*सरकारी नौकरी व घोषित सुविधा की हुई मांग
रक्सौल।(vor desk )। भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव समारोह मनाया जा रहा हैं।वहीं,देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीद जवान का परिवार बदहाली में है।रक्सौल के ब्लॉक रोड मौजे में रहने वाले शहीद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह की पत्नी, बेटी और बेटा बदहाली का जीवन जी रहे है,लेकिन,कोई सुधी लेने वाला नहीं है। जब रक्सौल। प्रखण्ड के सिसवा के मूल निवासी लक्ष्मी सिंह के पुत्र जितेंद्र सिंह कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे तो पूरा रक्सौल उस दिन रो रहा था और अंतिम विदाई के लिए जन सैलाब उमड़ पडा था। अधिकारी से लेकर स्थानीय लोग तक भावविह्वल थे।आज की हालत यह है कि शहीद जितेंद्र सिंह की पत्नी रोते हुए बताती है कि उस समय कई लोग लाखों-हजारों का चेक दे गए, जिससे लगा कि घर की माली हालत सुधर जायेगी, परंतु यहां तो उल्टा हो गया। शहीद की पत्नी ने बताया कि जो चेक उन्हे मिले थे, जब वो चेक बैंक में भजाने गई तो पता चला कि उसमें तो पैसे ही नही है, और ऐसा कई बार हुआ।
इस सूचना से आहत होकर कपड़ा बैंक की निदेशिका सह इंडो-नेपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता की पत्नी ज्योति राज गुप्ता गुरुवार को अपनी टीम के साथ शहीद जितेंद्र सिंह के घर पहुंच गई, जिन्हें देख शहीद की पत्नी के आंखों से अविरल आँशु के धारा फूट पड़े। फिर श्रीमती गुप्ता ने उन्हें हिम्मत दिया और हर कदम साथ निभाने की बात कहीं। साथ ही उन्होंने सहयोग के रूप में इक्कीस हजार रुपए नकद देने के साथ शहीद की पत्नी, बेटियां और बेटा को वस्त्र प्रदान की। इस श्रीमती गुप्ता काफी भावुक हो गई। वायदों व घोषणाओं के बावजूद शहीद के घर टूटे-फूटे स्थिति में है। शहीद की पत्नी अपने दो बेटियों और एक बेटा के साथ जैसे-तैसे गुजर-बसर कर रही हैं। बेटियां कॉलेजों में पढ़ती है, जबकि बेटा मैट्रिक में। अब इस संबंध में श्रीमती गुप्ता ने यहां के अधिकारियों के माध्यम से सरकार से यह मांग की है कि घर में कम से कम एक सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि शहीद का परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत करें। मौके पर सीता देवी, चंपा देवी, पूनम देवी, शकुंतला देवी, उर्मिला देवी, नीलम देवी, मधु देवी व सुषमा देवी आदि मौजूद थी