रक्सौल।(vor desk)।प्रधानमंत्री बनने बनाने से बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम को फुर्सत नहीं है।स्वास्थ्य मंत्रालय डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास है। वे दफ्तर में बैठते ही नहीं है,इसलिए उनसे मुलाकात भी नही होती।इसी कारण बिहार में स्वास्थ्य सेवा का बंटा धार हो चला है।अस्पताल डॉक्टर और दवा की कमी से जूझ रहा है।उक्त बातें रक्सौल के भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने रक्सौल स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के औचक निरीक्षण के बाद पत्रकारों से कही।उन्होंने कहा कि यदि बिहार में एनडीए सरकार होती तो रक्सौल में 100बेड का सभी सुविधा संसाधन युक्त अनुमंडलीय अस्पताल बन गया होता।तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने पिछले वर्ष 50बेड के अस्पताल उद्घाटन के वक्त यह घोषणा भी की थी।उन्होंने कहा कि अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेट प्लांट की स्थापना भी होनी थी,जो नही हो सका है ।उन्होंने कहा कि मैंने बिहार विधानसभा में रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल में सुविधा संसाधन बहाली के लिए आवाज उठाई थी। इस कड़ी में रक्सौल में अल्ट्रा साउंड सेवा की सुविधा बहाल हो गई है। मेनी फोल्ड ऑक्सीजन प्लांट से हरेक बेड पर ऑक्सीजन संचालन की सुविधा बहाली कर दी गई है।इस सेवा के संचालन के लिए ऑपरेटर बहाल कर दिया गया है।स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि दो एमडी डॉक्टर की पोस्टिंग भी जल्द ही होगी।जिसको ले कर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आश्वासन दिया है।
विधायक ने कहा कि रक्सौल सीमावर्ती शहर है, जहां मॉडल अस्पताल की स्थापना से मरीजों को काफी सुविधा हुई है।हमारी प्राथमिकता है कि जल्द हीसभी सुविधा,संसाधन बहाल हो सके।