Tuesday, November 26

धनतेरस पर रक्सौल बाजार में दिखी रौनक,कोविड टिकाकरण में सफलता से बाजार गुलज़ार!

रक्सौल।(vor desk )।दीपावली से दो दिन पूर्व मंगलवार को धनतेरस पर रक्सौल के बाजार में रौनक दिखी।दो साल से लॉक डाउन की मार झेल रहे व्यापारियों के चेहरे खिले दिखे। खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही बाजार की दुकानों पर सामान को सजा दिया गया था। दुकानदार भीड़ को देखते हुए अपने-अपने दुकानों में अतिरिक्त काउंटरों की व्यवस्था किए थे। लोग सुबह ही अपने मनपंसद सामानों की खरीदारी के लिए बाजार पहुंच गए। वहीं कई दिन पहले से धनतेरस पर ग्राहकों की भीड़ की उम्मीद संजोए बर्तन, मोबाइल,सोना-चांदी, दो पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन,इलेक्ट्रीक दुकानदारों ने माकूल तैयारी की थी,जिसके बाद धनतेरस पर व्यवसाय बेहतर होने से चेहरे पर खुशी दिखी। इस अवसर पर देर संध्या तक ऐसे दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई।सर्राफा मंडी में भीड़ ज्यादा दिखी।बर्तन,होम अप्लायंसेज ,मोबाइल आदि में अपेक्षा कृत सन्तोष जनक बिक्री रही।बर्तन व्यवसायी रजनीश प्रियदर्शी व रमेश गुप्ता ने स्टील, पीतल,तांबा, कांस्य के बर्तनों पर महंगाई की मार पड़ी है,बावजूद बिक्री ठीक ठाक रहा।होम अप्लायंसेज व्यवसायी विक्रम कुमार ने बताया कि ऑन लाइन मार्केटिंग की वजह से खुदरा दुकानदारो की बिक्री प्रभावित तो हुई ही है,लेकिन,दो वर्षों के बाद इस बार रौनक लौटी है। व्यापार अच्छा रहा।

पटेल पथ स्थित हीरा पन्ना ज्वेलर्स के संचालक राजा बाबू ने बताया कि धनतेरस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिला।दरअसल,सगुन के लिए खरीद तो हुई हीं, आगामी शादी ब्याह के लग्न को देखते हुए भी सोने चांदी के आभूषण,सिक्का ,मूर्ति आदि की ख़रीदगी हुई।

वहीँ, स्वर्ण व्यवसायी व सचिन ज्वेलर्स के संचालक कन्हैया सर्राफ ने ताया कि कोविड टीकाकरण का आउटपुट बेहतर रहने की वजह से बाजार में रौनक लौटी है।इस बार व्यवसाय अच्छा है।उम्मीद है कि आगे भी अच्छा रहेगा।

इधर,शहर के मुख्य पथ, बैंक रोड,पोस्ट ऑफिस रोड आदि में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही । सीमावर्ती नेपाल के लोग भी इस अवसर पर खरीदारी को ले कर बड़ी संख्या में रक्सौल बाजार पहुंचे।

शहर के बैंक रोड, लोहापट्टी, पटेल पथ, मुख्य पथ आदि में स्थित दुकानों पर चहल पहल रही। इस दौरान चम्मच से लेकर सोना-चांदी आदि की जमकर खरीदारी हुई।

बताया जाता है कि दीपावली की शुरूआत धनतेरस से हो जाती है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार देवताओं और असुरों के समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के त्रयोदशी के दिन हाथों में पीतल के अमृत कलश लिए भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरी विष्णु के अंशावतार हैं। दुनिया को चिकित्सा विज्ञान से अवगत कराने के लिए भगवान विष्णु ने धन्वंतरी अवतार लिया था।भगवान धन्वंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस मनाया जाता है।इसदिन लोग बर्त्तन और ज्वेलरी खरीदते हैं।कहा जाता है कि इस दिन चांदी खरीदने से यश, कीर्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

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