रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल शहर के मुख्य पथ स्थित फ्रिक्सिंग पोस्ट के पास से दो नेपाली लड़कियों को अलग अलग समय पर तस्करों के शिकंजे से बचा कर एंटी ह्युमन ट्रेफिकिंग यूनिट टीम ( रक्सौल ) व बचपन बचाओ आंदोलन व चाइल्ड लाइन के वोलेंटियर्स के द्वारा नेपाल पुलिस के जरिये नेपाली संस्था मैती नेपाल के सरंक्षण में सौंपा गया ।साथ ही लोकल एनजीओ बचपन बचाओ आन्दोलन व् चाईल्ड लाइन केयर सब सेंटर द्वारा विशेष काउंसिलिंग भी की गयी।
एसएसबी कमाण्डेन्ट प्रियवर्त शर्मा के विशेष निर्देश पर रविवार के सायंकाल में एएचटीयू टीम ने दो नेपाली निर्भयाओं को तस्करों के हाथो में जाने से बचा लिया। एएचटीयू टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में दोनो लड़कियों को रेस्क्यू किया गया।
टीम ने पाया कि एक लड़की निर्भया उम्र(24 साल) अनावश्यक इधर उधर भटक रही है तथा फ़ोन पर किसी के साथ परेशान लग रही है ।इस पर एएचटीयू टीम ने उसको रोका तब उससे पुछा गया कि कोई समस्या है ? तो उसने मना किया कि नहीं कोई समस्या नहीं पर टीम समझ गयी थी कि कुछ समस्या है।इसके बाद टीम ने निर्भया के मनोवैज्ञानिक रूप से समझ कर व् भरोसे में ले कर जब बात की गयी, तो निर्भया ने जानकारी दी कि फेसबुक से जफ़र इमाम नाम के व्यक्ति ने मुझ से दोस्ती की थी और मुझे सऊदी अरब घुमाने के लिए बुलाया था वह मुझ से शादी भी करना चाहता है और मेरे लिए हमेशा बहुत प्यार दिखाता है, उसने मुझे रक्सौल रेलवे स्टेशन पर बुलाया पर था पर जब मैं रेलवे स्टेशन पर आयी तो वह वहाँ नहीं था फिर उसने फ़ोन कर के कहा कि तुम घोडासान आ जाओ मैं तुम्हे यहीं मिलूंगा ।मैंने कहा मैं तुम्हारे लिए 14 घंटे सफ़र कर यहाँ आई और तुम यहाँ पास हो कर भी नहीं आ सकते बस इसी चिंता में मैं परेशान हूँ।
टीम समझ गयी कि जफ़र इमाम नाम का कोई व्यक्ति है और लड़की से झूठा प्रेम दिखा कर इसे बुलाया है और भविष्य में निर्भया का गलत कार्यों में सलिंप्त करने का इरादा रखता होगा।टीम ने लड़की को समझाया बुझाया।इस बीच जब इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने जफ़र इमाम के व्यक्ति से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उसने अपना फ़ोन नंबर बंद कर लिया ।तदोपरान्त, एएचटीयू टीम ने निर्भया को नेपाल पुलिस के जरिये एनजीओ मैती नेपाल के सरंक्षण में सौप दिया गया।
अभी एक निर्भया को तस्कर से बचाया गया तो उसके एक घंटे में एक निर्भया और रेस्क्यू की गयी ।यह मेराज( पुत्र असलम) बेतिया के साथ कभी इधर कभी उधर जाते दिखी, तो, इससे टीम ने बुलाकर पूछताछ की । लड़के ने पहले कहा कि हम निकाह(शादी) करेंगे, पर वह थोड़ी थोड़ी देर में अपने ब्यान बदल रहा था।
दुसरी निर्भया जो काठमांडू में अपनी बहन के साथ रहती है इसके माँ बाप नहीं हैं ।इसे मेराज ने अपना नाम “राज” बताया था तथा धर्म भी गलत बता कर शादी का प्रलोभन दे कर ले कर आया था। निर्भया को कहा था कि घर वालों को मत बताना।
निर्भया के घर में नंबर ले कर जब बात की गयी तो उन्होंने कहा हम लोग निर्भया को ले कर बहुत परेशान हैं। हमने पुलिस में रिपोर्ट कराई है।
अधिकारियों ने बताया कि पीडिताओं को बचपन बचाओ आंदोलन की प्रमुख आरती के सहयोग से नेपाल पुलिस के जरिये मैती नेपाल को सुरक्षित सौंप दिया गया।
कमाण्डेन्ट प्रियव्रत शर्मा ने इंस्पैक्टर मनोज कुमार शर्मा व एएचटीयू टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष नेपाल से हर साल लगभग 30,000 निरभयाओं को बहला फुसलाकर भारत में लाया जाता है। उसके बाद अन्य देशों में गलत कार्यों में धकेल दिया जाता है। इसके लिए नेपाल नागरिकों को भी जागरूक होना होगा।उन्होंने अनुरोध किया कि यदि किसी को मानव तस्करी को लेकर कुछ भी जानकारी मिले तो हमें अवश्य जानकारी दें। जिससे किसी निर्दोष निर्भया का जीवन बचाया जा सके। टीम में इंस्पेक्टर वन्दना देवी, मुख्या आरक्षक संजीव कुमार गुर्जर, आरक्षी विकास चौधरी इत्यादी शामिल थे।