Thursday, October 17

कोविन वैक्सिनेशन में टॉप हुआ रक्सौल,जमीनी हकीकत में तीन गुनी संख्या बिना टिका लिए निराश लौटी!

-टिकाकरण केंद्रों पर वारिश में भी उमड़ी भीड़,मेगा कैम्प में 2हजार 324 लोगों को लगा टिका
-कई केंद्रों पर हुआ हो हल्ला,तुमड़िया टोला स्थित केंद्र पर हरैया पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप

रक्सौल।( vor desk )।सरकार वैक्सिनेशन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।इसका सकरात्मक नतीजा यह रहा कि मेगा शिविर में बिहार देश मे टॉप रहा।तो सूबे में पूर्वी चंपारण टॉप रहा।और पूर्वी चंपारण में रक्सौल टॉप रहा।वैसे आंकड़ो के हिसाब से पूरे जिले में रक्सौल सदैव अव्वल चला आ रहा है।मेगा शिविर में मंगलवार यानी 16 जून को पहली बार यह व्यवस्था थी कि बिना स्लॉट एपोइमेन्ट के 18 से ऊपर के लोगों को टिकाकरण हुआ।जमीनी हकीकत की बात करें तो पीएचसी द्वारा यह घोषित नही किया गया कि किस केंद्र पर कितना टिका लगेगा,इससे लोगों को काफी परेशानी हुई।टिका के इंतजार में खड़े लोगों की बड़ी संख्या लौट गई।इससे आक्रोश दिखा। विपरीत स्थिति को देख स्वास्थ्य विभाग के कई स्थानीय अधिकारियों ने अपना मोबाइल भी बन्द कर लिया था।

ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के तहत कोविन वैक्सिनेशन के लिए रक्सौल शहर के चार केंद्रों समेत प्रखण्ड के करीब 27 केंद्रों पर मेगा कैम्प के तहत टीकाकरण किया गया।शहर के कस्तूरबा बालिका उच्च विद्यालय में आयोजित मेगा कैम्प का उद्घाटन एसडीओ आरती ने किया।जहां 130 लोगों को टिका लगा।जबकि,सैकड़ो की संख्या में लोग लौट गए।बताया गया कि पहली बार 18 से अधिक उम्र के लिए ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सूचना के बाद लोग उत्साहित थे,लोग टिकाकरण की आश में शिविर को दौड़ पड़े।जिससे बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी और विभिन्न केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की जम कर धज्जियाँ उड़ी।बारिश में भी लोग परेशान दिखे।

वहीं,आधी अधूरी तैयारी के बीच लगे मेगा कैम्प में बारिश व कीचड़ के बीच छतरी लिए पहुंचे युवक-युवतियां कई केंद्रों पर दोपहर में ही वैक्सिन खत्म होने के बाद निराश लौटने को विवश दिखे।

कस्तूरबा बालिका उच्च विद्यालय में उद्घाटन सत्र में पहुंची एसडीओ आरती ने विद्यालय परिसर में कुव्यवस्था व विपरीत स्थिति देख कर विद्यालय प्रबन्धन को जम कर फटकार लगाई और सो कॉज के निर्देश भी दिए।

इधर,शहर के हरिहर महतो मध्य विद्यालय में महज 120लोगों को ही टिका लगा।जबकि, यहां पांच सौ से ज्यादा लोग टिका लेने पहुंचे थे।स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि इस शिविर को एक एएनएम व डाटा इन्ट्री ऑपरेटर के भरोसे केंद्र को छोड़ दिया गया था।टिकाकरण खत्म होने के समय दुसरीं एएनएम पहुंच सकी ।ऑब्जर्वेशन रूम से डॉक्टर भी गायब थे।यहां दोपहर यानी टिकाकरण शुरू होने के बाद करीब 3 घण्टे के भीतर ही टिका खत्म हो गया।वैक्सीन खत्म होने व हालात विपरीत होने पर हरैया पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा,तब स्थिति सम्भली।उन्होंने सवाल किया कि आखिर टिकाकरण केंद्रों पर भेद भाव कैसे हुआ?स्वच्छ रक्सौल को जागरूक करने व टिकाकरण को बढ़ावा देने को कहा गया और केंद्र पर जब लोग पहुंचने लगे,तो यह कह दिया गया कि जिला से टिका कम मिला!

इसी तरह की हालत शहर के आर्य कन्या मध्य विद्यालय की रही,जहां करीब 150 लोगों को टिका लग सका।तो,शहर के केसीटीसी कॉलेज केंद्र स्थित मुख्य केंद्र पर 219 लोगों को टिका लग सका,जबकि, यहां कोवैक्सिन की दूसरी डोज भी उपलब्ध थी।


ग्रामीण क्षेत्र में भी अधिकांश केंद्रों पर समय से पहले ही टिका खत्म हो गया,जिससे ग्रामीण लौट गए।कई केंद्रों पर हो हल्ला भी हुआ।

इधर,स्वास्थ्य प्रबन्धक आशिष कुमार के मुताबिक, मेगा कैम्प के तहत 18 से ऊपर के 2152 व 45 से अधिक उम्र के172 यानी कुल 23 24 लाभुकों को मेगा शिविर में टिका लगाया गया।उन्होंने स्वीकारा की जितना टिका उपलब्ध था,उतना टिका दे दिया गया।

इधर,पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्षात के कारण कुछ दिक्कतें हुई।

हालांकि,रक्सौल एसडीओ आरती समेत डीसीएलआर राम दुलार राम,कार्यपालक दण्डाधिकारी सन्तोष कुमार सिंह,बीडीओ सन्दीप सौरभ,सीओ विजय कुमार,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनन्द ,सीडीपीओ रीमा कुमारी,केयर इंडिया के सूरज कुमार,सन्दीप कुमार आदि के सक्रिय भूमिका व मोनिटरिंग से टिकाकरण में रक्सौल उत्कृष्ट प्रदर्शन करता आ रहा है।इसमे यूनिसेफ,केयर ,जीविका ,आंगन बाड़ी केंद्रों व आशा कार्यकताओ की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है।

इसमे सर्वाधिक महती भूमिका उन स्वास्थ्य कर्मियों की है ,जिन्हें वाहन व नाश्ता पानी की दिक्कतें झेलनी पड़ती है,बावजूद बिना उफ किये टिकाकरण को लक्ष्य से आगे ले जा रहे हैं।इसमें राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना की टीम विपरीत परिस्थिति में भी अल्पसंख्यक व दलित बस्तियों में अपनी क्षमता साबित कर चुकी है।रक्सौल के टिकाकरण में योगदान व अव्वल रहने की सराहना जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक ने भी किया है।

वैसे देखें तो रक्सौल में पीएचसी सत्र स्थल पर एक दिन में करीब पांच सौ लोगों के टिकाकरण का रिकॉर्ड रहा है।ऐसे में मेगा कैम्प और इसका आंकड़ा खानापूर्ति से ज्यादा कुछ भी नहीं!

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