रक्सौल।( vor desk )।देउबा सरकार ने भारत से लगी नेपाल की सीमा को खोलने का निर्देश जारी कर दिया हैं।इसके बाद बॉर्डर पर पैदल आवाजाही सामान्य हो गई है।लेकिन,भारतीय बाइक,कार, जीप की इन्ट्री शुरू नही हो सकी है।इसके लिए रविवार को फैसला होने की उम्मीद है।
इस बीच पर्सा जिला के जिलाधिकारी पीताम्बर घिमिरे ने कहा है कि भारतीय नागरिकों www.ccmc.govt.np पर फॉर्म भर कर अनुमति लेनी होगी और उसकी प्रति रखनी होगी।साथ ही कोविड जांच की 72 घण्टे के अंदर की निगेटिव जांच रिपोर्ट रहनी चाहिए।उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में गृह मंत्रालय के सर्कुलर प्राप्त होने के बाद निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं।
इधर,नेपाल के वीरगंज कस्टम के प्रशासकीय अधिकृत दिलीप केसी का कहना है कि हमे बॉर्डर खोलने का परिपत्र मिला है।कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए निर्देशों पर अमल सुनिश्चित किया जा रहा है।लेकिन,भारतीय वाहनों के लिए फिलहाल कोई निर्देश नही मिला है।उन्होंने आशा जताई कि इस बारे में आज विभागीय मन्तव्य मिल सकता है।
बता दे कि 24 मार्च 2020 से बॉर्डर बन्द है।जबकि भारत ने 22 अक्टूबर 2020 से बॉर्डर खोल दिया है।तब से नेपाली नागरिक अपने वाहनो से सरपट रक्सौल समेत अन्य भारतीय बाजार आ जा रहे हैं।लेकिन,भारतीय नागरिको को पैदल आने जाने की ढील है।इससे काफी परेशानी हो रही है।
नए निर्देश में भारतीय समेत विदेशी नागरिकों को नेपाल आने जाने की अनुमति दी गई है।इसके लिए कड़े शर्त रखे गए हैं।उन्हें प्रवेश के लिए 72 घण्टे पहले का कोविड जांच कि नीगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।साथ ही नेपाल सरकार के सीसीएमसी से ऑन लाइन अनुमति लेनी होगी।उसकी प्रिंट कॉपी साथ लाना होगा।इसके अलावे भारतीय बाइक के लिए अब तक कोई निर्देश नही आया है।इससे असमंजस है।
बॉर्डर खोलने के लिए जारी निर्देश में स्पष्ट अंकित है कि स्थल मार्ग से आवाजाही के लिए भारतीय व विदेशी नागरिकों को अनुमति दी गई है।
लेकिन,भारतीय वाहनों पर स्पष्ट निर्देश नही मिलने पर सीमा जागरण मंच के बिहार प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल कहते हैं कि-कोई तीसरी शक्ति यानी विदेशी ताकत भारत-नेपाल के रिश्ते को महफूज नही रहने देना चाहती।नेपाल के राजनीतिज्ञों व ब्यूरोक्रेसी में उनकी पैठ है,इसलिये अवरोध खड़े किए जा रहे हैं।उन्होंने इस आरोप कौ उछालते हुए कहा कि ओली सरकार की तरह देउबा सरकार भी दवाब में है।इसके लिए दोनो देशों के बुद्धिजीवियों व हित चाहने वालो को आगे आने की जरूरत है।क्योंकि,रिश्ते व खुली सीमा के खिलाफ साजिश जारी है।
वहीं,रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव राज कुमार गुप्ता कहते हैं कि-यदि भारतीय कार ,बाइक के नेपाल प्रवेश की अनुमति नही मिलती,तो बॉर्डर खुलने का कोई अर्थ नही रह जाता।नेपाल सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उधर,विजिट मधेश( नेपाल ) के संयोजक ओम प्रकाश सर्राफ का कहना है कि भारतीय वाहनों की एंट्री पर निर्णय में विलम्ब नेपाल सरकार का गैर जिम्मेदराना रवैया है,जो ,बर्दाश्त के लायक नही है।उन्होंने कहा कि ओली की तरह देउबा सरकार भी आपसी रिश्ते को ताक पर रख कर फैसले ले रही है।
हालांकि,होटल एवं पर्यटन व्यवसायी संघ वीरगंज के अध्यक्ष हरि पंत नेपाल सरकार के कैबिनेट के फैसले के प्रति आशान्वित हैं।उनका कहना है कि बॉर्डर खोलने के साथ ही भारतीय वाहनों को भी इजाजत मिलेगी।
बताते चले कि श्री पंत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल पीएम शेर बहादुर देउबा से मिल कर बॉर्डर बन्द रहने से पर्यटन व होटल को क्षति व आम लोगों की पीड़ा से अवगत कराते हूए पूर्ववत बॉर्डर खोलने व मालवाहकों के अलावे भारतीय टूरिस्ट व अन्य चार पहिया वाहनों के नेपाल प्रवेश की अनुमति देने की मांग की थी।( वीडियो:अनुज )