Tuesday, November 26

कोरोना काल मे चरम लापरवाही के बीच रक्सौल पीएचसी में हुई गर्भवती महिलाओं की जांच, खतरे में दिखा ‘भविष्य’

रक्सौल।(vor desk )।कोरोना वायरस से बचाव के लिए गर्भवती महीलाओ को सावधानी बरतने के लिए निर्देशित किया जाता है।इसको देखते हुए पिछले कई माह से जांच बन्द थी।पिछले माह भी आदेश नही होने के बावजूद जांच की गई गई,जब मीडिया को भनक लगी,तो 20 -25 गर्भवती महिला की जांच के बाद इसे बन्द कर लीपापोती की गई।इस बार 9 जून यानी बुधवार को रक्सौल पीएचसी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत शिविर आयोजित की गई।लेकिन, इसमे चरम लापरवाही बरती गई।रक्सौल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं की भीड़ यह संकेत दे रही है कि रक्सौल में ‘भविष्य’ खतरे में है।यानी गर्भवती महिलाएं तो खतरे में हैं हीं आने वाले बच्चे भी सुरक्षित नही है।यदि इनमें कोरोना मरीज हों,तो,कम्युनिटी में इस वायरस के प्रसार को रोकना नामुमकिन ही साबित होगा।
यही नही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत जांच कराने पहुंची महिलाओं की जांच में भी खूब लापरवाही दिखी।सूत्रों ने बताया कि इस शिविर को दो एएनएम व जीएनएम के भरोसे छोड़ दिया गया।लेडी डॉक्टर का अता पता नही था।जो डॉक्टर मौजुद थे,वे ओपीडी में पुर्जी देखने व बिना जांच के खानापूर्ति में मौजुद थे।जबकि, नियम के तहत शिविर में हर हाल में डॉक्टर को उपस्थित होना जरूरी है।वहीं,इस शिविर में अधिकांश गर्भवती महिलाएं मास्क नही पहनी थीं,तो,सोशल डिस्टेंस मेनेंटेन करने के निर्देश के बावजूद मेला की तरह ठेलम ठेल भीड़ लगाई हुईं दिखीं।

यही नही मातृ एव शिशु विभाग में जांच को पहुंची गर्भवती महिलाएं कतार में एक दूसरे पर चढ़ती हुई नजर आ रही थीं।तो,ओपीडी के आगे में भी मेला सा दृश्य था।पुर्जी कटाने से ले कर जांच कराने तक मे अनियंत्रित भीड़ थी।केंद्र के गार्ड की लापरवाही भी साफ दिखी।इसे रोकने व समझाने की जहमत नही उठाई गई कि कोविड के क्या खतरे हैं।कैसे बचना है।।इस दौरान एएनएम रूबी व जीएनएम मनीषा ही जांच करती दिखी।उनका कहना था कि उन्हें जो निर्देश मिला ,उसकी ड्यूटी कर रहे हैं।

बताते हैं कि करीब सौ गर्भवती महिलाओं की जांच हुई।उनकी शिकायत थी कि जांच के लिए घण्टों इंतजार करना पड़ा।यही नही भीषण गर्मी के बीच वे प्यास से तड़पती रहीं।इससे भी गम्भीर मसला यह था कि पीएचसी के द्वारा अधिकांश गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रा साउंड कराने को निर्देशित किया गया।उन्हें पीएचसी के ठीक सामने खास केंद्रों पर ही अल्ट्रासाउंड कराने को निर्देशित किया गया।जिसके एवज में कथित तौर पर पीएचसी के डॉक्टरो की मोटी कमाई हो रही है।और उनके इशारे पर ही धड़ाधड़ अल्ट्रासाउंड केंद्र खुल रहे हैं।जिसमे सरकारी नियमो की खूब धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।

जब इस पूूरे मामले पर तफ्तीश व पक्ष जाननेे की कोशिश की गई तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय में ताला लटका पाया गया।जब कि उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी कुछ भी कहने से पल्ला झाड़ गए।

इस पूरे मामले पर बसपा नेता चन्द्र किशोर पाल ने डीएम को एक पत्र लिख कर जांच की मांग की है कि गर्भवती महिलाओं व भविष्य के साथ इस तरह की हरकतें क्यों की जा रही हैं,जबकि, अनलॉक शुरू होने पर भी शादी या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए निर्देश जारी है,तो,इस तरह भीड़ क्यों लगाई गई।

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