Tuesday, November 26

भारत विकास परिषद ने मनाया स्वामी विवेकानंद की जयंती,व्यक्तित्व व कृतित्व पर हुई चर्चा!

रेलवे पार्क में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रयासरत है परिषद : डॉ. राजेन्द्र

रक्सौल ।( vor desk )। स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती पर भारत विकास परिषद रक्सौल शाखा ने उन्हें याद किया । कोरोना प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन करते हुए जयन्ती समारोह का यह कार्यक्रम शहर के कौड़िहार चौक स्थित परिषद के कार्यालय में संपन्न हुआ ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ । वन्देमातरम गीत के बाद भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर पुष्प चढ़ा श्रद्धा -सुमन अर्पित किया गया । प्रतिकूल मौसम के बावजूद कार्यक्रम में अधिकांश सदस्य शामिल हो अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित की ।इस मौके पर परिषद के वरीय सदस्य अवधेश सिंह ने स्वामीजी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर गहन प्रकाश डाला तथा उन्होंने यह भी बताया कि स्वामी विवेकानंद पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत एवं मार्गदर्शक हैं ।स्वामी जी ने यह दिखा दिया कि बड़ा कार्य करने के लिए लम्बी आयु की जरूरत नहीं है । वे युवाओं के लिए आदर्श हैं तथा युवाओं को उनके जीवन से सीख लेकर स्वयं अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए ।वहीं अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कि पूरा देश इस वर्ष “आजादी के अमृत महोत्सव” के रूप में मना रहा है , तथा इस वर्ष को और अधिक यादगार बनाने के लिए रक्सौल रेलवे पार्क में स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का नवनिर्माण अत्यंत सुखद होगा बशर्ते रेल महकमा इसके निर्माण में आ रही बाधाओं व तमाम तकनीकी समस्याओं को दुरुस्त कर इजाजत दें तब? हालांकि परिषद निजी कोष से प्रतिमा स्थापित करने के लिए इस दिशा में लगातार प्रयासरत है ।प्रतिमा स्थापित होने से जनमानस विशेषकर युवाओं में वैश्विक क्षितिज को भारतीय अध्यात्म एवं सुगंध से सुवासित करने वाले युवा सन्यासी , भारतीय मेघा के अप्रतिम प्रतिमान , युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी का कृतित्व एवं व्यक्तित्व जीवंत होगा । देश की वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर स्वामी विवेकानंद जी की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गयी है तथा उन्होंने यह कहते हुए चेताया कि आज हम सभी जब तक संगठित एवं सशक्त नहींं होंगे तब तक देश सशक्त नहीं होगा। आज देश में कई विभाजनकारी तत्व देश में अराजकता की स्थिति पैदा कर रहे हैं। देश को हर नागरिक को ऐसे तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है जो भ्रम एवं संशय की स्थिति पैदा कर रहे हैं ! आज हमारे देश में युवाओं की सबसे बडी़ संख्या है वे दिग्भ्रमित न हों तथा इसके लिए हम सबों को विवेकानंद जी के संदेशों को एक युवा-युवा आत्मसात करने के लिये प्रेरित करने की आवश्यकता है तो निश्चय ही देश की दशा व दिशा सुधरेगी न बल्कि विश्व गुरु बनने की दिशा में भारत एक कदम और अग्रसर होगा !वहीं परिषद के मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को सही मार्ग दिखाया है और उन्हें भी उसी मार्ग का अनुशरण करना चाहिए । तभी भारत विश्व गुरु के रुप में प्रतिष्ठित हो सकता है । वहीं संस्कार संयोजक एवं संगठन संयोजक सुनील कुमार एवं नीतेश सिंह ने स्वामी विवेकानंद जी को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंदजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब हम मन वचन एवं कर्म से उनके सिद्धांतों एवं आदर्शों को आत्मसात कर राष्ट्र के समग्र उत्थान के लिए सतत् प्रयत्नशील रह़ें ।इस मौके पर परिषद के सचिव उमेश सिकारिया, वित्त सचिव सीताराम गोयल, दिनेश प्रसाद , प्रांतीय पदाधिकारी विजय कुमार , रमेश कुमार,सुनील कुमार, अजय कुमार, नीतेश कुमार , मनोज सिंह, प्रशांत कुमार, डॉ.प्रो. अनिल कुमार, कमल मस्करा, सुनील कुमार गुप्ता ,शिवपूजन प्रसाद, भैरव गुप्ता, संतोष गुप्ता पूर्व प्रमुख पप्पू प्रमुख ,सुरेश धनोठिया, द्वारिका सर्राफ, ध्रुव सर्राफ ,टुन्नू गुप्ता , धर्मनाथ प्रसाद , शंकर प्रसाद, अरविंद जायसवाल आदि उपस्थित रहे ।इसकी जानकारी परिषद के मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने दी है ।

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