रक्सौल।(vor desk )।एक ओर कोरोना के तीसरे लहर की चेतावनी जारी होने व डेल्टा वेरिएंट के मिलने से हड़कम्प मचा है,वहीं, जिले में टिकाकरण के मामले में अव्वल रहे नेपाल सीमावर्ती रक्सौल प्रखण्ड में तीन दिनों से वैक्सीन खत्म होने से टिकाकरण बन्द है।युवा समेत आम जन परेशान हैं।शहर के केसीटीसी कॉलेज केंद्र से लोग रविवार ,सोमवार व मंगलवार को वापस लौटने को विवश हो गए हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिविर नही लग रहे।जबकि, दूसरी ओर लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाने के साथ ही बैठक का दौर जारी है,ताकि,सम्पूर्ण टिकाकरण हो सके। यहां 16 जनवरी से 27 जून तक हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंट लाइन वर्कर समेत कुल 48763 लोगों को टिका लग चुका है।जिसमे 43811लोगों को प्रथम डोज व 4952 लोगों को द्वितीय डोज पड़ चुका है।इसमे 18 से 44 वर्ष के 19777 को प्रथम व 454 लोगों को दूसरा डोज,45 से 59 वर्ष के उम्र के लोगों को 13495 प्रथम व 1305 दूसरा डोज तथा सीनियर सिटीजन को 7403 प्रथम व 1230 दूसरा डोज लग चुका है।रक्सौल प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे ने 1 जुलाई से सघन टिकाकरण अभियान चला कर रक्सौल नगर के सम्पूर्ण टिकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।इसके लिए माइक्रो प्लान बनाया गया है।एसडीओ सुश्री आरती का कहना है कि रक्सौल नगर समेत प्रखण्ड भर में लगातार शिविर लगा कर टिकाकरण किया जाएगा।साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जाएगा,ताकि,टिका से कोई वंचित न रहे।वहीं,जिलाप्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने उक्त बैठक में आश्वस्त किया है कि कोविन के लिये टिका की कोई कमी नही होने देने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है।जबकि, स्वास्थ्य प्रबन्धक का कहना है कि 30 जून को जिला से टिका यहां उपलब्ध होने की संभावना है।बता दे कि बीते दिनों पनटोका पंचायत में एक ही दिन चार हजार लोगों को टिका लगा कर रिकॉर्ड बनाया गया ।नगर में भी लगातार शिविर आयोजित हुए।लेकिन,अचानक से ‘कोविशिल्ड’ टिका खत्म हो गया।फिर ‘कोवैक्सीन ‘की डोज भी खत्म हो गई।इसी कारण रविवार, सोमवार व मंगलवार को टिकाकरण के लिए विभाग ने कोई सूचना जारी नही की।जिसजे लोग भ्रम व भटकाव के शिकार बनने को विवश हो गए।