रक्सौल।(vor desk)।आशा संयुक्त संघर्ष मंच के तत्वाधान में रक्सौल प्रखंड की आशा कार्यकर्ताओं और फैसीलेटेरो ने 9सूत्री मांग को ले कर गुरुवार को केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जम कर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। रक्सौल अनुमंडल अस्पताल परिसर में आयोजित विरोध कार्यक्रम में मोदी नीतीश खोलो कान,आशा को सरकारी सेवक घोषित करो,आशा को दो सरकारी वेतन मान, वेतन मान लागू करो,नही तो गद्दी छोड़ दो,आशा का बकाया राशि भुगतान करो,आशा फैसिलेटरो को भत्ता दो,फूल नहीं चिंगारी है, हम भारत की नारी है,तानाशाही नही चलेगी,लाठी डंडे की सरकार नही चलेगी जैसे नारे लगाते हुए घंटो प्रदर्शन किया।
आशा संघ के रक्सौल इकाई अध्यक्ष सुदामा देवी और सचिव माला देवी के नेतृत्व में हुए विरोध कार्यक्रम में मांग किया गया कि सरकार 2019के समझौते के अनुरूप मुकदमे की वापसी के साथ ही सरकारी दर्जा देने सहित अन्य अकार्यान्वित बिन्दुओं को शीघ्र लागू करे।आशा कार्यकर्ताओं और फैसिलेटरो को राज्य निधि से देय 1000रुपए मासिक संबंधी संकल्प में अंकित परितोषिक शब्द को बदल कर नियत मासिक मानदेय किया जाए और इसे बढ़ा कर 10हजार रुपए किया जाए।इस मद का वित्तीय 2019 अप्रैल से -2020 नंवबर तक का मासिक बकाया राशि समेत अश्विन पोर्टल शुरू होने के पूर्व का सभी बकाया राशि जल्द भुगतान किया जाए।पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।भुगतान में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी पर रोक लगाया जाए।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांग को पूरा नहीं किया गया तो व्यापक आंदोलन और अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।मौके पर सुनैना देवी, चानकी देवी,मौरेजा खातून,शिला देवी,आशा देवी,कलिता देवी,लीलावती देवी समेत अन्य आशा कार्यकर्ता और फैसिलेटर शामिल थीं।धरना प्रदर्शन के बाद उन्होंने आशा प्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा।(रिपोर्ट /पीके गुप्ता)