Monday, November 25

बस से कुचल कर रक्सौल के कोइरिया टोला चौक पर युवक की दर्दनाक मौत,व्यवस्था पर उठे सवाल!

*निर्दोष ललन की मौत जाम मुक्त शहर बनाने का दावा करने वालो के मुंह पर तमाचा!

*मृत ललन के परिजनों की सिसकियां पूछ रही है सवाल,क्या मिलेगा इंसाफ?

रक्सौल।(vor desk)। काठमांडू दिल्ली राज मार्ग के रक्सौल खंड में कोईरिया टोला नहर चौक पर बिहार राज्य परिवहन निगम के बस से बुरी तरह कुचल गए एक साइकिल सवार युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई।घटना सोमवार की शाम रक्सौल के कोईरिया टोला स्थित नाका चौकी के पास की है। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने युवक को एसआरपी हॉस्पिटल में पहुचाया गया । जहां इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया।युवक की पहचान रक्सौल के नोनियाडीह निवासी राम चंद्र यादव के पुत्र ललन यादव के रूप में हुई है। एस आर पी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सह मुख्य चिकित्सक डॉक्टर सुजीत कुमार ने बताया कि बुरी तरह कुचल गए युवक की हालत गंभीर थी।आईसीयू में तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू किया गया,लेकिन, जान नही बच सकी।

सूत्रों ने बताया कि ललन रक्सौल में रोजी रोजगार के लिए प्रतिदिन आता था और मेहनत मजदूरी कर घर चलाता था।दूध की बिक्री भी करता था।सोमवार की शाम कोईरिया टोला में साइकल से जाते वक्त उसे एक बाईक चालक ने ठोकर मार दी। जिससे वह गिर पड़ा।इतने में मोतिहारी की ओर से आ रही निगम के अधीन चलने वाली शहंशाह कंपनी की यात्री बस उसके सीने पर चढ़ गई और वह बुरी तरह कुचल गया।यह नजारा काफी दर्दनाक था।सड़क पर खून की धार बह गई। लोग आक्रोशित हो उठे।आनन फानन में घायल ललन को अस्पताल ले जाया गया।प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप था की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।इसको ले कर मुख्य पथ और अस्पताल दोनो ही जगह हंगामा हुआ।बाद में पुलिस के काफी समझाने बुझाने पर स्थिति नियंत्रित हो सकी।

रक्सौल थानाध्यक्ष सह निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई।घायल को हॉस्पिटल पहुंचाया गया ।बस को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया गया है।

इस हादसे ने शहर को फिर एक बार झकझोर डाला है। अतिक्रमण से संकीर्ण हो गई मेन रोड सड़क पर लगातार जाम और ट्रैफिक पुलिस के नही होने से हुई इस दुर्घटना ने व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। शासन प्रशासन कठघड़े में है।शहर को स्वच्छ,सुंदर और जाम मुक्त बनाने का दावा करने वालो के मुंह पर यह हादसा एक बड़ा तमाचा है।मृत ललन यादव के निर्दोष परिजनों की सिसकियां कह रही है कि आखिर कब तक रक्सौल के बेटों की जान जायेगी,कब मौत का सिलसिला थमेगा।आखिर ललन का कसूर क्या था?उसकी जिंदगी क्यों छीन ली गई?

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