Wednesday, November 27

एक ओर युवाओं में वैक्सिन के लिए मारा- मारी, दुसरी ओर रोज बर्बाद हो रहा वैक्सीन डोज!

रक्सौल।(vor desk)।एक ओर 18 से अधिक उम्र वालों के लिए कोविन वैक्सीन के लिए मारा मारी चल रही है।वहीं,दूसरी ओर 45 से अधिक उम्र वालो में काफी प्रयास के बावजूद जागरूकता की कमी से लक्ष्य पूर्ण करने में दिक्कतें आ रही है।इस कारण प्रति दिन कम से कम दो- तीन डोज वैक्सीन नष्ट हो जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक,रक्सौल में केसीटीसी कॉलेज केंद्र के अलावे ग्रामीण व शहरी इलाकों के आंगनबाड़ी केंद्रों व टिका एक्सप्रेस द्वारा 45 से अधिक उम्र वालों को टिका लगाया जा रहा है।प्रति दिन चार से पांच सत्र स्थल पर टिकाकरण हो रहा है।इस क्रम में जागरूकता के अभाव में सत्र स्थल पर अपेक्षित संख्या नही पहुंच पा रही।बताते हैं कि नियम है कि एक वायल 10 लोगों के उपस्थित होने पर ही खोला जाना है, ताकि,डोज नष्ट नही हो सके।लेकिन, कई मामलों में कम लाभुकों के पहुचने पर भी वायल को खोलना पड़ रहा है,क्योंकि,इकट्ठे लोगों को वैक्सिनेशन नही करने पर हो हल्ला भी होने लगता है।टिकाकरण टीम में शामिल एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि हमारे साथ सुरक्षाकर्मी नही होते।गावँ में सबको समझाना भी सम्भव नही हो पाता।ऐसे में जब आठ नौ लोग इकठे हो जाते हैं,तो एक दो लोगों के लिए वे घण्टे भर यानी किसी के आने तक इंतजार नही करते और हो हल्ला शुरू कर देते हैं।ऐसे में मजबूरी होती है कि इक्कठे लोगों का वैक्सिनेशन कर दिया जाए।
बताते है कि इन्ही हालातों में अलग अलग सत्र स्थलों पर इस कारण प्रति दिन दो तीन डोज नष्ट हो रहे हैं।टिकाकर्मी दल अंतिम के वैक्सिन डोज के सदुपयोग के लिए भी काफी मशक्कत करते दिखते हैं,क्योंकि,उन्हें डोज नष्ट नही होने का निर्देश है।

सूत्रों के मुताबिक,टिका एक्सप्रेस व आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए राष्ट्रीय बाल सुरक्षा समिति व टिकाकरण टीम को लगाई गई है।टिकाकरण सत्र स्थल पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों समेत अन्य का अपेक्षित सहयोग नही मिल पा रहा।इसलिए लक्ष्य पूर्ण करने में भी दिक्कतें आ रही हैं।जबकि,इसके तहत घर से निकलने में असमर्थ वरीय नागरिको,बुजर्गो ,दिव्यांगों को प्राथमिकता के साथ टिका दिया जा रहा है।

इस बाबत यूनिसेफ़ के बीएमसी अनिल कुमार के मुताबिक,टिकाकरण टीम के लिए एक दिन पहले प्लान किया जाता है,और सम्बंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो,बीएलओ व आशा कार्यकर्ता ,आँगबाड़ी सेविका सहायिका को सूचित भी किया जाता है।

इधर,जागरूकता फैलाने के लिए खुद एसडीओ आरती मोनिटरिंग कर रही हैं।खुद वे ग्रामीण क्षेत्रो में घूम घूम कर टिका लेने के लिए प्रेरित कर रही है।


इधर, लगातार डोज के नष्ट होने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए रक्सौल के अनुमंडलीय उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी डॉ एसके सिंह ने टिकाकरण टीम को निर्देशित किया है कि वैक्सीन नष्ट होने की स्थिति में पीएचसी को सूचित करें, ताकि, उसका लाभ किसी अन्य लाभुक को सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही जागरूकता फैैलाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

उन्होंने स्वीकार किया है करीब एक सप्ताह से प्रति दिन अलग अलग सत्र स्थल पर दो- तीन डोज नष्ट हो जा रहा है। वहीं, सप्ताह भर से टिकाकरण लक्ष्य से काफी पीछे है।जबकि, मुख्य केसीटीसी केंद्र के अलावे चार पांच सत्र स्थलों पर प्रतिदिन टिकाकरण चल रहा है।हमारी कोशिश है कि हम उसे पूर्ण करें,बावजूद दिक्कतें आ रही हैं।वे स्वीकारते हैं कि यदि मुखिया,वार्ड सदस्य आदि जन प्रतिनिधि बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें,तो,डोज को नष्ट होने से बचाने के साथ ही लक्ष्य को भी पूर्ण किया जा सकेगा।( रिपोर्ट:गणेश शंकर )

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