रक्सौल।(vor desk )।सीमा से लगे नेपाल के वीरगंज में भी ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है।कोरोना संक्रमण का सामना कर रहे मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि से चिकित्सकों के लिए भी इलाज की चुनौती खड़ी हो गई है।वे भारतीय चिकित्सा संस्थानों व विशेषज्ञ चिकित्सको के सम्पर्क में है,ताकि,इस रोग पर मिल जुल कर नियंत्रण पाया जा सके।इन तथ्यों का खुलासा वीरगंज में एक वर्चुअल सेमिनार के क्रम में चिकित्सकों ने किया है।खुलासा हुआ है कि दो मरीजो की अब तक मौत हो गई है,करीब आठ लोग संक्रमित हैं।इसमे अहम यह है कि दो की मौत पहले ही हो गई,रिपोर्ट बाद में आ सका।
इस बीच , वीरगंज के मंगलम डायग्नोस्टिक सेंटर में हुई जांच में दो मरीजों में म्यूकोमाईकोशिस यानी ब्लैक फंगस की पुष्टि की गई।डायग्नोस्टिक के संचालक व सीनियर कंसल्टेंट पैथलॉजीस्ट प्रोफेसर डॉ अमरनाथ ठाकुर ने बताया कि वीरगंज के 25,45 व 50 वर्ष के उम्र के कोविड मरीज़ो की जांच में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं।उन्होंने बताया कि इसकी जांच दो चरण में होती है।पहली यानी केओएच टेस्ट रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।दूसरे चरण की जांच कल्चर रिपोर्ट से होती है।हालांकि,एक मरीज की कल्चर रिपोर्ट आनी बाकी है।इसमे करीब एक सप्ताह लग जाता है।इंफेक्शन पता लगने पर कल्चर इसलिए किया जाता है,ताकि,पता लग सके कि वह कौन प्रजाति का है,उसी अनुसार उपचार किया जाता है।
वहीं,वीरगंज स्थित नारायणी सब रीजनल हॉस्पिटल के चिक़ित्सक डॉ नीरज सिंह ने स्वीकार किया कि कोविड पर विजय पा कर डिस्चार्ज हो चुके मरीज ब्लैक फंगस की शिकायत के साथ हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।अब तक करीब आठ मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं,जबकि, दो मरीज की मौत हो चुकी है।इसमे एक काठमांडू के मेडिसिटी हॉस्पिटल व दूसरे का वीरगंज एडवांस हॉस्पिटल में मौत हुई ।काठमांडू में जिस मरीज की मौत हुई,वह भी वीरगंज से रेफर किये गए थे।हालांकि,क्लिनिकली आज पहली बार प्रमाणित हुआ है।रिपोर्ट आने से पहले ही दोनो की मौत हो चुकी है।इस बाबत स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी गई है।उनका कहना है कि इस रोग का उपचार काफी जटिल है।दवा भी सहज उपलब्ध नही है।लम्बे समय तक उपचार की जरूरत पड़ती है।इन्ही कारणों से वीरगंज में बेहतर उपचार के अभाव में मरीजो को नेपाल के भरतपुर मेडिकल कॉलेज के अलावें भारत के पटना,लखनऊ समेत विभिन्न हॉस्पिटलों में मरीजो को रेफर किया जा रहा है।
जबकि,डॉ चंदन वर्णवाल का कहना है कि फंगस के संक्रमण से मरने वालें मरीज़ों की संख्या 50 से 60 प्रतिशत है।एचआईवी व डायबिटिक के मरीज़ो में दिखने वाला यह लक्षण वीरगंज व काठमांडू के मरीजों में भी दिख रहा है।
जागरूकता हेतु वर्चुअल सेमिनार :वीरगंज में ब्लैक फंगस के मरीज की पुष्टि के बाद नेपाल युवा उधमी फोरम ( वीरगंज ) द्वारा जागरूकता व परिचर्चा हेतु वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। फोरम के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस सेमिनार मे रोग के लक्षण,बचाव और दवा की कमी,इलाज के हालातों पर चर्चा हुई।इसमे डॉ नीरज सिंह,डॉ नितिन तुलस्यान,डॉ चंदन वर्णवाल,नेपाल उद्योग वाणिज्य महा संघ के प्रदेश संख्या 2 के अध्यक्ष गणेश लाठ, वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता आदि शामिल हुए।उन्होंने नेपाल सरकार से इलाज की बेहतर व्यवस्था ,दवा उपलब्ध कराने की मांग के साथ कोविड महामारी में स्वास्थ्यकर्मियों के योगदान की सराहना की।