रक्सौल।(vor desk )।लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरा सीमावर्ती रक्सौल समेत सम्पूर्ण बिहार आस्था के रंग में सराबोर है। हर तरफ छठी मइया के गीत गुंजायमान हो रहे हैं। सड़कें और गलियां सज गई हैं। घाट चकाचक हो गए हैं। चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन मंगलवार को कार्तिक शुक्ल पंचमी पर खरना सम्पन्न हुआ।
छठ व्रतियों ने पूरे दिन उपवास पर रहकर पूरी पवित्रता के साथ मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी पर खरना का प्रसाद बनाया। शाम 5:45 से 6:25 बजे के बीच छठी मैया को प्रसाद के रूप में तैयार गुड़ से बनी खीर, रोटी और केला का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की।सभी परिजनों की उपस्थिति में कुल देवी देवता की पूजा के साथ ही छठी माई को नमन किया गया।इसके बाद इस प्रसाद यानि रसियाव रोटी का प्रसाद पूरी श्रद्धा से सभी ने ग्रहण किया।
इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया।
इस रसियाव रोटी के बारे में डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि बदलते मौसम के मिजाज के तहत कृषि प्रधान क्षेत्र बिहार यूपी में इस खरना पर्व के लिए बने रसियाव रोटी का प्रभाव सेहत के लिए अनुकूल होता है।गुड़ व साठि के चावल ,दूध का खीर,का तासीर गर्म होता है।ठंड के विरुद्ध यह प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि करता है।