-वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा गांधी जयंती पर संगोष्ठी आयोजित,जुटे सीमा क्षेत्र के प्रबुद्धजन
रक्सौल।( vor desk )।गांधी केवल एक मुल्क तक सीमित नहीं हैं।बल्कि,भारत के अलावे नेपाल में भी उनका प्रभाव है।इसी तरह दुनियां भर के अनेको देशों में उनका प्रभाव देखने को मिलता है।सँयुक्त राष्ट्र संघ की ने भी गांधी को सम्मान दिया है।वस्तुतः,महात्मा गांधी विचारों में जीवंत है।सत्याग्रह की तरह अब स्वच्छाग्रही के रूप में उनके लाखों समर्थक उनकी सेवा व स्वच्छता के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।ऊक्त बातें नेपाल के वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के महा वाणिज्य दूत नितेश कुमार ने कही।
मौका था नेपाल के वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती पर आयोजित गोष्ठी का। “समकालीन दुनिया में गांधीवादी विचारों की प्रासंगिकता” विषय पर यह विचार गोष्ठी का आयोजित हुई।जिंसमे सीमा क्षेत्र के गांधीवादी व प्रबुद्धजन शामिल हुए।इसका शुभारंभ व अध्यक्षता व भारतीय महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ने किया।
गोष्ठी में गांधीवादियों व वक्ताओं ने महात्मा गांधी के कार्यों और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए मानव जाति के लिए किये गए कर्मो को उदधृत किया।साथ ही जोर देकर कहा कि “सेवा” और ‘स्वच्छता ‘की उनकी अवधारणाएं आज भी विश्व व्यापी कोविड 19 महामारी के खतरे का सामना करने के लिए सान्दर्भिक है।
इस मौके पर अपने सम्बोधन में सम्भावना संस्था के अध्यक्ष भरत गुप्त ने कहा कि गांधी के आदर्शों को किताबो में पढ़ना औरजीवन मे उतारना अलग अलग बात है।यदि उनके सत्य-अहिंसा व त्याग के मूल मंत्र पर पर सचमुच अमल हुआ होता,तो,विश्व मे हथियार की होड़ नही होती।चीन जैसे देश कोरोना जैसे हथियार का घातक प्रयोग की नही सोंचते,जिससे दुनियां कराह रही है।
इस मौके पर सत्याग्रह संस्था( नेपाल ) के संस्थापक चन्द्र किशोर झा ने कहा कि गांधी जी के विचारों को सच्चाई और ईमानदारी से अपनाने की जरूरत है।गांधी के आईने में खुद को तन-मन -विचार -वाणी से मोड़ना होगा।इससे न केवल स्वयं का भला होगा,बल्कि,सम्पूर्ण मानव जाति का हित होगा।
इसी तरह वीरगंज स्थित ठाकुर राम बहुमुखी कैम्पस के राजनीति विज्ञान के पूर्व विभागीय प्रमुख प्रो0 देवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी और उनके सत्य,अहिंसा और सत्याग्रह का कोई विकल्प नही है।हत्या हिंसा करने वालो ने भी उन्हें माना है।दुनिया के प्रायः सभी देशों ने उन्हें अपनाया है। क्योंकि,शांति सभी को चाहिए।
वहीं,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने कहा कि गांधी ने ‘सत्याग्रह’ के बूते कभी सूर्यास्त न देखने वाले फिरंगियों को सात समुन्द्र पार खदेड़ दिया।देश ने 1915 में ही गांधी को ‘महात्मा ‘की उपाधि दे दी थी।उनके जीवन पर जितना भी शोध हो कम ही होगा,जरूरत तो यह है कि उनके आदर्शों व जीवन चरित्र को अपनाया जाए।
गोष्ठी में अतिथियों का स्वागत दुतावास के डिसी तरुण कुमार व कौंसुल शैलेन्द्र कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन कौंसुल शशिभूषण कुमार ने किया। दुतावास के चन्दन श्रीवास्तव समेत गण्य मान्य लोग उपस्थित रहे।