रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित बन्ध्याकरण शिविर में कुव्यवस्था का आलम व्याप्त दिखा।ठंड के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद फर्श पर गद्दा बिछा कर सुला दिया गया।यही नही सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन भी जम कर हुआ।क्योंकि,बंध्याकरण के बाद महिलाओं के साथ उनके परिजनों को भी रहने की इजाजत दे दी गई थी।मजे की बात तो यह है कि उसमें नवजात व बच्चे साथ थे।जिनमें संक्रमण फैलने की आशंका थी।
मिली जानकारी के मुताबिक,केंद्र में मेरी स्टॉप्स को बंध्याकरण के लिए अधिकृत किया गया है।ऊक्त एजेंसी के द्वारा लगातार तीसरी बार बंध्याकरण किया गया।शनिवार को कुल 19 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया।जिन्हें रात में मातृ एवं शिशु सदन के बरामदे में ऑपरेशन के बाद भेड़-बकरी की तरह ठूस कर फर्श पर ही सुला दिया गया।हालांकि, उन्हें गदद्दा ,चादर व कम्बल दिया गया था।लेकिन,यह पर्याप्त नही दिख रहा था।इसके अलावे अलाव या हीटर की व्यवस्था भी नही की गई थी।जिससे कई महिला बंध्याकरण के बाद ठिठुरती दिखी।
बताया गया कि मातृ एवं शिशु सदन के लेबर रूम में कुल 20 बेड है।जो गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए ही आवंटित होता है।बंध्याकरण के बाद महिलाओं को सुविधा की कमी का रोना रोते हुए हमेशा से फर्श पर ही सुलाया जाता रहा है।कोविड काल मे मामला तूल पकड़ने पर बंध्याकरण बन्द कर दिया गया था।अब ठंड में जब बंध्याकरण शुरू हुआ,तो,लापरवाही फिर से दिखने लगी है।इस बाबत स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने मौके पर शिकायत की पहल की,तो,केंद्र के अधिकारी व स्वास्थ्य प्रबन्धक तक नदारद थे।जब बंध्याकरण कर रहे मेरी स्टॉप्स के चिकित्सक डॉ शम्भू शरण से पूछा गया ,तो,उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था है,उसी में काम किया जा रहा है।मेरा काम ऑपरेशन करना है।वहीं,ओटी इंचार्ज नवल सिंह ने कहा कि मेरी स्टॉप्स को फिर से बंध्याकरण के लिए अधिकृत किया गया है।इससे पहले सप्ताह क्रमश: 29 व 17 बंध्याकरण हुआ था।कमरों की दिक्कत है।इसलिए फर्श पर सुलाया जा रहा है।सुविधाओं में कोई कमी नही है।वहीं,स्वास्थ्य प्रबन्धक आसिष कुमार ने कहा कि यदि लापरवाही पाई गई तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।