रक्सौल ।(vor desk)।सीमावर्ती रक्सौल में अचानक सायरन की आवाज गूंज उठी,तो अफरा तफरी मच गई।एंबुलेंस और फायर बिग्रेड अलर्ट मोड पर थी।स्ट्रेचर पर घायलो और शव को एंबुलेंस में रखा गया। तुरंत फस्ट एड और इलाज की पहल हुई।यह दृश्य रेल हादसे का था,जिससे निपटने की कवायद हो रही थी।दरअसल,गृह मंत्रालय के निर्देश पर रेल हादसे से निपटने के लिए मंगलवार को यहां मॉक ड्रिल कराई गई।जिसका उद्देश्य रेल हादसे होने पर त्वरित तौर पर कैसे निपटा जाएं।
बता दे की रक्सौल से भेलवा रूट पर फाटक संख्या 35 के पास रेल हादसे की यह मॉक ड्रील हुई।गौरतलब है की रक्सौल सीमा क्षेत्र होने के कारण काफी संवेदनशील है।साथ ही आतंकियों के हिट लिस्ट में रहा है,ऐसे में किसी भी जोखिम के प्रति सतर्क रहना निहायत जरूरी है।
अधिकारियों के मुताबिक, हादसे की स्थिती में कैसे रेलवे के सभी विभाग के साथ जिला प्रशासन व अन्य सहयोगी एंजेसियों के सहयोग से राहत और बचाव का कार्य किया जाये,इसी के लिए यह मॉक ड्रिल हुआ।
मॉक ड्रील में सब कुछ इस तरह हुआ, जैसे सही में कोई ट्रेन हादसा हुआ हो।
मॉक ड्रील के दौरान पहले ट्रेन को पटरी से उतारा गया और इसके बाद एनडीआरएफ के साथ-साथ रेलवे व जिला प्रशासन के सहयोग से राहत और बचाव का कार्य किया गया। जिसकी शुरूआत करीब 10 बजकर 10 मिनट पर हुयी और दो घंटे तक मॉक ड्रील चलाने के बाद स्थिती को पूरी तरह से नियत्रंण में होने की घोषणा की गयी। मौके पर नोडल पदाधिकारी के रूप में मौजूद पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर मंडल के एडीआरएम मनीष शर्मा ने बताया कि मॉक ड्रील में ट्रेन संख्या 05542 नरकटियागंज से रक्सौल सवारी गाड़ी के एक कोच संख्या 93245 का अवपथन दिखाया गया।अवपथन होने के साथ ही स्टेशन पर हुटर बचा और इसकी जानकारी सभी अधिकारियों के साथ-साथ एनडीआरएफ को दी गयी।रेलवे के लोग मौके पर पहुंचे और ट्रेन में फंसे हुए यात्रियों को निकालने की कोशिश करने लगे।इसी बीच एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गयी और गैस कटर की मदद से बोगी को काट कर फंसे हुए यात्रियों को निकाला गया।यह सब कुछ मॉक ड्रील का हिस्सा था, लेकिन सबकी रिर्पोटिंग विधिवत तरीके से की जा रही थी, ताकि भविष्य में यदि इस तरह का कोई हादसा हो तो इसको लेकर हमलोग पहले से तैयार रहें।इधर, एनडीआरएफ 9वीं वाहिनी बिहटा के सहायक सेनानायक जे पी प्रसाद ने बताया कि आपदा के किसी भी तरह की स्थिती में एनडीआरएफ अपने देश के नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर रहती है। मॉक ड्रील में हमारी टीम ने पूरा सहयोग किया है और जब-जब आपदा की स्थिती में एनडीआरएफ की जरूरत होती है, टीम मदद के लिए पहुंच जाती है। इन सब के बीच सिविल प्रशासन से एसडीओ आरती, एएसपी चंद्रप्रकाश, बीडीओ संदीप सौरभ भी घटनास्थल पर पहुंचे और सारी प्रक्रिया के बारे में बारिकी से जानकारी ली।इसके साथ ही पूर्व मध्य रेलवे स्कॉउट गाइड समस्तीपुर, एनसीसी 25 वीं बिहार बटालियन हजारीमल हाई स्कूल के बच्चें भी इस मॉक ड्रील में शामिल हुए। जबकि मेडिकल सहायता के लिए रेल अस्पताल नरकटियागंज, रेल अस्पताल मोतिहारी के साथ-साथ अनुमंडलीय अस्पताल रक्सौल की टीम मॉक ड्रील की जगह पर मौजूद रही।
मौके पर सिनीयर डीइएन II संजय कुमार, सिनीयर डीएसओ प्रवीण कुमार ,सिनीयर डीसीएम चंद्रशेखर प्रसाद, सिनीयर डीईई टीआरडी भीमसेन सिंह, एई टीआरडी सुनिल कुमार, एईएन अखिलेश्वर मिश्रा के साथ-साथ स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह, डीसीआई संजय कुमार, यातायात निरीक्षक धीरेन्द्र कुमार,आरपीएफ के सहायक सेनानायक एम के राय, एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर सूरज कुमार, सीडब्लूएस उमेश कुमार, आइओडब्लू एस के झा, एसएसई विद्युत प्रशांत कुमार मिश्रा, सिंगनल विभाग के पदाधिकारी सतीश कुमार प्रेमी, अग्निशामक पदाधिकारी रवि शंकर प्रसाद, जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर ऋतु राज कश्यप, स्टेशन मास्टर मनीष कुमार सिंह, मनोज कुमार, सतीश जायसवाल सहित सैकड़ो की संख्या में रेल कर्मी, सुरक्षा बल के जवान मौजूद थे।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)