रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के तबादले के बाद रिक्त पड़े पद के कारण प्रशासनिक और विकास कार्यों में उत्पन्न गतिरोध के समाप्त होने की उम्मीद जगी है।
पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा तत्काल प्रभाव से रक्सौल के भूमि सुधार उप समाहर्ता(डीसी एल आर ) संजय कुमार को अगले आदेश तक नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वही प्रभारी पदाधिकारी, जिला विकास शाखा को निर्देश दिया गया है कि वित्तीय प्रभार के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से सहमति प्रदान करें।
बता दे कि बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग(पटना) के अधिसूचना संख्या-1876, दिनांक 30 जून 2023 द्वारा रक्सौल के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, रक्सौल का स्थानांतरण कार्यपालक पदाधिकारी, हिसवा, नवादा में हो गया, परंतु उसके स्थान पर रक्सौल में उनके स्थान पर प्रतिस्थानी के रूप में किसी भी पदाधिकारी का पदस्थापन नही हुआ है, जिसके कारण वर्तमान में नगर परिषद रक्सौल में दैनिक कार्यों का पर्यवेक्षण और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा था ।किसी को भी प्रभार नही दिए जाने से सभी कार्य ठप्प हो गए हैं।इसको ले कर रक्सौल नगर परिषद की चेयर मैन धूरपति देवी ने भी विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा था कि जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए।इधर,भाजपा के विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने भी इसके लिए पहल की थी।
सीटी मैनेजर का पद रिक्त
रक्सौल नगर परिषद के सिटी मैनेजर का पद भी काफी समय से रिक्त है।सिटी मैनेजर लाल देव प्रसाद का तबादला होने के बाद से अब तक पदस्थापना नही हुई है।बता दे कि बूचड़ खाना घोटाले के बाद से रक्सौल नगर परिषद आरोह अवरोह से गुजर रहा है।वहीं,सीधे तौर पर चेयर मैन और डिप्टी चेयर मैन के चुनाव के बाद अपेक्षाएं बढ़ गई है,जबकि,विकास कार्य पर पूरी तरह ब्रेक लगा है।जब तक यहां कार्यपालक पदाधिकारी और सिटी मैनेजर की स्थाई नियुक्ति नही होती,बहुत बेहतर की अपेक्षा संभाव नही दिख रही है।डिप्टी चेयर मैन पुष्पा देवी का कहना है कि रक्सौल नगर परिषद महत्वपूर्ण नगर परिषद है,इसकी उपेक्षा ठीक नही।