Tuesday, November 26

‘अनामिका’ के ‘क्रूर हत्यारे’ रक्सौल पुलिस की पकड़ से बाहर,पुलिस कार्यशैली पर उठ रहे सवाल!

रक्सौल।( vor desk   )।यह दिल्ली की ‘निर्भया’ नही है,जिसकी बलात्कार के क्रम में क्रूरता और बाद में मौत से देश भर में हंगामा मचा और न्याय के लिए लोग बेताब हो गए।यह रक्सौल के बाईपास रोड में मिली ‘अनामिका’ है।जिसकी क्रूरता से हत्या की गई है।हत्या के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम में भेज कर जांच शुरू की है,लेकिन,मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना में लाश बरामदगी के दूसरे दिन तक रक्सौल पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंची नही दिख रही।उसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है,ताकि,यह पता चले कि हत्या के पीछे बलात्कार भी कारण है?और घटना में किस किस एंगल से क्रूरता की गई है….!
मृत युवती का शव रविवार को बाईपास रोड में पावर ग्रिड के पास के एक अर्द्ध निर्मित खंडहरनुमा मकान से बरामद हुआ।शव तब बरामद हुआ जब आस पास के इलाके के लोगों ने हो हल्ला किया।लोग जुटे और तब पुलिस पहुंची।चर्चा है कि घटना 24 जुलाई शाम को ही घटी थी।लेकिन,इसका खुलासा पुलिस जांच से ही होगी।

बताते हैं कि प्रत्यक्षदर्शियों ने शव को देखने के बाद शिनाख्त नही की है।पुलिस भी अब तक शिनाख्त नही कर सकी है।चर्चा यह है कि यह युवती इस क्षेत्र की नही है।लेकिन,यकीन के साथ  कुछ भी नही कहना मुश्किल है।
अगर’ हाई प्रोफाइल’ मामला होता तो फोरेंसिक जांच और डॉग स्क्वायड से जांच की पहल हुई होती।अब तक हंगामा मच गया होता।
लेकिन, यह ‘अनामिका’ है।हां, बिना नाम वाली।क्योंकि इसकी कोई पहचान नही है।इसकी कोई खोज खबर लेने वाला नही।क्योंकि,शायद इसका परिवार भी खोज खबर में हो,जो,रक्सौल पुलिस तक नही पहुंच सका है।
हां, देखने में मृत युवती ठीक ठाक व सभ्य परिवार की दिखने वाली है।हो सकता है कि इस युवती का यही अपराध हो,क्योंकि देखने मे वह सुंदर प्रतीत हो रही है।
इस हत्या के अनसुलझे रहस्य को जानने के लिए पुलिस ने अब तक कितना प्रयास किया है,यह वही जाने!लेकिन,यह हत्या साधारण नही है।यह असाधारण है।ठीक ‘निर्भया’ वाली स्थिति वाली।क्योंकि,उसके चेहरे व शरीर पर मिले जख्म के निशान के साथ वस्त्रों की स्थिति यह चीख चीख कर गवाही दे रही है कि उसके साथ ‘बलात्कार’ जैसी त्रासदी हुई है।वह इतनी कमजोर नही दिख रही कि एक दो लोगों से लड़ नही सके।ऐसे में ‘सामूहिक अपराध’ के संकेत मिल रहे हैं।लेकिन,इन सब के साथ युवती की सलवार यानी शरीर के निचले भाग के बुरी तरह रक्त रंजित होने की स्थिति यह सवाल कर रही है कि हत्यारों ने किस स्तर की क्रूरता की है।अहम तो यह है कि खंडहर से शव बरामद हुआ ।गुत्थी इस कारण भी उलझा हुआ है कि इस खंडहर में वह जिंदा लाई गई थी या मृत..वैसे इन सवालों का जवाब बिहार पुलिस को खोजना है।खुफिया विभाग को खोजना है।लेकिन,यह भी सच है कि उक्त युवती की हत्या पचने वाली नही ,बल्कि,चीख चीख कर इंसाफ की गुहार लगाती दिख रही है।
इस ‘कांड’ से सामाजिक संगठन व राजनीतिक दल भी आहत हैं और पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठा रहे हैं।


स्वच्छ रक्सौल संगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह का कहना है कि यह कांड क्रूरतम है।इसकी जांच होनी चाहिए।न्याय होना चाहिए।अपराधी सलाखों में दिखना चाहिए।नही तो हम चुप नही बैठेंगे।उन्होंने कहा कि पहले से ही इस बाईपास और चिकनी रेलवे ढाला का एरिया क्राइम व मर्डर जोन बन गया है,पहले भी युवतियों व महिलाओं के शव की बरामदगी होती रही है।आखिर यह कब तक चलेगा?वे कहते हैं कि इस मामले में’ यूडी केश’ दर्ज कर खानापूर्ति पर बात खत्म नही होने वाली।हत्यारों को फांसी होनी चाहिए।

तो, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महा सचिव फ़ख्रुदीन आलम व युवा राजद के प्रखण्ड अध्यक्ष सैफुल आजम ने कहा कि यदि 24 घण्टे में रक्सौल पुलिस ने उचित कदम नही उठाया,तो ,राजद आंदोलन की घोषणा करेगी।राजद राज्य स्तर पर इस मामले को उठाएगी।उन्होंने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था फेल हो गई है।महिलाओं की आबरू और जान महफूज नही रह गया है।राजद इस मामले में इंसाफ़ चाहती है।इसके लिए सड़क पर भी उतरेगी।

वहीं,पूर्व नगर पार्षद शबनम आरा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि रक्सौल मे पूँजी लगा कर थानो मे पोस्टिंग होती है।जाहिर है जमीन की दलाली और तस्कर समूहों से पैसा बनाने मे प्रशासन का ध्यान केंद्रित रहता है।रोस्टर के हिसाब से आपराधिक दृष्टिकोण से संवेदनशील जगहों पर गस्ती नही होती ,जिस कारण यह शर्मशार कर देने वाला परिणाम सामने आया है।

इधर,इस प्रकरण पर रक्सौल थाना के पुलिस निरीक्षक शशिभूषण ठाकुर का कहना है कि पुलिस मामले की गहन जांच पड़ताल में जुटी है।वहीं, रक्सौल वासियों को पुलिस से न्याय की उम्मीद है।

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