रक्सौल ।( vor desk)। रक्सौल रेलवे स्टेशन पर एक समारोह के बीच दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस को एलएचबी कोच के साथ रवाना किया गया।एलबीएच कोच लगने से यह ट्रेन राजधानी सुपरफास्ट के लुक में दिख रही है।यात्री सुरक्षा दृष्टिकोण से यह काफी फायदेमंद होगी।
रक्सौल स्टेशन से एलबीएच कोच युक्त ट्रेन को कैरेज विभाग से अगले माह रिटायर होने वाले कर्मी राम विलास यादव व रामेश्वर राम ने हरी झंडी दिखायी।
इस दौरान उपस्थित रेल अधिकारियों ने बताया कि अब तक सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन आइसीएफ रैक के साथ चलती थी।अब एलएचबी का कोच लगा है,जो पूर्णतया आधुनिक है और इसमें यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव होगा। सत्याग्रह एक्सप्रेस के तीनों कोच को एलएचबी रैक में बदला जा रहा है।साथ ही, इसमें पहले से एक एसी थ्री टॉयर का कोच भी बढ़ा दिया गया है।अब सत्याग्रह एक्सप्रेस में जनरल के चार कोच, स्लीपर के 7, एसी तिसरी श्रेणी के 6, एसी टू टीयर के 2 व एसी प्रथम कोच के साथ द्वितीय श्रेणी के 1 कोच लगाया गया है।
यह ट्रेन एचओजी तकनिक से चलेगी। जिसके तहत ओवरहेड वॉयर से बिजली लेकर ट्रेन के कोच में इसकी सप्लाई दी जायेगी।
स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि रक्सौल स्टेशन से एलएचबी कोच लगने वाली ट्रेन में सत्याग्रह भी शामिल हो गई है।जो काफी सुविधायुक्त व आराम दायक होगी।एलएचबी कोच से ट्रेन काफी तेज गति से चलती और सफर भी काफी आरामदायक होगा। साथ ही दुघर्टना होने पर कोच एक दूसरे पर नही चढ़ते। अलग अलग हो जाते जिससे काफी कम मात्रा नुकसान होता है। यात्री अधिक सेफ रहते है।
मौके पर एएमई सुधांशू मल्लीक, एसएस अनिल कुमार सिंह, सीडब्लूएस उमेश कुमार, टीआई धीरेन्द्र कुमार, डिप्टी एसएम मनीष कुमार, दीपक कुमार, रूप नारायण, जहांगीर आलम, विकास कुमार, दिनेश उरांव सहित अन्य मौजूद थे।
आपत्ति के बाद भी लगी अंत्योदय की बोगी:
दुःखद पहलू यह है कि सत्याग्रह एक्सप्रेस के लिए दो अत्याधुनिक रैक रक्सौल आई थी।जिसे अन्यत्र भेज दिया गया।आपत्तियों के बाद भी अंत्योदय एक्सप्रेस समेत अन्य पुराना एलएचबी रैक लगा कर इसे रवाना किया गया।जिससे नाराजगी दिखी।लगातार मांग उठ रही है कि जो नई रैक आई थी,उसे यहां वापस किया जाए।