रक्सौल।( vor desk )।शहर के एक युवक ने उदाहरण प्रस्तुत किया है।युवक खुद कोरोना संक्रमित हो गया।कोरोना से लड़ कर विजय पाई।जब ठीक हुए तो एक मरीज को खून देने की जरूरत हुई।वे पहले 22 बार रक्तदान कर चुके हैं।जब दुबारा जीवन मिला,तो,इस सिलसिले को जारी रखने की ठानी।और फिर रक्तदान करके हॉस्पिटल के बेड पर पड़े मरीज की जीवन बचाने की पहल की।
यह युवक है,रक्सौल के नेपाली स्टेशन निवासी कुमार प्रताप रंजन ।जिसने यह 23 वीं बार रक्तदान कर प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
उन्होंने “रामेश्वर लाल गोविंद प्रसाद मस्करा चेरिटेबल ट्रस्ट”की ओर से 23वी बार रक्तदान किया है।श्री रंजन ने आज पखनहिया (रामगढ़वा) निवासी 25वर्षीय अरशद खान को किडनी डायलिसिस हेतु रक्त की कमी को डंकन अस्पताल जाकर पूरा किया।वे शहर के एक निज़ी अस्पताल में डायलिसिस हेतु भर्ती हैं।रंजन कुमार मस्करा ट्रस्ट के सदस्य हैं एवं लगातार रक्तदान करते हैं।आज उन्होंने ट्रस्ट के संचालक रवि मस्करा के साथ डंकन अस्पताल जाकर उन्होंने रक्तदान कर यही संदेश दिया कि कोरोना से लड़ने के बावजूद जिस प्रकार वे रक्तदान कर रहे हैं सभी युवा को रक्तदान करने आगे आना चाहिए।ट्रस्ट संचालक रवि मस्करा ने हाल ही में कोरोना को हराने के बाद इस नेक कार्य के लिए साधुवाद दिया है और कहा कि उनकी जितनी प्रशंसा की जाए,कम ही होगा।