Monday, November 25

जगन्नाथपुरी की तर्ज पर वीरगंज में निकली ‘गहवा माई रथ यात्रा’,उमड़ा आस्था का जन सैलाब

रक्सौल ।(vor desk)।नेपाल में शक्ति पीठ की मान्यता रखने वाले वीरगंज स्थित सुप्रसिद्ध गहवा माई मंदिर के जीर्णोद्वार कर अत्याधुनिक मंदिर निर्माण के 11वें वार्षिकोत्सव पहली बार भव्य और ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली गयी। मंगलवार को निकले इस रथयात्रा में हिंदू धर्मावलंबियों और दर्शनार्थियों का विशाल जन सैलाब उमड़ पड़ा। कड़ी सुरक्षा के बीच निकली यह रथ यात्रा नगर परिक्रमा के बाद मंदिर परिसर में वापस लौट कर समाप्त हुई।इस दौरान भक्तगण गहवा माई की जयजयकार करने के साथ भक्ति गीत पर झूमते देखते गए।इस अवसर पर मां दुर्गा,शिव पार्वती समेत विभिन्न धार्मिक झांकी आकर्षक का केंद्र रही।

इस रथ यात्रा का आयोजन श्री गहवा माई रथ यात्रा समिति ने किया था।आयोजन समिति के अध्यक्ष श्याम पोखरेल ने बताया कि गहवा माई मंदिर का इतिहास तो सदियों पुराना है, लेकिन नव निर्मित मंदिर के 11 वर्ष पूरा होने पर यह रथयात्रा निकाली गयी है। रथ की आकृति पूरी तरह मंदिर की तरह ही है। हम लोग इस बार की रथ यात्रा के सफलता के बाद अब हर साल रथ यात्रा निकालने की तैयारी में हैं। रथयात्रा में वीरगंज ही नहीं, नेपाल के परसा जिला,बारा जिला ,रौतहट जिला,मकवानपुर जिला के साथ-साथ भारत के पूर्वी व पश्चिमी चंपारण से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।

*मंदिर में दो दिन आयोजित है उत्सव

आयोजन समिति के महासचिव लक्ष्मी नारायण प्रसाद ने बताया कि मंदिर में वार्षिकोत्सव को लेकर दो दिनों का उत्सव आयोजित है। शुरुवात सोमवार की संध्या पूजा अर्चना के साथ हुई।जबकि,मुख्य उत्सव के तौर पर मंगलवार को रथ यात्रा एवं संध्या देवी जागरण समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित था। बुधवार को 56भोग और पूजन के बाद भक्तों के बीच महा प्रसाद का वितरण किया जाना है। मंगलवार को निकाली गयी रथयात्रा की शोभा देखते ही बन रही थी। हजारों भक्तों की भीड़ के बीच मंदिर के आकृति का बना रथ श्रद्धा का केंद्र रहा।रथ को खींचने के साथ ही दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु आतुर रहे।जगह जगह फूलो की बारिश की गई। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु देवी गीतों पर झुमते नजर आए।

*आयोजन से बढ़ेगी आस्था


कभी हिंदू राष्ट्र रहे नेपाल में यह रथ यात्रा काफी चर्चे में रही।लोक आस्था के केंद्र गहवा माई मंदिर में दर्शन पूजन की भीड उमड़ पड़ी।
वीरगंज महानगरपालिका के मेयर राजेशमान सिंह खुद इसकी मोनेट्रिंग करते रहे। उन्होंने आयोजन समिति का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों के अंदर आस्था पैदा होती है। खासकर युवा जो पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में आ रहे हैं, इस तरह के आयोजन से उनका झुकाव सनातन धर्म के प्रति हो रहा है। यह अच्छी बात है। रथयात्रा को लेकर मंदिर समेत पूरे वीरगंज को दुल्हन की तरह सजाया गया है। जगह-जगह पर श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए जल , जूस,फल, समेत कई तरह के स्टॉल लगाये गये थे। वीरगंज महानगरपालिका ने रथयात्रा के मॉर्ग पर पानी का छिड़कांव कराया।

लकड़ी का रथ ,मंदिर सा शक्ल

समिति से जुड़े राजन कुमार ने बताया कि यह रथ भगवान जगन्नाथ मंदिर के रथ के तर्ज पर लकड़ी से बनाई गई है जिसमें सखुआ व शीशम की लकड़ी का प्रयोग हुआ है। रथ का पहिया भी लकड़ी से ही निर्मित है। भारत और नेपाल के 10 हुनर मंद कारीगर ने यह रथ महीने भर दिन रात एक करके बनाया है,जिस पर करीब 20लाख की लागत आई है। यह रथ 15 फिट ऊंचा है।

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