Tuesday, November 26

आर्मी मैन की पिटाई का मुद्दा बिहार विधान सभा में,विधायक पवन जायसवाल और प्रमोद सिन्हा ने की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कारवाई की मांग!

रक्सौल।(vor desk)।आर्मी के जवान की पिटाई के मुद्दे पर भाजपा बिहार सरकार को सदन में घेरते दिख रही है। रक्सौल पुलिस की कार्यशैली पर सदन का ध्यानाकर्षण कराने के बाद यह मामला गंभीर हो गया है। साथ ही सियासी सरगर्मी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर में चर्चा का विषय बने आर्मी जवान के पिटाई के मुद्दे को
पूर्वी चंपारण के दो भाजपा विधायक ने मंगलवार को विधान सभा में उठाया है।साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों कर्मियो पर अविलंब कारवाई की मांग की है।

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बिहार विधान सभा के शून्य काल में यह मामला विधायक पवन जायसवाल और प्रमोद कुमार सिन्हा द्वारा उठाया गया।दोनो भाजपा विधायक इस मामले पर चुप बैठने के मूड में नहीं है,बल्कि,करवाई ना होने पर नीतीश सरकार को कठघड़े में खड़ा करने की तैयारी में  दिख रहे हैं।

इस मामले को एक ओर रक्सौल विधान सभा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने बिहार विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम23के तहत लोक महत्व के विषय पर शून्य काल की सूचना के तहत  बिहार विधान सभा के सचिव के समक्ष यह मामला उठाया।जिसमे कहा गया कि पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया निवासी भारतीय आर्मी के जवान राधा मोहन गिरी बेवजह पीटा तथा झूठे मुकदमे में रक्सौल कांड संख्या 85/23के आलोक में जेल भेज दिया गया।
इस मामले में श्री सिन्हा ने मांग किया कि सरकार उच्च स्तरीय जांच कराए तथा सेना के जवान को रिहा कर दोषियों के विरुद्ध करवाई करे।

वहीं,ढाका विधान सभा क्षेत्र के विधायक पवन कुमार जायसवाल ने भी आज ही शून्य काल में इस मामले को सदन में उठाया ।उन्होंने  सदन का ध्यानाकर्षण किया की आर्मी जवान राधा मोहन गिरी को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया और उल्टे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया गया।उन्होंने भी मांग किया कि सरकार उच्च स्तरीय जांच कराए तथा सेना के जवान को रिहा कर दोषियों के विरुद्ध करवाई करे।

विधायक श्री जायसवाल ने बताया कि बिहार विधानसभा में शून्यकाल के माध्यम से सरकार को अवगत करने वास्ते सेना के जवान श्री राधामोहन गिरी का मामला डाला था , परन्तु सदन से विपक्षी सदस्यो के वाक आउट करने के कारण बहस नहीं हो सका, लेकिन सरकार के संज्ञान में मामला गया है, आवश्यकता हुई तो पुनः इस मामले को सदन में लाया जाएगा ।

बता दे की आर्मी जवान रामगढ़वा से अपनी पत्नी काजल देवी और साली को मैट्रिक की परीक्षा दिलाने रक्सौल आ रहे थे,इसी बीच  सड़क जाम के बीच  उनके कार  से रक्सौल के  एक बुजुर्ग तैय्यब मिया को ठोकर लग गई और हाथ फ्रेक्चर हो गया,जिस पर बात बढ़ गई।बाद में आपसी सहमति और इलाज ,क्षति पूर्ति के कथित आश्वासन के बाद परीक्षा के लिए हजारी मल परीक्षा केंद्र जाने दिया गया।वहां पहुंचे सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने कार को थाना ले जाने का निर्देश दिया।आर्मी जवान ने   कार को नागा रोड में खड़ा किया,जो थाना से कुछ ही दूरी पर है।इसके बाद पुलिस कार के पास पहुंची।वायरल वीडियो में सब इंस्पेक्टर कार से निकाल कर तमाचा जड़ते दिख रहे हैं।फिर भिड़ होती है,जवान भी गाली देता है।उसके बाद सब इंस्पेक्टर पुलिस टीम को बुलाते हैं और यह कहते है की यह आर्मी का जवान है।मेरी मां को गाली दी है । इसके बाद पुलिस टीम जवान को बुरी तरह पिटती हुई, दौड़ाते ,गाली देते थाना ले जाती है।पत्नी और साली के सामने की यह घटना जब सोशल मीडिया पर आई और पुलिस दिवस मना रहे बिहार पुलिस की फजीहत शुरू हुई तो सब इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसपी कांतेश मिश्र ने रक्सौल एएसपी चंद्र प्रकाश को जांच का आदेश दिया।वहीं,आर्मी जवान के विरुद्ध केश दर्ज कर जेल भेज दिया गया।अब भूतपूर्व सैनिक संघ और जवान के समर्थक आन्दोलन पर हैं।आंदोलनकारियों का आरोप है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह पहले से विवादित रहे हैं।

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