Tuesday, October 8

दुर्लभ बीमारी ‘स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम’ की चपेट में आये बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 संजय जायसवाल,7 दिनों के लिए एम्स में भर्ती!

पटना/रक्सौल।( vor desk )।बड़ी खबर पटना से जहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ0 संजय जायसवाल को पटना एम्स में भर्ती कराया गया है। वे एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। इस बिमारी से पीड़ित मरीज को ऐसा लगता है, मानों किसी ने जिंदा शरीर में आग लगा दिया है। यह बिमारी काफी गंभीर और जानलेवा है। गुरूवार को दोपहर में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल खुद अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लाइव आये और उन्होंने जो कुछ कहा वो काफी हैरान करने वाला है। दरअसल संजय जायसवाल ने यह जानकारी दी कि वे पटना एम्स में भर्ती हैं और अगले सात दिन तक वे पटना एम्स में ही एडमिट रहेंगे। इस दौरान वे किसी से मिलेंगे नहीं क्योंकि वे मिल भी नहीं सकते। संजय जायसवाल ने जानकारी दी कि 25 अगस्त को ही कोलकाता में उन्हें बुखार हो गया था। लेकिन वे खुद जलसंसाधन समिति के अध्यक्ष हैं। इसलिए वे कोलकाता और गुवाहाटी का काम निपटा कर पटना पहुंचे।
इसके बाद संजय जायसवाल ने खुद जानकारी दी कि वे स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम की चपेट में आ गए हैं। एक ऐसी बिमारी जिसमें मनुष्य का शरीर ही उसके खिलाफ काम करने लगता है। शरीर के बाहरी हिस्से हों या आंख, नाक, कान, गला सब सूजने और फटने लगता है। इस बिमारी में शरीर के भीतर आंत में भी सूजन होता है और वह गलने लगता है। संजय जायसवाल ने कहा कि वे चाह कर भी किसी से नहीं मिल सकते हैं। लगभग एक सप्ताह वह पटना एम्स में रहेंगे और इसके बाद आगे देखेंगे कि क्या करना है।
स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम आमतौर पर बुखार के साथ शुरू होता है और ऐसा महसूस होता है जैसे आपको फ्लू हो गया है। जॉनसन स्टीवन सिंड्रोम मुख्य रूप से त्वचा, श्लेष्म झिल्ली, जननांगों और आंखों को प्रभावित करता है। त्वचा और श्लेष्म झिल्ली में घावों द्वारा विशेषता एक व्यवस्थित, गंभीर, और जीवन-धमकी विकार जो नेक्रोसिस का कारण बन सकता है। घाव शरीर में कहीं भी दिखाई दे सकते हैं लेकिन वे हथेलियों, तलवों, हाथों के डोरसम, और विस्तारक सतहों में अधिक सामान्य होते हैं। घाव केंद्र में वैसीक्युलर या नेक्रोटिक होते हैं, जो एरिथेमेटस जोन से घिरे होते हैं और शरीर की सतहों में से 10% से कम पर कब्जा करते हैं।

डॉक्टरों को किया धन्यवाद

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ” इस बीमारी को पकड़ना बहुत ही मुश्किल था क्योंकि ये बहुत कम लोगों को दवा के रिएक्शन से होता है. पटना एम्स के डॉक्टरों ने दूसरे ही दिन मेरी बीमारी को डिटेक्ट कर लिया, जिसके कारण अब मैं ठीक हूं. इतने दिनों तक 104 डिग्री बुखार रहा. इसके साथ ही अन्य दिक्कतें रहीं, जिस वजह से एम्स में भर्ती रहना पड़ा. अभी भी स्वास्थ्य लाभ ले रहा हूँ.”

लोगों से की अस्पताल ना आने की अपील

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, ” बहुत से लोग मेरे लिए चिंतित हैं और मुझसे मिलना चाहते हैं, लेकिन अभी किसी का भी मुझसे मिलना मेरे लिए खतरनाक है. मेरा पूरा चमड़ा एक्सपोज्ड है और जब तक ये ठीक नहीं होता मैं किसी से मुलाकात नहीं करूंगा. अगले सात दिन मैं किसी से नहीं मिल सकता. आकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. इससे मेरी मदद नहीं हो पाएगी. एक हफ्ते बाद मैं फिर वापस लौटूंगा.”

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