रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल के धनगढ़वा कौड़िहार गावँ अंतर्गत कौड़िहार चौक स्थित नगर परिषद के द्वारा ‘ कम्पोजिट पीट’ के लिए चयनित भूमि पर ग्रामीणों के मंदिर निर्माण शुरू किए जाने से प्रशासन सकते में आ गई।उक्त स्थल पर प्रशासन के उपस्थिति में मंदिर निर्माण चलता रहा।वहां उपस्थित ग्रामीण जय श्री राम का नारा लगाते रहे।यह दिन भर चले मंदिर निर्माण के मामले पर पुलिस-प्रशासन की भूमिका मूक दर्शक की रही। ग्रामीणों के तेवर देख कर उनके हौसले पस्त हो गए।
स्थानीय वाशिंदों का यह आरोप है कि नगर परिषद ने कचरा डंपिंग के लिए मंदिर व पूजा-पाठ वाले इलाके का चयन कर लिया है। जिस कारण इसका कड़ा विरोध किया गया और साफ कहा कि किसी कीमत पर यहां कूड़ा कचरा नही गिरने दिया जाएगा।क्योंकि यह देवी स्थान है।
ग्रामीण इस बात से ज्यादा आक्रोशित हैं कि यह पँचायत का क्षेत्र है।जबकि,नगर परिषद ने इसका बिना पंचायत को सूचना दिए व ग्रामीणों के विश्वास में लिए स्थल चयन कर लिया है।जबकि, प्राचीन काल से ही यहाँ पूजा अर्चना की जाती रही है।
बताया गया कि शनिवार को अहले सुबह ग्रामीणों के सहयोग से उक्त स्थल पर मंदिर का निर्माण के साथ भजन कीर्तन शुरू हुआ। सूचना मिलते ही प्रशासन व नगर परिषद सक्रिय हो गई।मौके पर नगर परिषद के सिटी मैनेजर लाल देव यादव ,अभियंता अजय शंकर,सफाई निरीक्षक रामनरेश कुशवाहा,रक्सौल थाना के एसएसआई गौतम कुमार आदि इस निर्माण पर रोक लगाने पहुचे। इस दौरान नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारी को आक्रोशित ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा।यहां तक कि नौबत झड़प की बन गई। नगर परिषद के खिलाफ जम कर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की गई।
सूत्रों ने बताया कि नगर परिषद ने इस भूमि पर मिट्टी भराई की थी।और शीघ्र इस पर निर्माण शुरू करने की योजना थी।तब तक शनिवार को मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने की खबर मिली।इसके बाद नगर परिषद के उपसभापति काशीनाथ प्रसाद के साथ एसडीओ अमित कुमार एसडीपीओ संजय झा वहां पहुंच कर तत्काल मंदिर निर्माण कार्य पर रोक लगाई।लेकिन,ग्रामीण अड़े रहे।
नगर परिषद सूत्रों के कार्यपालक पदाधिकारी गैतम आनंद ने बताया कि कचरा डंपिंग व कम्पोजिट पिट निर्माण के लिए एक कट्ठा 19 धुर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। जो कि सरकारी भूमि है।
ग्रामीणों ने इस मामले पर नगर परिषद को कठघडे में खड़ा किया।कहा कि यहां हर हाल में मंदिर ही बनेगा। हमारे पूर्वज दशकों पूर्व से यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। इसी स्थान पर प्रत्येक वर्ष धजा यानी झंडा आयोजन व पूजा पाठ होता है। यहां पर दशकों पूर्व से बरगद का पेड़ है। उसके पच्चास मीटर की दूरी पर सौमे माई का मंदिर स्थापित है। जहां प्रत्येक वर्ष सावन के सप्तमी के रोज पूजा अर्चना करनेवाले लोगों का भीड़ लगी रहती है। भंडारा का भी आयोजन होता है।
बताया गया है कि उक्त स्थान पर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके पूर्व में भी इस मामले को लेकर पंचायत का आयोजन हुआ था। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका था।अब बजरंग बली सेवा समिति नामक कमिटी गठित कर दी गई है।ग्रामीण एकजुट हैं।इस दौरान मुखिया पति नयाब आलम,पंचायत समिति पति देवेन्द्र पासवान,सरपंच पति इकबाल ,पूर्व मुखिया, मुन्नी चौधरी समेत राम जन्म गिरी,बद्री नारायण दास आदि ने कहा कि नगर परिषद व प्रशासन को जन भावना का सम्मान करना चाहिए।यदि ऐसा नही हुआ।तो जरूरत पर आंदोलन भी किया जाएगा।
इस बाबत एसडीएम अमित कुमार ने कहा कि यह भूमि नगर परिषद द्वारा कचरा डंपिंग के लिए एलॉट कराया गया है। जिसपर ग्रामीणों द्वारा मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था। उक्त विवादित स्थल मंदिर निर्माण पर रोक लगाते हुए दंडाधिकारी तैनात किया है। इस बाबत एसडीपीओ संजय कुमार झा ने बताया कि ग्रामीणों और नगर परिषद के अधिकारियो के साथ मिलकर पंचायत कर मामले का निपटारा किया जायेगा।इसके लिए सभी पक्षों को बुलाया गया है।
फिलवक्त,काफी पूर्व से उक्त स्थल क्षेत्र में कूड़ा गिराए जाने व तीन माह से इस चयनित स्थल पर मिट्टी भराई के बाद अचानक मंदिर निर्माण से अटकलों का बाजार गर्म है।विधिज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2004 से सार्वजनिक स्थल पर किसी भी धार्मिक स्थल व संस्था निर्माण पर रोक लगा रखी है।यह अब भविष्य में पता लगेगा कि कम्पोजिट पिट व कूड़ा डंपिंग साइट बनेगा या फिर मंदिर निर्माण पूर्ण होगा।या इन सब के बीच कुछ नया गुल खिलने वाला है।