रक्सौल।(vor desk )।अंतिम व 11 वें चरण के पंचायत चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है।मंगलवार को कड़ी सुरक्षा में मतगणना हुई।मोतिहारी डायट में हुई मतगणना की मॉनिटरिंग डीएम शीर्षत कपिल अशोक कर रहे थे।इस क्रम में रक्सौल प्रखण्ड के 13 पँचायत का चुनाव परिणाम सामने आया।जिंसमे तीन पंचायत के मुखिया ही अपनी कुर्सी बचा पाये।बदलाव की बयार में 10 मुखिया हवा हो गए।
चुनाव परिणाम की घोषणा के तहत पंटोका पंचायत से मुखिया प्रत्याशी सुमन चौरसिया विजयी हुईं।हरनाही पंचायत से मुखिया पद के प्रत्याशी मो0 जफीर जीत गए। सिसवा पंचायत से मुखिया पद के प्रत्याशी मुखिया रामनारायण राय दुबारा चुनाव जीत गए।वहीं,लक्ष्मीपुर लक्ष्मणवा से शैल देवी भी दुबारा चुनाव जीत गईं।धनगढ़वा कौड़िहार से मुखिया तबस्सुम आरा फिर विजई हुई हैं।
इसी तरह लौकरिया पंचायत से अशोक कुमार सिंह जीत गए।तो,जोकियारी पंचायत से मुखिया पद के प्रत्याशी राजू महतो जीत कर सँघर्ष के बूते बदलाव की गाथा लिखी। नोनिया डीह पंचायत से मुखिया रूबी देवी चुनाव जीत गई हैं।वहीं,हरदिया पंचायत से मुखिया पद पर कबीर आलम की जीत हुई है।
पलनवा जगधर ग्राम पंचायत के मुखिया प्रभा देवी चुनाव जीत गई। पखनहिया पंचायत से धीरज कुमार मुखिया निर्वाचित हुए हैं। जैतापुर से मुखिया प्रत्याशी राजु सिंह जीत गए।भेलाही पंचायत से मुखिया पद पर सुमन पटेल जीत गईं।वहीं पुरेन्द्रा पंचायत से मुखिया पद से श्री राय नट जीत दर्ज कराई है।परसौना तपसी से फरहत आरा ने जीत दर्ज कराई हैं।
जिला पार्षद में इनकी जीत:क्षेत्र संख्या 1 से पूर्व मुखिया नबी हसन जिला पार्षद निर्वाचित हुए हैं।वहीं,क्षेत्र संख्या 2 से राजद नेता मंजू साह की पत्नी सुनीता देवी चुनाव जीत गईं।
पंचायत समिति पद में किसकी हुई जीत:घमासान लड़ाई के बीच पनटोका पंचायत से पूर्व मुखिया श्याम पटेल व शम्भू दास की जीत हुई।हरनाही में माजदा खातून जीती।धन गढ़वा कौडिहार से मीणा देवी,हरदिया से शहबाज अहमद व नुरबानी खातून,नोनेयाडीह से प्रभु साह व लालमती देवी,पलनवा जगधर से राम अवध सिंह व लाल बाबू प्रसाद,लक्ष्मीपुर लक्ष्मणवा से राम प्रसाद महतो,सिसवा से सुरेश साह , जोकियारी से लीलावती देवी ,भेलाही से धनवंती देवी,पूरनद्रा से नजमा खातून व इंदु देवी,लौकरिया से कामेश्वर बैठा तथा परसौना तपसी से मुनि देवी व फुलनेशा खातून ने जीत दर्ज कराई है।सिसवा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य व रक्सौल प्रखण्ड प्रमुख रहे राम बाबू यादव अपनी कुर्सी नही बचा सके।