पिछले चार दिनों से 14 सूत्री मांगों को ले कर आमरण अनशन पर हैं रणजीत सिंह!
स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह के समर्थन में आंदोलनकारियों ने की नारेबाजी
रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल की महिलाओं ने शुक्रवार को एक जुलूस निकाल कर अभियान चलाया-“चूड़ी पहनो या समर्थन दो!”

बड़ी संख्या में महिलाओं ने शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानो व गण्य मान्य लोगों के पास पहुच कर समर्थन के लिए रजिस्टर पर हस्ताक्षर लिए।और कहा कि नहीं समर्थन देना है।तो चूड़ियां पहन लो! अनेको दुकानदारों व लोगों को चूड़ियां दी गई।तो वे शर्म से गड़ गए।समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किए।और कहा कि” रणजीत भाई हम तुम्हारे साथ हैं !” बात इतने में नही बनी।महिलाओं के समूह की ओर से माला देवी व चांद तारा देवी ने कहा कि ‘आप दुकानें बंद कीजिए।सरकार पर दवाब बनाइये।नैतिक समर्थन के लिए अनशन स्थल पहुँचिये।यह आंदोलन रक्सौल के लिए हैं।आप सबों के लिए हैं।आप आगे आइए।’ महिलाओं का नेतृत्व कर रही रणजीत सिंह की 68 वर्षीय मां लाल पूरन देवी ने कहा कि’एक ओर पूरा देश जन्माष्टमी पर्व मना रहा है।वहीं,मेरा बेटा रक्सौल के जन समस्याओं के निदान के लिए चार रोज से भूखे प्यासे आमरण अनशन पर बैठा है।नेता और प्रशासन द्वारा उपेक्षा की जा रही है।उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया है।आखिर वो क्या गलत मांग रहा है.?.यही न विकास,…सड़क..ओवरब्रिज…!क्या यह गलत है?आजादी के बाद से आज तक हम इन सब चीजों के लिए तरस रहे हैं।लेकिन,सरकार सुन नही रही।

उन्होंने कहा कि आज ही के दिन देवकी ने कृष्ण को बचाया था।आज फिर एक मां अपने बेटे के लिए सड़क पर है।वह बेटा रक्सौल के लिए मर मिटना चाहता है।ऐसे में हम भी आपके बीच मे हैं।रणजीत को मर जाने दीजिए।या उनकी मांग पूरी करने के लिए सड़क पर उतरिये।उन्हें सपोर्ट करिए।क्योंकि मेरा बेटा रक्सौल की लड़ाई लड़ रहा है ! रणजीत सिंह की पत्नी बबीता देवी ने मार्मिक अपील में कहा कि -मांगो को पूरा करने के लिए सरकार पहल करे।आखिर मेरे पति अपने लिए तो कुछ नही मांग रहे।हमारे भी बाल बच्चे हैं। इस दौरान आंदोलनकारी सहभागी महिलाओं का मनोबल बढ़ाते दिखे।वे मोदी व नीतीश सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे।उनकी नाराजगी यहां के क्षेत्रीय सांसद व विधायक के साथ शासन-प्रशासन से है।जो,स्वच्छ रक्सौल संस्था के 14 सूत्री मांग को ले कर उदासीन हैं और अपना अपना पल्ला झाड़ कर इस आंदोलन व आमरण अनशन को येन केन प्रकारेण खत्म कराने की जुगत में हैं।इधर,संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट आई है।तबियत बीगड़ रही है।

बता दे कि रणजीत तीसरी बार आमरण अनशन पर हैं।उनका आरोप है कि हर बार उन्हें छला गया है।झूठे आश्वसन दे कर मांगो को पूरा नही किया गया।उन्होंने सांसद डॉ0 संजय जायसवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले दिनों मोबाइल पर वार्ता में कहा था कि आऊंगा तो मिल कर जाऊंगा।लेकिन वे भाजपा के सदस्यता मेला में आये।पर जनता की पीड़ा सुनने की फुर्सत नही मिली।उन्होंने कहा कि वे ठगते हैं।उन्हें केवल वोट से मतलब है।वे झूठे बयान दे कर पब्लिक को गुमराह करते हैं।ये पब्लिक है।जो सब जानती है। इस दौरान शिक्षक रविन्द्र मिश्र ,एबिभीपी नेता अंकित कुमार समेत अनेको लोगों ने पहुच कर समर्थन दिया।सांसद व विधायक के खिलाफ नारे भी लगे। बताते चलें कि रणजीत सिंह के नेतृत्व में 14 सूत्री जन समस्याओं के निदान की मांग को ले कर पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम नीतीश कुमार को सैकड़ो की संख्या में पत्र भेजा गया।जब सुनवाई नही हुई।तो स्वतन्त्रता दिवस को समस्याओं के शव व तिरंगे के साथ जुलूस निकाल कर शहर के मुख्यपथ पर अनवरत धरना शुरू कर दिया।इसके एक सप्ताह बाद आमरण अनशन शुरू हुआ।जो निरन्तर जारी है। आंदोलन में शामिल माला देवी, नसीमा खातुन, साधना तिवारी, पन्ना देवी, मीना देवी, चासमिना देवी, फ़ातिमा खातुन, मदीना खातून, जेबा खातुन, हशन तारा,याशमीन खातून, अख्तर जान ने घूम घूम कर समर्थन मांगा।तो,ओम कुमार,ददन महतो, आलम मियां, अनवर मियां, केतन साह, श्रवण कुमार ,नेहाल, विक्रम साह, असलम अली, हिदायत अंसारी, विवेक गुप्ता, आदि धरना पर रहे।
