Sunday, November 24

केंद्र सरकार बिहार को राहत पैकेज देने को तैयार, राज्य सरकार सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की जगह बाढ़ नियंत्रण का राग अलाप रही:डॉ0 संजय जायसवाल

*सांसद ने लगाया आरोप:’केंद्र सरकार विकास के लिए पैसे भेज रही है,बिहार सरकार घोटाले में जुटी है!’

रक्सौल।(vor desk)।भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह पश्चिम चंपारण सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा है कि बारिश नहीं होने से बिहार के किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है ।उन्होंने कहा कि बारिश न होने से किसानी प्रभावित हुई है।बारिश ना होना घोर चिंता का विषय है और अकाल का साया मंडरा रहा है।चंपारण कुछ ज्यादा ही प्रभावित है।उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को सूखाग्रस्त राज्य की घोषणा करनी चाहिए,लेकिन,इसकी जगह बाढ़ नियंत्रण का राग अलाप रही है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य सरकार ने इस बारे में ना तो कोई मदद नहीं मांगी है, ना कोई प्रस्ताव दिया है।यदि बिहार सरकार सूखाग्रस्त राज्य के नाम पर राहत पैकेज का मांग करती तो केंद्र सरकार जरूर राहत पैकेज देगी।उन्होंने तंज किया कि सूबे में एनडीए सरकार के भंग होने और महागठबंधन सरकार बनने के बाद बिहार सरकार के नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी केंद्र में सरकार बनाने के सपने देखने और ताना बाना बुनने में व्यस्त है और जनता पर कोई ध्यान नही है।कोई काम नही हो रहा।

उन्होंने राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि बिहार में बारिश की कमी से सारे किसान त्राहिमाम कर रहे है। वाटर लेबल दिन प्रतिदिन नीचे जा रहा है।इसके लिए बोरिंग लगाना चाहिए,ताकि,लोगों को पानी मिले।चौबीस घंटा बिजली देनी चाहिए,ताकि,खेतो में पटवन हो सके।बिहार सरकार को यह सब चिंता ज्यादा करनी चाहिए,लेकिन,इसके विपरित आज संजय झा बाढ़ से बचाव के लिए केंद्र सरकार को नेपाल से बात करने का राग अलाप रहे हैं। उन्होंने रक्सौल में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र के दिए 7 हजार करोड़ रूपयां बिहार सरकार के द्वारा तटबंधों के निर्माण पर खर्च किया गया है, लेकिन मेरा दावा है कि इन 7 हजार करोड़ रूपये खर्च के बाद 70 एकड़ खेत भी बाढ़ से नहीं बचाया जा सकता है। डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार केन्द्र के द्वारा दी जा रही राशी का सही उपयोग नहीं कर रही है। केन्द्र यहां लोगों की सुविधा के लिए पैसा दे रही है और सरकार घोटाला करने में जूटी है। दरभंगा एम्स के लिए 350 करोड़ रूपयां मिट‍्टी भराई के नाम पर खर्च किया जा रहा है, जबकि 350 करोड़ रूपये में कहीं भी जमीन लेकर एम्स बनाया जा सकता है, परंतु विकास विरोधी बिहार सरकार यहां भी घोटाले की नियत से काम कर रही है। जल संकट को लेकर पूछे गये सवाल के जबाब में डॉ जायसवाल ने कहा कि बारिश की कमी के कारण किसान त्राहिमाम कर रहे है। आम लोगों को पीने का पानी कष्ट से मिल रहा है। इस परिस्थिती में भी बिहार की सरकार जल-नल घोटाला करने में व्यस्त है। पंचायत के अधिकार को छिन कर मंत्री स्तर पर दिया जा रहा है ताकि राशी का बंदरबाट हो सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चाहती है कि हर खेत के लिए बिजली की व्यवस्था हो, इसके लिए बिहार सरकार को किसान फीडर के लिए पूरा पैसा दे दिया है।इसके बाद भी बिहार में यह प्रोजेक्ट दो साल पीछे चल रहा है।यहां पूरी तरह सिस्टम फेल है। टेंडर हो चुका है।बावजूद , ट्रांसफर्मर,पोल,तार नही लग रहा है।

इधर, मंत्री संजय झा के द्वारा जल समस्या को लेकर नेपाल सरकार से बात किये जाने की बात को लेकर सांसद डॉ जायसवाल ने कहा कि इनको पूरा विश्वास है कि इनके द्वारा जो भी तटबंध बनाये गये है, वह पानी में बह जाने है। इसलिए अपनी नाकामी का ठिकरा पहले से केन्द्र सरकार पर थोपने की तैयारी है। रक्सौल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक पांडेय,पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद शंकर सिंह, वरुण सिंह, रक्सौल विधान सभा संयोजक अजय पटेल,नगर पार्षद रवी गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

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