रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल नगर परिषद के द्वारा शहर के लक्ष्मीपुर एरिया में बनाये जा रहे बूचड़खाने की जमीन खरीद में करोड़ो के घोटाला और शेड के लिए नियम को ताक पर रखते हुए जारी टेंडर के मामले में नगर विकास विभाग ने जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू कर दी है।इसी कड़ी में रक्सौल नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनन्द को नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है।
बता दे कि 14 करोड़ के रक्सौल बूचड़खाना घोटाले में कर्तव्य के प्रति लापरवाही, राजस्व की छति में संलिप्तता, गलत मंशा और भारी अनियमितता के आरोप को सही पाते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है।इसकी पुष्टि विभाग के अवर सचिव राम सेवक प्रसाद ने की है।
गौरतलब है कि इस मामले में रक्सौल के पूर्व उप सभापति काशी नाथ प्रसाद,पार्षद चीनी राम,रवि गुप्ता समेत आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों की शिकायत पर पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की थी।जांच कमिटी द्वारा की गई स्थलगत व विभागीय जांच के दौरान आरोप सिद्ध हुए।जिसके बाद जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के अनुशंसा पर उक्त कारवाई हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गत 26 जून को पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिख कर यह बताया कि परिवादी चीनी राम, वार्ड-07 एवं अन्य 07 व्यक्तियों द्वारा नगर परिषद रक्सौल के लिए बूचड़खाना हेतु ख़रीदगी जमीन में बरती गई अनियमितता संबंधी समर्पित परिवाद पत्र की जाँच त्रिसदस्यीय जाँच समिति द्वारा कराई गयी है। जिसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी से प्रतिवेदन के आलोक में स्पष्टीकरण की मांग की गई।
वहीं उनसे पूछे गये स्पष्टीकरण के आधार पर एक निष्कर्ष प्रतिवेदन तैयार कर भेजा गया। इसमें पाया गया कि कार्यपालक पदाधिकारी श्री आनंद द्वारा भूमि सत्यापन किये बिना ही जमाबन्दी से अधिक रकवा तैयार किया गया है। तदनुसार अग्रिम भुगतान भी किया गया। वहीं इसके बाद जिलाधिकारी श्री अशोक ने गौतम आनंद को निलंबित करने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज करने की अनुसंशा भी की थी।
बताया गया है कि निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय नगर निगम, पूर्णिया बनाया गया है।निलंबन अवधि में विभागीय नियमों के तहत जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा।
आगे आने वाले कुछ दिनों में इसमें शामिल तत्कालीन सभापति उषा देवी सहित और लोगों पर भी आरोप पत्र दाखिल कर कार्यवाही होनी सुनिश्चित मानी जा रही है।