रक्सौल।(vor desk )।नेपाल से लगे बिहार के प्रमुख प्रवेश द्वार रक्सौल समेत जोगबनी की सीमा पर राष्ट्रीय ध्वज( हाई मास्ट नेशनल फ्लैग ) लगाने की मांग उठ रही है।अमृत महोत्सव वर्ष पर इस मांग को समर्थन भी मिल रहा है।
भारत-नेपाल को जोड़ने वाले रक्सौल-वीरगंज मुख्य सड़क स्थित मैत्री पुल से लगे नेपाल के शंकराचार्य गेट पर नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज स्थापित है।जबकि, गेटवे ऑफ नेपाल के नाम से प्रसिद्ध रक्सौल सीमा पर राष्ट्रीय झंडे( हाई मास्ट ) का न होना खलता है।
इसको ले कर सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने राज्य के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद को एक पत्र लिख कर ऊक्त मांग की है।उन्होंने कहा कि है पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के साथ हमारी सीमा लगती है।जहां काफी पहले से शंकराचार्य पर्यटकों के लिए आकर्षण व नेपालियों के लिए गौरव बोध कराता रहा है।अब वहां राष्ट्रीय ध्वज भी लहराता है।जबकि, भारतीय सीमावर्ती रक्सौल व जोगबनी राज्य का प्रमुख प्रवेश बिंदु है।बावजूद,इसकी पहल नही हो सकी है।उन्होंने कहा है कि राज्य में नेपाल से प्रवेश के लिए दोनो सीमावर्ती नगर अति महत्वपूर्ण हैं।परंतु,हमारे देश व राज्य के प्रवेश द्वार पर अपने राष्ट्रीय झंडा का नही होना ठीक नही लगता।
उन्होंने मांग किया है कि पर्यटन व आवगमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण दोनो नगरों के सीमाई प्रवेश द्वार पर कम से कम 40 मीटर ऊंचे राष्ट्रीय झंडे की स्थापना सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने यह भी कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो मंच के कार्यकर्ता राष्ट्रीय ध्वज के संरक्षण व सम्पोषण में भी तैयार रहेंगे।
इधर,पर्यटन मंत्री नारायण साह ने भी इस मांग को सकरात्मक लिया है।बताते चले कि लम्बे अरसे से रक्सौल बॉर्डर पर अहिंसा द्वार बनाने की मांग भी उठ रही है।जिस पर राज्य सरकार की पहल चल रही है।