रक्सौल।( vor desk )।ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में टिकाकरण की रफ्तार तेज दिख रही है।रविवार को ‘टिका एक्सप्रेस’ शहर के तुमड़िया टोला में थी।जहां करीब 90 लोगों को टिका लगा।
टिका एक्सप्रेस की टीम करीब 9 बजे तुमड़िया टोला के हरिहर मध्य विद्यालय पहुंची।टीम का नेतृत्व डॉ0 मुराद आलम कर रहे थे।टिकाकरण देर शाम करीब पांच बजे तक चलता रहा।
टीम में डॉ0 मुराद आलम,डॉ0 महम्मद सुल्तान ,फार्मासिस्ट अली इरफान व एएनएम मोनी कुमारी, कुलसुम बेगम आदि शामिल थे।जबकि स्थानीय आंगनबाड़ी सेविका भी मौजूद रही।
सुबह टिकाकरण की रफ्तार धीमी रही।कड़ी धूप भी एक वजह थी।लेकिन, शाम चार बजे यह रफ्तार तेज हो गई।
इस दौरान समाजिक संस्था स्वच्छ रक्सौल की टीम काफी सक्रिय रही।संस्था के अध्यकक्ष रणजीत सिंह समेत आलोक श्रीवास्तव आदि ने पहले से टीम वर्क किया।और होम टू होम विजिट कर 45 से ऊपर के उम्र के महिला-पुरुषों को सत्र स्थल लाया।
मजे की बात यह रही कि यह क्षेत्र व वार्ड नगर परिषद की सभापति उषा देवी का है,लेकिन,उनकी उपस्थिति नही रही।इसके अलावें आस पास के वार्डो में नगर पार्षद भी उपस्थित नही हुए।बावजूद, टिकाकरण की रफ्तार अन्य दिनों के मुकाबले सर्वाधिक रही।
टिका लेने पहुंची पूनम देवी,रीता देवी व शिवजी प्रसाद श्रीवास्तव ने मेडिकल टीम को धन्यवाद दिया कि हमारे इलाके में बुला कर टिका दिया।इससे केसीटीसी कॉलेज केंद्र की दौड़ लगाने से मुक्ति मिल गई।उन्होंने कहा कि यदि लोगों को जागरूक किया जाए,तो,टिका लेने वालों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।हालाकि, इस क्षेत्र में भी टिका को ले कर नकारात्मक बात करने वाले दिखे।लेकिन,उनकी संख्या कम रही।
स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि टिका एक्सप्रेस के पास उपलब्ध वैक्सीन बीच मे ही समाप्त हो गया।इस कारण दर्जनों लोगों को बिना टिका लिए ही सत्र स्थल से लौट जाना पड़ा।
उन्होंने बताया कि यह संख्या तकरीबन दुगुनी हो जाती,लेकिन,वैक्सीन की कमी से ही’ टिका एक्सप्रेस’ की स्पीड थम गई।
इधर, सूत्रों ने बताया कि टिका एक्सप्रेस की मेडिकल टीम ने दो बार जुगाड़ करके वैक्सीन मंगाया,बाद में टिकाकरण बन्द कर देना पड़ गया।
जब vor team ने इस बाबत डॉ महम्मद सुल्तान से वैक्सीन कम होने की शिकायत पर सवाल किया,तो,वे टाल गए और कहा कि हम केवल निर्देश का पालन करते हैं।इस बारे में हमारे विभाग से पूछिये।
शहर के टिकाकरण सत्र स्थल पर खास यह रहा कि स्वच्छ रक्सौल की टीम ने मेडिकल टीम के लिए नाश्ते व चाय तक का प्रबन्ध कर रखा था।हालांकि,गांवो में भी स्थानीय लोग ऐसी पहल कर दिया करते हैं।लेकिन,अक्सर टिकाकरण में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों की शिकायत रही है कि उन्हें भूखे प्यासे ड्यूटी करनी पड़ती है,या फिर अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है।हालांकि,इस सवाल पर भी मेडिकल टीम ने चुप्पी साध लिया।लेकिन,विभाग भी इस पर मुहं खोलने या उचित पहल से कतराती दिखती है।
बता दे कि रक्सौल में टिका एक्सप्रेस 26 मई से सक्रिय है।राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के चिकित्सको के नेतृत्व में मेडिकल टीम गठित है,जिसका उद्देश्य सीनियर सिटीजन ,बुजुर्ग, दिव्यांग लोगो को क्षेत्र में पहुंच कर टिकाकरण करना है।
गौरतलब है कि यह भारत सरकार का टिकाकरण कार्यक्रम है।जिसका उद्देश्य सभी नागरिको का टिकाकरण करना और कोरोना संक्रमण पर विजय पाना है।इसलिए इस टिका का नाम ‘कोविन’ रखा गया है,यानी ‘कोविड पर विजय’!