Monday, November 25

सीएम नीतीश ने सीमावर्ती रक्सौल में जिस महादेवा पोखरा का किया था दीदार,उसी पोखरा में मिला एक झोला बम!

*डकैती करने आए गिरोह की इलाके को दहलाने की थी योजना,उन्हीं के द्वारा बम छुपा कर रखने की आशंका

*बम मिलने की सूचना पर एसएसबी के अधिकारियों को झेलना पड़ा आक्रोश

रक्सौल । (Vor desk)।सीमावर्ती रक्सौल के नोनेयाडिह पंचायत के महदेवा में सोमवार को व्यवसाई सह कृषक अरुण सिंह के घर हुई भीषण डकैती की घटना के बाद महदेवा पोखरा के पास बुधवार को बम बरामद किया गया है।इस सूचना से हड़कंप रहा।आशंका है कि डकैती के दौरान इलाके को बम विस्फोट से दहलाने की योजना थी।

मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल की सीमा से एकदम करीब एक झोले में रखे गये बम को जब ग्रामीणों ने देखा तो इसकी जानकारी पुलिस को दी।सूत्रों के मुताबिक,पोखरा में मछली मारने गए मछूवारो ने जाल फेंका,तो ,पैर और जाल में एक झोला फंसा मिला।झोला निकालते ही सभी के होश फाख्ता हो गए,क्योंकि,झोले के अंदर काले रंग के डिब्बे में करीब आठ से दस पीस बम था।सूचना के बाद अफरा तफरी के बीच भिड़ लग गई।

इधर,जानकारी मिलते ही डीएसपी धीरेंद्र कुमार और पुलिस इंस्पेक्टर निरज कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीम मौके पर पहुंचे और इलाके को सील करके सर्च अभियान शुरू किया गया।जहां से बम बरामद किया गया है, वहां बियर की खाली बोतले भी बरामद की गयी है।हालांकि समाचार लिखे जाने तक थैले को निगरानी में रखा गया था।बम को निष्क्रिय करने के लिए मुजफ्फरपुर से बम निरोधक दस्ता के आने का इंतजार किया जा रहा था।

इस दौरान एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट एम ब्रोजन सिंह भी पहुंचे। जहां उन्हें ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा।आक्रोशित लोगों ने आरोप लगाया कि डकैती के दौरान सूचना देने जाने पर कैंप में एक जवान तक नही थे,जबकि,तस्करी कराने और तस्करो से पैसे वसूलने में वे मशगुल रहते हैं।आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों से’ गो बैक ‘तक की मांग कर दी।

पुलिस इंस्पेक्टर निरज कुमार ने बताया कि पान में प्रयोग किये जाने वाले जर्दा के डिब्बा के आकार का पैकिंग है, जो बम की तरह प्रतित हो रहा है. एहतिहातन वहां लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गयी है तथा बम निरोधक दस्ता को सूचना दिया गया है। उनके आने के बाद ही साफ हो पायेगा कि इसमें क्या है।वहां पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गयी है।जहां बम बरामद किया गया है, ऐसे में इसको लेकर कई तरह की चर्चा भी हो रही है।पुलिस के साथ-साथ एसएसबी के अधिकारियों ने भी इस स्थल का निरीक्षण किया है।

गौरतलब है कि महादेवा में जहां डकैती हुई,वहां से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर यह पखरा है।जिसे ऐतिहासिक बताया जाता है।इसके सौंदर्यीकरण के लिए खुद सीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में निरीक्षण कर विकसित करने का निर्देश दिया था और 98 लाख रुपए का आवंटन हुआ था।पोखरा के एक छोर पर महदेवा का सरकारी स्कूल और दूसरे छोर पर उतर दिशा में बॉर्डर पिलर है।ऐसे में अपराधियो के लिए इससे मुफीद जगह और नही हो सकती। वहां नेपाली शराब,बीयर कैन और मिनिरल वाटर की बोतल मिलने के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि डकैतो ने डकैती से पूर्व वहां इक्ट्ठा हुए, शराब का सेवन किया और फिर धावा बोला।लेकिन,यह सवाल अनुत्तरित है कि वहां बम छूट गया या छुपा गए।या फिर कुछ और मामला है।इन पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है।यह चर्चा का विषय बना हुआ है की एसएसबी के दो दो कैंप रहने के बावजूद सीमा पर बम कैसे मिला?क्या यह सीमा सुरक्षा से लापरवाही नहीं है?

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