Monday, November 25

राज्य स्वास्थ्य समिति ने आशा कार्यकर्ताओ पर दिया कारवाई का निर्देश, केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ हुई जम कर नारेबाजी!

*ओपीडी और जांच नही संचालित होने से गरीब मरीज परेशान

रक्सौल।(vor desk)।आशा संयुक्त मोर्चा द्वारा 9सूत्री मांग को ले कर 12जुलाई से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला बंदी निरंतर जारी है।राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा कार्य पर नही रहने वाली आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलेटर को चयन मुक्त करने की करवाई करने और अस्पताल संचालन में बाधा डालने के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश के बाद उनका आक्रोश भड़क गया है।गुरुवार को उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की ।

फाइल फोटो/एसडीओ और डीएसपी


इधर,एसडीओ रविकांत सिन्हा के निर्देश के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने प्राथमिकी के लिए लिखित आवेदन नही दिया है।बताया जा रहा है की अस्पताल प्रबंधन विभाग के वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगने में जुटा है,क्योंकि,हड़ताल राज्य स्तर पर है ।सूत्रों का कहना है की अस्पताल प्रबंधन यूनियन से टकराव के मूड में नहीं दिखती।गुप चुप ढंग से मेडिकल ऑफिसर हाजिरी बनाने और मरीज देखने की खानापूर्ति पूरी कर रहे हैं,ताकि,उनकी सेवा पर खतरा न हो।बताते हैं कि गुरुवार को करीब 60मरीज देखे गए।इस बीच रजिस्ट्रेशन काउंटर भी खुला , जहां मरीजों का पुर्जा कटा।दवा काउंटर पर दवा भी दी गई।

जबकि,इस यहां प्रति दिन कोई चार सौ मरीज पहुंचते हैं।ऐसे में विपरीत हालात कायम है और अनुमंडल अस्पताल संचालन में नही आने से दूर दराज से आने वाले गरीब मरीज काफी परेशान हैं और इलाज दवा के लिए दर दर भटक रहे हैं l
आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल की वजह से एक ओर टीकाकरण,एनसीडी प्रोग्राम,बंध्या करण के साथ ही ओपीडी बुरी तरह प्रभावित हो गई है।अश्विन पोर्टल को भी अपडेट नही किया जा रहा है,वहीं, आशा कार्यकर्ता आशा दिवस पर आयोजित बैठक का भी लगातार बहिष्कार कर रही हैं।साथ ही लगातार उनका धरना,प्रदर्शन और तालाबंदी जारी है।

बता दे कि यहां पिछले 13जुलाई को रक्सौल के एसडीओ रवि कांत सिन्हा और डीएसपी धीरेंद्र कुमार के समझाने बुझाने और अनुमंडल अस्पताल संचालन करने का अनुरोध भी बेअसर रहा है।जबकि,आशा कार्यकर्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए कार्य करती हैं।

आशा संघ के रक्सौल इकाई अध्यक्ष सुदामा देवी और सचिव माला देवी के नेतृत्व में
सुनैना देवी, चानकी देवी,मौरेजा खातून,शिला देवी,आशा देवी,कलिता देवी,लीलावती देवी,प्रिया कुमारी, मिन्की कुमारी आदि का तर्क है कि अनुमंडल अस्पताल एक ही परिसर में है,इसलिए दोनो का संचालन नही होने दिया जाएगा।


यहां हालत यह है कि अस्पताल में बंद ताला खुलवाने के प्रयास के क्रम में वे लड़ने भिड़ने पर उतारू हो जाती हैं।वहीं,यूनियन के राज्य व्यापी आंदोलन का हवाला देते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने एलान किया है कि आंगन बाड़ी और जीविका के सहयोग से सघन मिशन इंद्र धनुष को कार्यान्वित करने की योजना को सफल नही होने दिया जाएगा।जरूरत पड़ी तो अनुमंडल की सभी आशा यहां आंदोलन करेंगी।

क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार का कहना है पूरे मामले से विभाग को लिखित रूप में अवगत करा दिया गया है।अनुमंडल अस्पताल बाधित नही करना है,बावजूद यह स्थिति कायम है।आशा संघ ने शांतिपूर्ण आंदोलन को ले कर ज्ञापन दिया था,जिसे विभाग को प्रेषित कर दिया गया है,लेकिन,उसमे तालाबंदी का जिक्र नही था।उन्होंने बताया की हड़ताल से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के आलोक में आशा संघ से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि कौन कौन आशा हड़ताल में है और कौन नही।उसी आधार पर आगे की करवाई होगी।

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