रक्सौल।( vor desk )।द बर्निंग ट्रेन बने ‘रक्सौल-नरकटिया गंज भाया सिकटा डेमू ट्रेन संख्या 05541 के पिछले इंजन में रविवार को हुई आगलगी की घटना को ले कर रेल महकमे ने जांच टीम गठित कर दी है।
विभाग मामले को ले कर गम्भीर दिख रहा है,क्योंकि, हो हल्ला पर यदि ड्राइवर ने सूझ बूझ का परिचय देते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा कर ट्रेन को नही रोका होता अथवा इसमे विलंब होता ,तो,बडी घटना हो सकती थी।इसमे शक नही यह घटना अपने आप मे बड़ी थी।लेकिन,राहत यही रही कि यात्रियों कोई क्षति नही हुई।राहत कार्य के बाद जले इंजन को हटा कर करीब साढ़े आठ बजे ट्रेन को नरकटियागंज के लिए रवाना कर दिया गया।वहीं,जले इंजन को रक्सौल लाया गया और गहन जांच पड़ताल शुरू कर दी गई।
रक्सौल से भेलवा स्टेशन के बीच सरेही पुल के पास करीब 6 किलोमीटर ही यह ट्रेन पहुंची थी कि आग की तेज लपटें व निकलता धुंवा लोगों को डरा दिया।स्थिति भयावाह बन गईं।संयोग यह रहा कि आग लगी पर काबू पा लिया गया।
बताते हैं कि स्थानीय एरीया मैनेजर सुधांशू मल्लीक के नेतृत्व में टीम वहां सूचना मिलते ही पहुंच गई।आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एम के राय सुरक्षा व आगलगी नियंत्रण की मॉनिटरिंग में सक्रिय दिखे।वहीं मंडल वाणिज्य निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम के द्वारा परेशान यात्रियों को राहत उपलब्ध करायी गयी। रेलवे के द्वारा विशेष परिस्थिती के जीप की भी व्यवस्था की गयी थी। लगभग 4 घंटे तक फायर बिग्रेड की टीम आग पर काबू पाने की कोशिश करती रही, तब जाकर 9 बजकर 30 मिनट के आसापास इस पर काबू पाया गया।इधर, डीआरएम समस्तीपुर के निर्देश पर अपर मंडल रेल प्रबंधक जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में आये सिनीयर डीएमई रविश रंजन व सिनीयर डीएसओ प्रवीर कुमार के द्वारा मामले में शुरूआत जांच की गयी है।
इस मामले को लेकर डीआरएम के द्वारा एक चार सदस्यीय टीम का भी गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच कर रिर्पोट सौपेंगी।रक्सौल पहुंचे एडीआरएम श्री सिंह ने बताया कि घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
आतंरिक किसी खराबी के कारण ही आग लगी है। रिर्पोट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। आग पर काबू पाने में रक्सौल कोचिंग डीपो के ज्योति शंकर सिन्हा, सुमित कुमार, नरकटियागंज के शिव कुमार गुप्ता के साथ-साथ टीआई धीरेन्द्र कुमार, प्रभारी एसएस मनीष कुमार, सतीश कुमार, भेलवा के स्टेशन अधीक्षक प्रेम श्रीवास्तव, एएसएम मणी भूषण समेत पूर्व रेल कर्मी भुवनेश्वर प्रसाद सहित अन्य की भूमिका काफी सराहनीय रही।
रेलवे के द्वारा जले हुए डेमू इंजन के रैक को रक्सौल स्टेशन पर लाकर रखा गया है, जहां पर इसकी चेकिंग चल रही है।जांच में यह विषय शामिल है कि इंजन में आगलगी रक्सौल रेलवे स्टेशन से हुई या ट्रेन खुलने के बाद रास्ते मे हुई?चालक दल को सिक्युरिटी अलर्ट मिला था या नहीं?क्या रक्सौल स्टेशन पर कड़ी इस डेमू ट्रेन की नियमित जांच में लापरवाही हुई?क्या इंजन में तकनीकी खराबी थी?हालांकि, इन सवालों का जवाब जांच के बाद ही मिलेगा।जांच जारी है।