Sunday, November 24

भेलाही में कच्छा बनियान गैंग के डकैती का सीसीटीवी फुटेज आया सामने, एसपी ने गठित किया डकैती निरोधक दल,बरामद बम किया गया निष्क्रिय

*,भेलाही में पुलिस ने बरामद किया बम के अवशेष,कारतूस,गैस कटर,सिलेंडर आदि,जांच जारी

*महदेवा स्थित पोखरा में बरामद बम को मुजफ्फरपुर से पहुंचे बम डिस्पोजल दस्ता ने किया डिस्पोज


रक्सौल।(vor desk)। वर्ष 2001-2002में सीमा क्षेत्र में नेपाली डकैतो के वारदातो और अपहरण की घटनाओं पर तब अंकुश लग गई थी,जब भारत नेपाल सीमा पर अटल सरकार ने एस एस बी की तैनाती की थी।इस बार जब कच्चा बनियान गिरोह का आतंक सीमा क्षेत्र में बढ़ा है और लगातार डकैती हो रही है,ऐसे में एसएसबी की अकर्मण्यता और विफलता चर्चा का विषय बन गई है।ग्रामीण बीस पच्चीस वर्ष पहले की डकैती के दहशत और इसके बचने के लिए रात जग्गा की कहानी को सुना रहे हैं और उसे याद कर एक बार फिर सिहर रहे हैं कि पता नही अगला निशाना कौन हो..!

इधर,बिहार पुलिस ने इस डकैती की वारदात को चुनौती के रूप में लिया है।पूर्वी चंपारण के एसपी कांतेष कुमार मिश्रा ने-‘ हैं तैयार हम के नारे ‘के साथ डकैती की वारदातो पर अंकुश लगाने हेतु 5 डकैती निरोधक दल का गठन किया गया। गठित दल घोड़ासहन, महुआवा, आदापुर, कुण्डवाचैनुर एवं रक्सौल थाना में कैम्प करेंगे तथा प्रतिदिन लूट एवं डकैती में संलिप्त अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी हेतु सघन छापामारी करेंगे। एसपी ने बताया की मोतिहारी पुलिस द्वारा विगत दिनों हो रही डकैती की घटनाओं के 2 लाईनर समेत घोड़ासहन थानाक्षेत्र से 1 देशी कट्टा, 2  कारतूस व 1 मोटरसाईकिल के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति डकैती, लूट एवं आर्म्स एक्ट के काण्डों में वांछित अभियुक्त है।

वहीं, भेलाही में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं।जिसमे पुलिस ने डकैतो के चेहरे और भेष भूषा , हाव भाव का पता लगाया है।इस पर बारीक अनुसंधान हो रही है।डीएसपी धीरेंद्र कुमार का कहना है कि जल्द ही डकैती में शामिल गैंग को पकड़ लिया जाएगा।

एसपी के निर्देश पर डीएसपी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में रक्सौल,सुगौली, पलनवा और भेलाही ओपी की टीम भेलाही में जांच पडताल में जुटी रही।इस टीम में रक्सौल इंस्पेक्टर नीरज कुमार,सुगौली इंस्पेक्टर अभय कुमार , पलनवा थानाध्यक्ष प्रभाकर पाठक आदि समेत अन्य पुलिस अधिकारी शामिल थे।

पुलिस ने घटना स्थल समेत डकैतो के भागने के रास्ते की तलाशी ली। जहां से बम के अवशेष,कारतूस,गैस कटर, छोटा गैस सिलेंडर,और सिंदुरदानी आदि सामग्री को बरामद किया है।

यह साफ हो गया है कि डकैत भेलाही बाजार से एक किलो मीटर दूर नेपाल सीमा में सरेह के रास्ते भाग निकले।

सीसीटीवी फुटेज में डकैतो का चेहरा दिख रहा है।जिसमे उनकी उम्र बीस पच्चीस से साठ वर्ष तक बताई जा रही है।इसमें थारू मूल के डकैत भी दिख रहे हैं।डकैत,हिंदी,भोजपुरी,नेपाली , मैथली के साथ अंग्रेजी भी बोलते बताए गए हैं।सूत्रों ने बताया कि चिमनी व्यापारी धनंजय कुमार गुप्ता के घर में घुसने के बाद कनपटी पर पिस्टल सटाने के साथ ही मारपीट कर बंधक बना लिया।बताया गया कि घर में घुसने के बाद डकैतो ने सीसीटीवी कैमरे को लाठी से टेढ़ा कर दिया समेत बिजली के तार को काट कर बिजली गुल कर दिया,मोबाइल नियंत्रण में लिया ।

महादेवा में बरामद 9बम को किया गया डिस्पोज

महदेवा, घोड़ाशहन और भेलाही में हुई चार डकैती में समानता रही है की सभी डकैत कच्छा बनियान में थे।अधिकांश चेहरा ढके थे।डकैती के दौरान परिजनों को जख्मी या हत्या जैसी घटना को अंजाम नही दिया है।धनाढ्य लोगों को ही गैंग ने निशाना बनाया है।

सूत्रों ने बताया कि डकैतो ने वारदात में स्प्रे बम जैसे हैंड मेड बम का प्रयोग किया है।जो बहुत शक्तिशाली नही था,मगर आवाज तेज करता है और धुवां का गुब्बार बना देता है,जिससे उन्हें आसानी होती है।जो बम का अवशेष मिला है,पुलिस उसकी फोरेंसिक जांच में जुटी है,ताकि,इसकी वास्तविक क्वालिटी का पता लग सके।

बताते हैं कि भेलाही बाजार में बीच आबादी वाले क्षेत्र में इस तरह की डकैती की घटना बड़ी बात है।घर में घुसे पंद्रह बीस डकैत के आलावा बाहर भी बीस पच्चीस से ज्यादा डकैत निगरानी और घेराबंदी में थे।

बताते हैं कि पुलिस सूचना मिलते ही कोई पंद्रह बीस मिनट में पहुंच गई,जिसके बाद मुठभेड़ हुई।जैसे ही पुलिस पहुंची, घर से सौ मीटर की दूरी पर ही डकैतों ने बम विस्फोट शुरू कर दिया। मुशहरवा की ओर गश्त में गए एएसआई शंभू प्रसाद साह जब पहुंचे तो उनके पास अपना आर्म्स नही था।सूत्रों का कहना है की एएसआई रैंक के अधिकारियों को पुलिस विभाग द्वारा आर्म्स मुहैया नही कराया गया है।ऐसे में पुलिस जवानों ने अपने आर्म्स से फायरिंग की।दूसरी टीम नहर चौक से आई थी।बम बाजी के कारण उनकी मुखर भूमिका नही दिखी।वहीं,सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम में होम गार्ड के जवान भी थे,जो किसी काम के नहीं निकले।आर्म्स भी अत्याधुनिक नहीं थे।ऐसे में पुलिस की सीमा सुरक्षा के नाम पर की गई तैयारी की पोल खुल गई।तो,एसएसबी के निष्क्रिय रोल ने बॉर्डर की सुरक्षा के लिए समीक्षात्मक स्थिति पैदा कर दी है।

एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने मीडिया को बताया की पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है।

घटना स्थल पर जांच को पहुंचे एसपी से पीड़ित व्यापारी धनंजय कुमार गुप्ता ने आर्म्स का लाइसेंस देने की मांग की।इस दौरान यह वाकया सामने आया कि गांव में चार पांच लोगों के पास आर्म्स का लाइसेंस था,लेकिन, वह उनके पूर्वज के नाम से था,जिसका रिन्यूअल नही होने से जमा हो गया।ऐसे में डकैतो के आगे ग्रामीण विवश और निहत्थे रहे।

इस बीच,पीड़ित धनंजय गुप्ता की पत्नी सुनीता गुप्ता ने बताया कि पुलिस के आने की सूचना मिलते ही डकैत भागने की मुद्रा में आ गए।उन्होंने कुछ सामानों की बांधी हुई मोटरी भी छोड़ भागे।हालाकि,वे 15लाख नकदी,कोई 35 लाख केआभूषण और कीमती समान ले भागे।फिलहाल,पीड़ित परिवार ने वारदात को ले कर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन पुलिस को दिया है,जिस पर अग्रतर करवाईं शुरू कर दी गई है।

पूरे प्रकरण पर पूर्व मुखिया सह भाजपा नेता अजय पटेल एसएसबी और पुलिस की भूमिका पर क्षुब्ध दिखे। उन्होंने कहा की सूचना पर पुलिस बिना तैयारी के पहुंच गई,इससे मुठभेड़ के बीच डकैत भाग गए।यदि पुलिस देर करती तो बड़ी घटना होती,कई घरों को निशाना बनाया जाता।क्योंकि,डकैत पूरी तैयारी के साथ 50 से ज्यादा की संख्या में थे।

सूत्रों और ग्रामीणों का कहना है कि घटना से कुछ दिन पहले से डकैत गिरोह की रेकी चल रही थी। कुछ संदिग्ध एस्कार्पियो से भेलाही बाजार बार बार आ जा रहे थे।

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