• फल की दुकान से शुरू हुई आग से आधा दर्जन से ज्यादा दुकान खाक
रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल शहर के मछली बाजार में करीब आधा दर्जन दुकानों समेत दो टेंट हाउस में शुक्रवार की रात्रि हुई भीषण आगलगी में करीब 50लाख से अधिक की संपत्ति देखते ही देखते धूं धूं कर जल गई।सबसे ज्यादा क्षति टेंट हाउस संचालकों को हुई है।श्रीवास्तव टेंट हाउस और नमस्ते टेंट हाउस नामक दो टेंट हाउस का सारा सामान जल गया।जिससे इन्हे कोई 30/35लाख की क्षति का अनुमान है।जबकि,अन्य की क्षति करीब 15लाख बताई गई है।जांच के बाद ही साफ होगा कि वास्तविक क्षति कितनी हुई।
*किन दुकानों में लगी आग
श्रीवास्तव टेंट हाउस(सुनील श्रीवास्तव),नमस्ते टेंट हाउस (राजेश कुमार), मछली दुकान(,लक्ष्मण साह),चार फल दुकान(संचालक क्रमश:सुरेंद्र प्रसाद,विनीत कुमार मुन्ना,सुनील कुमार,राज कुमार साह, विकी कुमार) में आगलगी हुई।बताते हैं कि सर्वप्रथम सुरेंद्र प्रसाद के फल दुकान में आग लगी और फिर पसरते हुए विकराल रूप ले लिया।
*करीब 6घंटे में हुई आग काबू
आगलगी के बाद पांच फायर बिग्रेड वाहन पहुंची।इसके अलावा आईसीपी का फायर बिग्रेड का छोटा वाहन पहुंचा। रक्सौल एसडीओ रवि कांत सिन्हा और डीएसपी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में फायर बिग्रेड इंचार्ज रवी शंकर प्रसाद, सीओ विजय कुमार , आइ सी पी इंचार्ज प्रवीण कुमार ,इंस्पेक्टर राजेश कुमार समेत पुलिस प्रशासनिक अधिकारी , एस एस बी जवान आग पर नियंत्रण के लिए सक्रिय रहे।टेंट हाउस में प्लास्टिक की कुर्सी और सिंथेटिक कपड़ा, फोम आदि रहने से आग की लपट काफी तेज थी और आग को काबू में लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।आग करीब10 लगी को काबू में करने में कोई6/7घंटे लगे।
*आग लगी के कारण पर अटकल
कुछ पीड़ित दुकानदारों का कहना है कि आगलगी शॉर्ट से हुई है।लेकिन,आस पास के लोगो का मानना है कि पूर्व में भी इस जगह आगलगी हो चुकी है।आगलगी के पीछे फेंके गए कूड़े में आग लगना है।जिससे आग फैली।बताते हैं कि नशेड़ी कूड़ा कर्कट के ढेर में बैठ कर गांजा,चरस आदि पीते हैं।जिनकी वजह से घटना घटित होने की आशंका है।वहीं,दूसरी ओर इंश्योरेंस क्लेम और भूमि विवाद की दुश्मनी को भी घटना का कारण बता रहे हैं,जिसकी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी।हालाकि,आवेदन में शॉर्ट सर्किट को ही आगलगी का कारण बताया गया है।
*फायर बिग्रेड टीम को हुई परेशानी,केमिकल के यूज से आग पर पाया काबू
पानी की काफी किल्लत के बीच फायर बिग्रेड वाहन को काफी दिक्कत हुई।अनुमंडल अस्पताल में बने फायर पम्प से कोई मदद नहीं मिल सकी,क्योंकि,वहां मोटर पम्प चालू नही हुआ।तो रेलवे से मदद लेनी पड़ी।फायर बिग्रेड ऑफिस इंचार्ज रवी शंकर प्रसाद ने बताया कि आग इतनी विकराल स्थिति में थी कि फायर बिग्रेड कर्मियो को काफी संघर्ष करना पड़ा।पानी में केमिकल और फोम के इस्तेमाल से आग को काबू किया जा सका।इसके लिए फायर बिग्रेड ऑफिसर रवी शंकर प्रसाद समेत कांस्टेबल समरेश कुमार सिंह आदि की सक्रिय भूमिका रही।