रक्सौल।(vor desk)। प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी सावन माह में नाग पंचमी का पर्व मनाया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में पूजा-अर्चना कर गाय के गोबर से नागों का प्रतीकात्मक चिन्ह बनाया और फिर एक सुनसान जगह पर नाग देवता के लिए मिट्टी की कटोरी में दूध और लावा रख नाग देवता को ग्रहण करने की प्रार्थना कर वापस आये।
इधर,शहर के विभिन्न मुहल्लों के महावीरी अखाड़े द्वारा जुलूस निकाल कर मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया।लेकिन, उन्हें मंदिरों में पूजा अर्चना की इजाजत नही मिल सकी,क्योंकि,मन्दिर के कपाट आगामी 22 अगस्त तक श्रद्धालुओ के लिए बन्द हैं।
लिहाजा, प्रत्येक साल नागपंचमी पर भारतीय दूतावास के प्रांगण स्थित राजदंडी में लगने वाले मेला भी नही लगा। कोविड-19 प्रकोप के कारण इस साल मन्दिर का कपाट बंद रहा। जिसके चलते लोगों में उदासी देखी गयी।
वहीं, मन्दिर के गेट बंद रहने के बाद भी कई महावीरी अखाड़े के श्रद्धालु अपनी परंपरा निभाने मन्दिर गेट पहुंचे। विभिन्न मुहल्लों से युवा लाठी, तलवार व भाला सहित कई शस्त्रों से अपना करतब दिखाते हुए दूतावास स्थित मंदिर में पहुँच गेट पर ही पूजा कर वापस हो गए।वहीं,श्रद्धालु भी मन्दिर गेट से ही पूजा कर वापस लौट गए।मन्दिर के पुजारी पंडित अजय उपाध्याय ने बताया कि दुतावास व प्रशासन के आदेश से आम भक्तजनों के लिये मन्दिर के कपाट बंद रखा गया,जो 22 अगस्त तक जारी रहेगा।हालांकि,मन्दिर में विशेष श्रृंगार ,पूजन व आरती आयोजित हुई।