काठमांडू/लुम्बिनी/रक्सौल।( vor desk )।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 मई, 2022 को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल के लुम्बिनी जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा के निमंत्रण पर लुम्बिनी की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह वर्ष 2014 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री मोदी की पांचवीं नेपाल यात्रा होगी।इससे पहले वे 2014 व 2018 में गए थे।अंतिम बार जनकपुर व मुक्ति नाथ की सांस्कृतिक-धार्मिक यात्रा की थी।वर्ष 2019 में चुनाव जीतने के बाद यह पहला दौरा है।
बताया गया है कि पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जन्मभूमि लुंबिनी से विश्व को शांति का संदेश देंगे। इस मौके पर पीएम बौद्ध तीर्थस्थलों को रेल और सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना का एलान कर सकते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक,प्रधानमंत्री मोदी लुम्बिनी में पवित्र मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री नेपाल सरकार के तत्वावधान में लुम्बिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा आयोजित किए जाने वाले बुद्ध जयंती कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।
इसके साथ ही अलग से तय एक कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री लुम्बिनी मठ क्षेत्र के भीतर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी), नई दिल्ली के एक भूखंड पर बौद्ध संस्कृति और विरासत के लिए एक केंद्र के निर्माण के लिए ‘शिलान्यास’ समारोह में भाग लेंगे। यहां दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक भी होगी।
नेपाली विदेश मंत्रालय के अनुसार लुंबिनी में दोनों प्रधानमंत्री नेपाल-भारत सहयोग और आपसी हितों के मामलों पर द्विपक्षीय वार्ता और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा हमारी ‘पड़ोस पहले’ नीति को आगे बढ़ाते हुए भारत और नेपाल के बीच नियमित उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखेगी। यह यात्रा दोनों ही देशों के लोगों की साझा सभ्यता की विरासत को रेखांकित करती है।
भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, वह स्थानीय समयानुसार अपराह्न 10 बजे लुम्बिनी पहुंचेंगे और शाम पांच बजे लौट जाएंगे।
लुम्बिनी नेपाल के तराई मैदानी इलाके में स्थित है और यह बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।
पीएम मोदी ने कहा-‘यात्रा का उद्देश्य समय की कसौटी पर खरे उतरने की’
अपने दौरे से पहले जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि पिछले महीने देउबा की भारत यात्रा के दौरान हुई “लाभप्रद” चर्चा के बाद वह फिर से नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात करने को उत्सुक हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष कई क्षेत्रों में साझा समझ बनाना जारी रखेंगे जिसमें पनबिजली, विकास और संपर्क शामिल है। मोदी ने नेपाल यात्रा से पहले रविवार को जारी बयान में कहा, ‘‘हमारे नेपाल के साथ संबंध अद्वितीय हैं। भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत और लोगों से लोगों के संबंध हमारे करीबी रिश्तों की स्थायी इमारत पर खड़े हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इस यात्रा का उद्देश्य समय की कसौटी पर खरे उतरे इन संबंधों को और मजबूत करना है, जिन्हें सदियों से पोषित किया गया है और ये हमारे आपसी मेलजोल के लंबे इतिहास में दर्ज हैं।’’
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि 16 मई को मोदी और देउबा के बीच होने वाली बातचीत का व्यापक एजेंडा होगा।
भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव क्वात्रा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ दौरे में शामिल होंगे।
पीएम मोदी की यात्रा को लेकर लुम्बिनी को दुल्हन की तरह सजाया गया है।सुरक्षा व्यवस्था काफी चुस्त दुरुस्त बनाई गई है।इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी है।एसपीजी पहले से कैम्प कर रही है।प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए विशेष तौर पर चार हेलीपैड बनाए गए हैं।
*विशेष पूजन में लेंगे भाग
बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर माया देवी मंदिर में होने वाले विशेष पूजा अर्चना में उनके साथ नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी भी होंगी। गौरतलब है, माया देवी मंदिर में होने वाली विशेष पूजा अर्चना में केवल तीन लोग- प्रधानमंत्री मोदी, नेपाल के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी की पत्नी ही शामिल होंगी। इस विशेष पूजा अर्चना को 3 पुजारी करवाएंगे।
2014 में मोदी ने लगाया था बोधिवृक्ष
माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में स्थित पवित्र पुष्कर्णी तालाब की परिक्रमा करेंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में अशोक स्तंभ की परिक्रमा करेंगे और उसके बाद उन्हीं के द्वारा 2014 में भेजा गया बोधि वृक्ष, जो कि माया देवी मंदिर परिसर में लगाया गया है, वहां पानी डालेंगे। माया देवी मंदिर के मुख्य इंचार्ज खगेंद्र के मुताबिक माया देवी मंदिर में व्यापक तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी जिस जगह पर जाते हैं, उसका प्रचार प्रसार होता है और हमें यकीन है कि इस दौरे के बाद यहां का भी काफी विकास होगा।
चीन ने भैरवा में तैयार किया एयरपोर्ट
पीएम मोदी के इस दौरे पर चीन की गहरी नजर होगी। काफी समय से चीन नेपाल को एक मोहरे की तरह प्रयोग कर रहा है। नेपाल को अपने पाले में रखने के लिए चीन ने भैरवा में गौतम बुद्ध इंटरनेशनल एयरपोर्ट तैयार किया है। यह लुंबिनी से 15 किलोमीटर दूर है। इसमें चालीस अरब नेपाली रुपए खर्च हुए हैं। चीनी प्रभाव वाले इस एयरपोर्ट का उद्घाटन भी सोमवार यानी कि 16 मई को होगा। उम्मीद जताई जा रही थी कि उद्घाटन वाले दिन पीएम मोदी इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे और यहां से लुम्बिनी जाएंगे। ऐसे में इस एयरपोर्ट की वैश्विक मार्केटिंग भी हो जाती। लेकिन पीएम मोदी ऐसा नहीं करेंगे। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से नेपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।(लुम्बिनी से गणेश शंकर )