रक्सौल ।( vor desk )।एकीकृत जाँच चौकी ( ICP) एवं भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में विश्व योग दिवस मनाया गया। आइसीपी परिसर में आयोजित योग शिविर में आइसीपी के सभी आला अधिकारी , कर्मी , एसएसबी के कमांडेंट समेत पुरुष एवं महिला जवान , भारत विकास परिषद के सदस्य एवं नगर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्यों साथ ही बड़ी संख्या नगर के नागरिकों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की ।
कार्यक्रम का शुभारंभ पं. जय भगवान शर्मा के संयोजन में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आइसीपी प्रबंधक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह , इमिग्रेशन पदाधिकारी ए.के.पंकज, योग गुरु कृष्ण कुमार भरतिया एवं परिषद के उपाध्यक्ष कमल मस्करा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से हुआ ।इस मौके पर अपने उद्बबोधन में आइसीपी प्रबंधक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म, आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है।योग केवल व्यायाम नहीं है बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है।योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर में होने वाले बदलावों को सहन करने में सहायक हो सकता है।
वहीं ,योग गुरु कृष्ण कुमार भरतिया ने कहा कि योग सबके सुखद और स्वस्थ जीवन के लिए सर्वोत्तम है । योग ईश्वर के द्वारा दिया गया वरदान है जो कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए सर्वोत्तम है । श्री भरतिया ने यह भी कहा कि योग के आठ अंग –
यम , नियम , आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान और समाधि है। जिसके तहत व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है । आज जबकि सारा विश्व अशांति एवं आतंक के साये में जी रहा है , ऐसे में योग को अपनाने वाले देशों में निश्चित रूप से एक गुणात्मक परिवर्तन आ रहा है , जिससे खतरे में पड़ी मानवता को नया जीवन मिलेगा ऐसी उम्मीद बलवती हो रही है, ऐसा मेरा मानना है ! योग हमारी बुद्धि , भावना और कर्म को विकसित करने में सहायता करता है !
योग एक ऐसा जीवनपयोगी विज्ञान है जिसको हर व्यक्ति अपने जीवन में सरलता से अपना सकता है,जन जन तक पहुंचाने का कार्य कर मानवता की सेवा कर सकते है ! योग अंतर्यात्रा करने की वैज्ञानिक पद्धति है और परमात्मा से जुड़ाव की पद्धति है ।वहीं भरतिया ने योग के कई आसनों के बारे में बताया तथा सूर्य नमस्कार के बारे म़े भी विस्तार से बताते हुआ कहा कि एक सूर्य नमस्कार से अनेक फायदे ह़ैं जिसमें सर्वाइकल ,पीठ दर्द, सरदर्द, शरीर की अकड़न को ठीक होता है। धमनी को खोलता है,मस्तिष्क को शांत , आँखों की रोशनी को बढ़ाता है।अस्थमा को खत्म करता है , शरीर को निरोग रखता है तथा जोड़ो के दर्द में आराम प्रदान करता है ! इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को योग निश्चित ही अपनाना चाहिए।
परिषद के सेवा एवं संस्कार संयोजक सुनील कुमार ने इस बात को रेखांकित किया कि पिछले सात वर्षों में योग को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है तभी तो पूरी दुनिया योग की तरफ उन्मुख हो रही है वो अपने आप में महत्वपूर्ण है। योग के जरिये कई असाध्य बीमारियों से बचा जा सकता है। जिस तरह विश्व के कई देशों ने योग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई उसे कमतर नहीं आँका नहीं जा सकता है।उम्मीद है इस वर्ष भी विश्व के अधिकांशतः देश विश्व योग दिवस को एक नयी प्रतिबद्धता से अपनाने की दिशा में अग्रसर होंगे जिससे स्वस्थ दुनिया की परिकल्पना साकार हो सके।
कार्यक्रम के अंत में परिषद के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने आइसीपी प्रबंधन तथा शिविर में शामिल सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।योग शिविर सफलीभूत करने में परिषद के सचिव नीतेश कुमार सिंह , उमेश सिकारिया ,सीता राम गोयल, सुनील कुमार, अवधेश सिंह ,योगेंद्र प्रसाद, सुरेश धनोठिया, सुनील कुमार,रवि भरतिया ,दिनेश प्रसाद, प्रशांत कुमार, मनोज सिंह ,विजय कुमार साह, धर्मनाथ प्रसाद डॉ. एस.के.सिंह ,आशिष कुमार,अरविंद जायसवाल एवं शांति प्रकाश ने उल्लेखनीय योगदान दिया । वहीं रक्सौल चेम्बर महासचिव आलोक कुमार श्रीवास्तव , मारवाड़ी महिला सम्मेलन की वीणा गोयल , संगीता धानोठिया , शिखारंजन तथा ,पूर्णिमा भारती , चंद्रशेखर भारती , आइसीपी कर्मी , एसएसबी जवान समेत नगर के सैकड़ों गणमान्य नागरिकों ने शिविर का लाभ लिया । इसकी जानकारी परिषद के मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने दी है।