रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल में नव निर्मित अनुमण्डल अस्पताल सोमवार से विधिवित संचालन में आ गया है।इसके चालू होने से सीमाई क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी होगी।इलाज के लिए मरीजो को दर दर नही भटकना होगा।बता दे कि पिछले 5 जून को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल व विधायक प्रमोद सिन्हा की उपस्थिति में इस 50 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया था।इस दौरान उन्होंने घोषणा किया कि शीघ्र ही यह अस्पताल 100 बेड का होगा।
इधर,उद्घाटन के बाद से इसके संचालन की प्रतीक्षा थी,जो अब पूरी हुई।बताया कि बीएमएसआईएल द्वारा हैंड ओवर करने की प्रक्रिया में विलंब हुआ,जिस से संचालन में रोड़ा अटका रहा ।इस बाबत अनुमण्डल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके सिंह ने बताया कि सोमवार से अस्पताल संचालन में आ चुका है। जांच व इलाज शुरू हो गई है।शीघ्र ही अल्ट्रासाउंड, एक्सरे समेत सुविधाओं की बहाली के विभागीय प्रयास जारी हैं।
मरीजो में उत्साह:अस्पताल के विधिवत संचालन में आने से मरीजो में उत्साह दिखा।पहले दिन करीब 200 से ज्यादा रजिस्ट्रेसन हुआ।दवा काउंटर पर भी भीड़ थी।ओपीडी में डॉ राजीव रंजन मरीजो को लगातार देख रहे थे।
2015 में बना था डीपीआर:रक्सौल में करीब 1986 में रेफ़रल हॉस्पिटल का निर्माण शुरू हुआ।लेकिन,यह सपना अधूरा रह गया।अर्ध्द निर्मित भवन को हटा कर पीएचसी परिसर के उसी स्थल पर इस अनुमण्डल अस्पताल निर्माण हुआ।जो 100 बेड के लिए प्रस्तावित है।जिंसमे करीब 16 करोड़ की लागत से बीएमएसआईएल द्वारा 50 बेड के जी वन भवन को तैयार किया गया है।
ठेका कम्पनी रामा एंड संस्( पटना )ने इसका निर्माण किया है।विभाग के डिजाईनर रवि रंजन ने बताया कि 2015 में इस अत्याधुनिक अस्पताल भवन का डीपीआर बना।इसके बाद तत्कालीन पीएचसी प्रभारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने अस्पताल ने अथक प्रयास किया।उसके बाद 22 सितंबर 2020 में इसका शिलान्यास वर्चुअल रूप में सीएम नीतीश कुमार व रक्सौल में डॉ अजय कुमार सिंह ने किया।हालांकि,भूमि पूजन कर कार्य पहले ही चालू हो गया था।2021 में इस अस्पताल भवन को बन जाना था।
लेकिन,कोविड काल के कारण थोड़ा विलंब हुआ।सांसद डॉ संजय जायसवाल व विधायक प्रमोद सिन्हा के अथक प्रयास के बाद यह चालू हुआ है।इससे सीमाई क्षेत्र के लोगों में काफी हर्ष है।
क्या है सुविधा:यह अस्पताल भवन भूकम्प रोधी,एसटीपीइटी ( सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) व ग्रीन कन्सेप्ट युक्त होने के साथ ही फायर एलार्म,फायर फाइटिंग पाइप लाइन,ब्लूड स्टोरेज यूनिट,आईसीयू समेत सभी बेड पर मेडिकल गैस पाइप व पूर्ण वातानुकूलित होगा।इसमे निचले तल पर ओपीडी,एक्सरे
ईसीजी,अल्ट्रासाउंड,प्रयोगशाला, आदि की सुविधा होगी।जबकि, प्रथम तल पर आईपीडी की सेवा मिलेगी।जिंसमे आइसीयू (4 बेड )
दो मोडलर ओटी,
एचड्यु -4 बेड( हाई डिपेंसी यूनिट ),इमरजेंसी सेवा ( आकस्मिक कक्ष ),डिलीवरी सूट ,न्यू बोर्न वार्ड ( नवजात शिशु वार्ड),एंटी नेंटल वार्ड( गर्भवती महिलाओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष ),आइसोलेशन वार्ड 2 मौजूद है।
डॉक्टर व जीएनएम पदस्थापित:इस अनुमण्डल अस्पताल के लिए कुल चार चिकित्सक व 24 जीएनएम की पोस्टिंग हुई है।अनुमण्डल असप्ताल के उपाधीक्षक डॉ एसके सिंह ने बताया कि इस हॉस्पिटल में फिलहाल डॉ हिमांशू, डॉ प्रिया साह,डॉ अनमोल व डॉ विलमेश को यहां विभाग द्वारा पदस्थापित किया गया है।जबकि, एक लैब टेकिनीशियन की यहां पोस्टिंग है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के नही होने से फायदा नहीं:अनुमंडलीय अस्पताल का उद्घाटन तो हो गया,लेकिन,आधी अधूरी स्थिति में।इस अस्पताल को गाईनी समेत एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नही मिला है।जो आये भी,वे अस्पताल चालू होने की प्रतीक्षा करते करते तबादला करा कर चले गए।वही,अल्ट्रासाउंड, एक्सरे जैसी सुविधाएं भी नही है।अभी तक स्थायी तौर पर बिजली का कनेक्शन भी नही जुटा है।जरनेटर तक नही है।ऐसे में इस अस्पताल की स्थिति’ऊंची दुकान,फीकी पकवान’वाली दिख रही है।लोगों में इस स्थिति से मायूसी है।