Monday, October 7

डीआरएम आलोक अग्रवाल ने किया रक्सौल स्टेशन का निरीक्षण, जन समस्याओं पर दिया आश्वासन का मुलम्मा!


रक्सौल( vor desk )।समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने शनिवार को रक्सौल स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान स्टेशन पोर्टिको,पार्सल,बुकिंग काउंटर,भोजनालय सहित स्टेशन के विभिन्न कार्यालयों का बारी-बारी से निरीक्षण किया। उसके बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के पहले रक्सौल स्टेशन से कितनी ट्रेनें चला करती थी, जो अभी बंद पड़ी है उसका हम रिव्यू करेंगे, फिर उसके बाद अगला निर्णय लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि यात्रियों की हम सारी समस्याओं को हाई ऑथोरिटी के पास रखेंगे,क्योंकि यह केवल एक मंडल की बात नही होती है।

ऊक्त बातें श्री अग्रवाल ने रक्सौल से मोतिहारी के बीच ट्रेन परिचालन के सवाल पर कही।यह सवाल क्षेत्र के लिए सबसे ज्वलंत है।मोदी सरकार में डीआरएम को इस बाबत फैसला लेने का अधिकार है।बावजूद, उन्होंने इस पर कोई घोषणा से बचते हुए कहा कि इसके लिए उचित पहल की जाएगी।

इस दौरान उन्होंने कहा कि रक्सौल-सीतामढ़ी रेल विधुतीकरण का कार्य 45 दिनों में व रक्सौल से भाया सिकटा होते हुए नरकटियागंज तक विधुतीकरण आगामी 3-4महीने में पूरी हो जाने की संभावना है।

डीआरएम के पहुंचने के बाद स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने यह प्रस्ताव रखा कि स्टेशन रोड के जीआरपी बैरक से ब्लॉक रोड जाने वाली सड़क को चौड़ीकरण किया जाए। जिस पर डीआरएम श्री अग्रवाल ने सहमति जताई। विधायक श्री सिन्हा ने ये भी कहा कि रेलवे अगर एनओसी दे देती है तो विधायक फंड से भी ये सड़क बनवा दिया जाएगा। वही विधायक ने डीआरएम से दूसरी मांग रेलवे मैदान जो पोखर में तब्दील हो चुकी है। उसका पुनः दुबारा टेंडर न किया जाय। मैदान में पानी रहने से मौजे मुहल्ला वर्ष में 8 महीना जल जमाव से त्रस्त रहती है। उसपर डीआरएम ने कहा कि इसके बाद उसकी टेंडर नही कराई जाएगी।

शहर के लिए यह भी एक ज्वलंत सवाल है।क्योंकि,शहर में यह एक प्ले ग्राउंड था और यहां सर्कस से ले कर जनसभा तक का आयोजन होता रहा है।हजारीमल हाई स्कूल के लिए प्ले ग्राउंड के तौर पर इसे लीज किया गया था।जन चाहत है कि यह स्टेडियम बने।वाकिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल की इजाजत मिले।लेकिन, डीआरएम से न तो किसी ने इस बाबत सवाल किए,ना ही,उन्होंने आश्वस्त किया कि टेंडर नही होने के बाद क्या होगा?यानी जमीन लीज नही की जाएगी?यह सवाल अनुत्तरित है,जिससे शहरवासी सहमे हुए हैं।क्योंकि, रेलवे कीमती जमीनों को आने पौने दर पर लीज कर रही है।लेकिन,जन सुविधा मुहैया कराने पर कोई फोकस नही है।

इस दौरान विधायक ने भी रक्सौल से जिला मुख्यालय मोतिहारी के लिए सुबह में ट्रेन चलाने की मांग की । साथ ही साहू युवा मंच के अध्यक्ष सुरेश कुमार व स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रंजीत सिंह द्वारा भी उपरोक्त मांग की गई। इस दौरान उन्हें बताया गया कि पहले सुबह में दो ट्रेनें चला करती थी,एक इंटरसिटी एक्सप्रेस एवं एक पैसेंजर। जो पिछले कोरोना काल में 23 मार्च से बंद है ।मांग हुई कि उसे सुचारू रूप से परिचालन कराया जाय। आगे श्री कुमार ने शौचालय विहीन डीएमयू ट्रेन  को हटाने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि रक्सौल से पाटलिपुत्र ट्रेन तथा पाटलिपुत्र पुत्र से रक्सौल के रनिंग समय को कम किया जाय क्योंकि उक्त ट्रेन का किराया एक्सप्रेस का लगता है और समय आठ घण्टा लगता है। जबकि इसके लिए पांच घंटा काफी है।जिस पर विचार करने की बात डीआरएम श्री अग्रवाल ने कही,लेकिन, कोई ठोस निष्कर्ष सामने नही आने से मायूसी दिखी।

मौके पर मंडल के अधिकारी आर.एन. झा, पी.के. आलोक, आशुतोष झा, प्रभात कुमार, जनार्दन कुमार, रविश रंजन, सीनियर डीसीएम सरस्वती चंद, रूपेश कुमार, राहुल देव, स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार व डीसीआई संजय कुमार सहित स्टेशन के अन्य अधिकारी मौजूद थे। वही विधायक श्री सिन्हा के साथ भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री ई. जितेंद्र कुमार, बीजेपी जिला प्रवक्ता सह सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर राय उर्फ भगत जी, साहू युवा मंच से उक्त अवसर पर दुर्गेश कुमार, मुकेश कुमार, विकास कुमार, संदीप कुमार,अमित कुमार, अनिकेत कुमार व सुशांत कुमार आदि मौजूद थे।

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