रक्सौल।( vor desk )।नगर के गुदरी स्कूल परिसर में अम्बेडकर ज्ञान मंच की बैठक बुधवार को निवर्तमान अध्यक्ष मथुरा राम की अध्यक्षता में आहूत हुई।इस बैठक में आगामी 14 अक्टूबर को मंच के चौथे स्थापना दिवस को मनाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।कोविड प्रोटोकॉल व आसन्न पंचायत चुनाव के सरकारी मानदंडों व दिशा-निर्देश के आलोक में स्थापना दिवस को मनाने के लिए सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया।इस बैठक में ही निवर्तमान अध्यक्ष मथुरा राम को राजनीति पार्टी की जिम्मेदारी वहन कर लेने के कारण उन्हें मंच की जबाबदेही से मुक्त कर दिया गया।मंच के संस्थापक मुनेश राम ने उनके योगदानों की चर्चा करते हुए कहा कि स्थापना काल से ही पूर्व मुखिया श्री राम मंच के केंद्रीय अध्यक्ष की भूमिका में सफल योगदान दिया।इनके नेतृत्व में मंच ने अनुमंडल क्षेत्र के चारों प्रखण्डों में फैले अंधविश्वास, पाखण्ड,कुरीतियों व भ्रांतियों में जीने को अभिशप्त अभिवंचितों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने में महती भूमिका निभाई और अज्ञामं सामाजिक विमर्शों के साथ एससी-एसटी,ओबीसी व अल्पसंख्यंकों सहित अन्य समाज के शोषित-पीड़ित मानवता की मुख्य वाणी के रूप में प्रतिस्थापित किया।लिहाजा, उनके योगदानों के मद्देनजर उन्हें फूलमाला पहनाकर स्वागत करते हुए कहा कि गैर-राजनीतिक संगठन होने के नाते किसी भी राजनीतिक दल के पदाधिकारी मंच के किसी पद पर नैतिक रूप से नही रह सकते,किन्तु मंच के प्रत्येक कार्यक्रमों से जुड़कर पूर्व की भांति अपना सक्रिय योगदान दे सकते है।निवर्तमान अध्यक्ष मथुरा राम ने मंच के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि मंच के माध्यम से उनके शिथिल पड़े राजनैतिक कार्यो को ऊर्जान्वित होने का अवसर मिला और वे पुनः राजनीतिक कार्यो के प्रति समर्पित हो गए।फ़लतः अज्ञामं के सिद्धांतों के अनुरूप उन्हें पद छोड़ना पड़ा रहा है।बावजूद,मंच के प्रति समर्पण व सक्रियता से पीछे नही हटने का संकल्प व्यक्त किया।संरक्षक राजेन्द्र राम ने भी उनके योगदानों की तारीफ करते हुए फूल माला पहना राजनीतिक पारी के सफलता की शुभकामनाएं दी।
मौके पर ही अम्बेडकर ज्ञान मंच के सक्रिय सदस्य रविन्द्र कुमार को बतौर कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी गयी तथा उनके नेतृत्व में ही आगामी स्थापना दिवस समारोह को भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया गया।नवमनोनित कार्यवाहक अध्यक्ष को फूल माला पहना स्वागत करते हुए उन्हें बहुजन समाज में जन्में संत-गुरु-महापुरुषों यथा महात्मा बुद्ध,संत कबीर-रैदास, महात्मा फूले दम्पति,शाह-पेरियार,बाबाबा साहेब,बिरसा-कांशीराम आदि के आदर्शो व सिद्धांतों पर चलकर अज्ञामं को राज्य स्तरीय संगठन के रूप में प्रतिस्थापित करने की अपेक्षा जताई गई।इस बैठक में मंच के सदस्य चन्दकिशोर पाल,पूर्व प्रधानाध्यापक मधुबन राम,हनुमान बैठा,सुनील राम,मुन्ना राम,अजय कुमार शर्मा,कृष्णा राम,शिवचंद्र भगत,रविन्द्र कुमार,कामेश्वर राम,बिरेन्द्र राम,विवेक राम,सिकटा(प.चम्पारण) के समाजसेवी रामचन्द्र पासवान आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे।
शानदार कवरेज के लिए कोटिशः धन्यवाद💐