Tuesday, November 26

जनप्रतिनिधियों का सहयोग न मिलने व टीम वर्क के अभाव में पिछड़ रहा ‘टिका एक्सप्रेस’ का लक्ष्य!

-टिका एक्सप्रेस का लक्ष्य पूर्ण नही होने की स्थिति में बर्बाद हो रहा वैक्सीन डोज

रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल के ग्रामीण क्षेत्रों में 26 मई से ‘टिका एक्सप्रेस ‘ 45 से ऊपर की उम्र के लोगों के टिकाकरण के लिए सक्रिय है,लेकिन, इस दौरान काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।ऐसे में प्रति दिन दो तीन डोज वैक्सीन नष्ट हो रही है,जो चिंता का विषय बना हुआ है।जबकि, एसडीओ आरती लगातार लोगों को जागरूक कर रही है।बता रही हैं कि यह टिका पूर्णतः सुरक्षित है।निःशुल्क है।कोई साइड इफेक्ट नही है।वहीं,आईसीडीएस की टीम भी जागरूकता अभियान में लगी है।बावजूद लक्ष्य पूर्ण नही हो पा रहा,जिसका कारण जन प्रतिनिधियों का सहयोग न मिलने के साथ ही ‘टिका एक्सप्रेस’ को बिना होम वर्क के फील्ड में भेज देना प्रतीत होता है।सबसे अहम है कि इनके लिए गांव तो निर्धारित है,लेकिन,सत्र स्थल निर्धारित नही है।ऐसे में दिक्कतें आनी स्वाभाविक ही है। इस क्रम में vor team ने शुक्रवार को टिका एक्सप्रेस के टिकाकरण की ऑन स्पॉट पड़ताल की।जिसमे टीम की सक्रियता तो दिखी,पर,टीम वर्क के नही होने से विपरीत स्थिति साफ साफ नजर आई।जागरूकता का अभाव सभी वर्गों में दिखा।जो पढ़े लिखे लोग हैं,वे भी ‘वेट एंड वाच’ में दिख रहे हैं।

बता दे कि ‘टिका एक्सप्रेस’ की टीम प्रखण्ड के जोकियारी पंचायत के चिकनी में सुबह के करीब दस बजे पहुंची,तो,वहां एक भी टिका लेने वाले नही पहुंचे थे।ना ही कोई जन प्रतिनिधि मौजूद थे।ऐसे में टिकाकरण में जुटी आरबीएसके की टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ 0महम्मद सुल्तान, डॉ मुराद आलम,फार्मासिस्ट अली इरफान,एएनएम मोनी कुमारी,आईसीडीएस के प्रभु यादव आदि ने गांव में घूम घूम कर लोगों को जागरूक किया।बताया कि टिका लेने से कोविड संक्रमण से बचाव होगा।इससे आप सुरक्षित होंगे। तब करीब 10 लोगों को टिका के लिए तैयार किया गया।इस दौरान कई लोगों की नकारात्मक प्रतिक्रिया रही।

स्थानीय शिव दास ने साफ कहा-‘हमरा मन करी ,तबे नु टिका लेम…!किसी ने कहा कि -हमरा अभी मुए के नइखे!कई लोग इस अफवाह में जीते दिखे,जिन्हें किसी ने बता दिया है कि टिका लेने पर छह महीने में मौत हो जाएगी।कुछ लोग इसे’ मोदी टिका’ बता कर लेने से टाल गए।इस तरह के भ्रम व अफवाहपूर्ण स्थिति से हालात विपरीत है।

इस दौरान काफी कोशिश पर करीब 12 बजे सुरेंद्र दास( 58 ),रीता देवी,राणा प्रताप,महेंद्र प्रसाद आदि 10 लोगों को टिका लगा।करीब 2 बजे तक कुल 15 लोगों को टिका लग सका।इस दौरान केयर इण्डिया के प्रतिनिधि ,आशा कार्यकर्ता,आशा फैसीलेटर,आँगबाड़ी सेविका-सहायिका भी सहयोग में दिखे,लेकिन,यह लग रहा था कि पहले से टीम वर्क की कमी है।

इसके बाद यह टीम जटियाही पहुंची,जहां कोई दस लोग इकठे थे।वहां टिकाकरण शुरू हुआ।यहां कुल 24 लोगों को टिका दिया जा सका। एक डोज बच गया।जबकि, अगला सत्र स्थल इसी पंचायत का ख़िरलीचिया था,जहां मात्र 3 लोग ही पौने पांच बजे तक इकट्ठा थे,जिस कारण वहां टिका नही दिया जा सका।वहां टिकाकरण रद्द करना पड़ा।

इस बाबत पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि टिका एक्सप्रेस के तहत प्रति दिन 200 टिकाकरण का लक्ष्य है,लेकिन,जागरूकता की कमी के कारण हम लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं।उन्होंने स्वीकार किया कि प्रति दिन दो से तीन डोज वैक्सीन नष्ट हो रहा है,क्योंकि,सत्र स्थल पर लाभुक पर्याप्त संख्या में नही पहुंच रहे ,जिससे 10 से कम लोगो के रहने पर भी वायल खोलना पड़ रहा है,क्योंकि,उपस्थित लोग सब्र व इंतजार को तैयार नही रहते।
गौरतलब है कि जिलाधिलारी कपिल शीर्षत अशोक ने जिला भर में इस कार्यक्रम की शुरुवात कर रखी है,ताकि,गांव में ही 45 से अधिक उम्र वालो को टिका लग सके।वरीय नागरिको का टिकाकरण हो सके।उन्होंने निर्देशित भी किया है कि जो टीम अच्छा करेगी,उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा,जिस क्षेत्र में परफॉर्मेंस खराब होगा उनके खिलाफ ‘एक्शन ‘ लिया जाएगा।

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