Saturday, November 23

एसडीओ के बॉडीगार्ड द्वारा लाठी भांजने पर आक्रोश,बैठी पंचायत,डीएसपी ने शांत कराया मामला

नगर परिषद के चयनित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए अड़े है ग्रामीण,कहा-हर कीमत पर मंदिर बनेगा
रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल नगर परिषद के द्वारा कम्पोजिट पिट व कचरा डंपिंग सेंटर के लिए चयनित भूमि पर मंदिर निर्माण को ले कर बवेला थम नही रहा है।धनगढ़वा कौड़िहार पंचायत अंतर्गत कौड़िहार चौक के पास उक्त स्थल पर शनिवार की शाम इकत्रित लोगों पर अनुमण्डल पदधिकारी के अंगरक्षकों के द्वारा कथित रूप से लाठी भांजने व दुर्व्यवहार करने के मामले को ले कर आक्रोश भड़क गया।और मामला गर्म होने के बाद रविवार को पंचायत बैठ गई।जिसमे उक्त प्रकरण पर गहरी नाराजगी जताते हुए आक्रोश व्यक्त किया गया।कार्रवाई की मांग की गई।कांग्रेस नेता राम बाबू यादव,राजद नेता सुरेश यादव ,पूर्व उप प्रमुख नायब आलम,पूर्व मुखिया मुन्नी चौधरी ,रालोसपा नेता सुनील कुशवाहा समेत सैकड़ो ग्रामीणों ने एक स्वर से निंदा की और कहा कि जब प्रशासन खुद से मंगलवार को समाधान के लिए बैठक बुलाई तो यह दो रँगी नीति अख्तियार कर क्यो ग्रामीणों से मार पीट की गई।उन्होंने कहा कि इसके लिए माफी मांगनी होगी।अन्यथा हम आंदोलन करेंगे।

बाद में इस मामले में डीएसपी संजय कुमार झा व इंस्पेक्टर अभय कुमार समेत अन्य अधिकारी पहुचे।और काफी जद्दोजहद से मामले को शांत कराया।और कहा कि मंगलवार को बैठक कर सभी पक्षो से वार्ता कर समस्या समाधान किया जाएगा।

बता दे कि रक्सौल नगर परिषद ने कचरा डंपिंग के लिए मंदिर व पूजा-पाठ वाले इलाके का चयन कर लिया है। जिसका ग्रामीण खुले रूप से कड़ा विरोध कर रहे हैं।उक्त स्थान पर पहले से पूजा अर्चना की जाती है। यहां पर देवी का स्थान भी है।शनिवार से ग्रामीणों के सहयोग से वहां मंदिर का निर्माण और भजन कीर्तन शुरू किया गया। तब उस पर रोक लगाने गए नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारी को आक्रोशित ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच उत्पन्न विवाद बवाल में तब्दील होगया। आस पास के सैकड़ों ग्रामीण वहां पहुच कर नगर परिषद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।इस मामले के नगर परिषद के उपसभापति काशीनाथ प्रसाद के साथ एसडीओ अमित कुमार एसडीपीओ संजय झा वहां पहुंच कर तत्काल मंदिर निर्माण कार्य पर रोक लगाई।ग्रामीण अड़े रहे।लेकिन,तत्काल कार्य बंद कर दिया।परन्तु,निर्माण सामग्री स्थल पर ही रहा।
बताते है कि शनिवार की शाम में मोतिहारी से लौट रहे एसडीओ वहां पहुचे।वहाँ लोग मौजूद थे।इसी बीच एसडीओ के अंगरक्षकों ने कथित तौर पर लाठी चार्ज कर दिया।जिसमें कुछ ग्रामीण चोटिल हो गए।यह बात गांव में फैली तो आक्रोश भड़क गया।रविवार को पंचायत बैठ गईं।और कहा गया कि पीड़ित ग्रामीणों से माफी मांगे।किसी तरह मामला सुलझ सका।
हालाकि, एसडीओ अमित कुमार ने बॉडीगार्ड के द्वारा ऐसे किसी तरह की घटना से इनकार किया।उन्होंने कहा कि वहां भीड़ थी।जिसे हटाया गया।वहां विद्युत जोड़ने का कार्य किया जा रहा था।जिसके बाद विद्युत उपकरण आदि नियंत्रण में लिए गए।जिसे लौटा दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि नगर परिषद को एलॉट किये गए इस जमीन पर मंदिर निर्माण पर रोक लगाई गई है।दंडाधिकारी को तैनात किया गया है।

बता दे कि नगर परिषद द्वारा कचरा डंपिंग के लिए एक कट्ठा 19 धुर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। जो की सरकारी भूमि है। मगर ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पूर्वज दशकों पूर्व से यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। इसी स्थान पर प्रत्येक वर्ष धाजा यानी झंडा पड़ता है। यहां पर दशकों पूर्व से बरगद का पेड़ है। उसके पच्चास मीटर की दूरी पर सौमे माई का मंदिर स्थापित है। जहां प्रत्येक वर्ष सावन के सप्तमी के रोज पूजा अर्चना करनेवाले लोगों का भीड़ लगी रहती है। भंडारा का भी आयोजन होता है। नगर परिषद द्वारा जिस जगह को अधिग्रहण किया गया है। उसी स्थान पर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके पूर्व में भी इस मामले को लेकर पंचायत हुई थी। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। किसी भी हाल में हमलोग यहां कचरा डंपिंग नही होने देंगे।

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