत कार्य तेज
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने बचाव और राहत के लिए तीन सुरक्षा निकायों को लगाया है
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने आपदा पर दुख जताते हुए सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत बचाव और राहत कार्यों में शामिल होने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है, “प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात आए भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!