Monday, November 25

एसआरपी हॉस्पीटल को अनुमंडल कोर्ट की नोटिश,एडीएम सुधीर कुमार ने शुरू की जांच पड़ताल!

*एसआरपी हॉस्पिटल को प्रशासन ने थमाया नोटिश,शुरू हुई जांच पड़ताल

रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल के मुख्य पथ पर लक्ष्मीपुर में अवस्थित एसआरपी मेमोरियल हॉस्पिटल में गुरूवार की सुबह ऑक्सीजन की किल्लत की अचानक सूचना जारी करने के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की जान पर बन आई।मरीजो को रेफर कराने की प्रक्रिया शुरू होने लगी।इस आफत को ले कर मरीज के परिजनों में अफरातफरी की स्थिति बन गई ।सूचना मिलते ही क्षेत्रीय भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा की पहल पर एक्शन में आये डीएम कपिल शीर्षत अशोक के निर्देश पर रक्सौल प्रशासन की सक्रियता से दर्जनों मरीजो की जान बच गई।ये सभी ‘देवदूत’ की भूमिका में नजर आए।।क्योंकि, थोड़ी भी देरी से यहां मरीज़ो की जान जा सकती थी।अब यह मामला तूल पकड़ गया है।क्योंकि प्रशासन ने इसे डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर का दर्जा दे रखा है। हरेक सपोर्ट दे रही है।बावजूद, सूचना पट्ट पर सूचना चिपका कर लोगों को अचानक यह बताया गया कि 1 घंटा में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगा। अपने मरीज को रेफर करा लें।इससे नाराजगी व आक्रोश दिखा।वहीं,रक्सौल के प्रभारी एसडीओ सह डीसीएलआर राम दुलार राम के नेतृत्व में त्वरित तौर पर डंकन से 10 व हरिसिद्धि प्लांट से 15 सिलेंडर उपलब्ध कराया गया।तब जान में जान आई ।

यही नही कार्यपालक दण्डाधिकारी सन्तोष कुमार,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आनन्द गौतम,बीडीओ सन्दीप सौरभ,सीओ विजय कुमार समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने लेबर की कमी के कारण अपने कंधे पर ही सिलेंडर ढो कर आईसीयू तक पहुंचाया,ताकि,मरीजो की जान न जाये।मौके पर पहुंचे विधायक प्रमोद कुमाए सिन्हा ने इसे गम्भीरता से लेते हुए हॉस्पिटल कर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा कि हॉस्पिटल को भयाक्रांत करने वाला माहौल करने वाला माहौल नही बनाना चाहिए था।डॉक्टरों ने कन्फ्यूजन कर दिया। जो बर्दाश्त से बाहर है।ऐसी हरकतों से सरकार व प्रशासन बदनाम हो रही है।इस वाकये से हम ,मरीज,प्रशासन सभी घबरा गए।इस पर डीएम ने संज्ञान ले लिया है।जांच होगी।उन्होंने कहा कि कुल 25 सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया है।रास्ते मे 32 सिलेंडर आ रहा है।इस बीच प्रशासन ने दावा किया कि 64 सिलेंडर की और व्यवस्था की जा रही है।पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया है। जिला प्रशासन लगातार मोनिटरिंग कर रही है।उन्होंने कहा कि जब हमें पहले ही सूचना दी गयी थी और हम व्यवस्था में जुटे हुए थे तो हॉस्पिटल को इतना पैनिक स्थिति करने की जरूरत नही थी। इससे आम लोगों में डर का माहौल पैदा होता है।उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह प्रशासन पर दवाबा बनाने की कोशिश है।

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वे संक्रमित मरीजों के परिजनों से मिले और उनके मरीजों के उचित इलाज का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।साथ ही एसआरपी हॉस्पिटल के मरीजों को दूसरी जगह ले जाने के नोटिस देने पर नाराजगी जाहिर जरते हुए चेताया कि आगे से बिना स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए इस तरह के नोटिस नहीं जारी करें।

बताया गया था कि सुबह जब साढ़े दस बजे नोटिस जारी हुआ तब हॉस्पिटल में 40 बेड पर में 40 मरीज थे।जिसमे 5 वेंटिलेटर समेत 13 कोविड मरीज आईसीयू में भर्ती थे।जो संकेत दे रही है कि स्थिति कितनी भयावह हो सकती थी।जबकि, हॉस्पिटल प्रबन्धन बस यही कहता रहा कि हमने रात में ही प्रशासन को सूचना दे दी थी।कोई सुनवाई नही होने पर ही नोटिस लगाया गया।वहीं,अपने एक परिजन का इलाज करा रहे राजद नेता रवि मस्करा ने आड़े हाथों ले लेते हुए कहा कि हम इस स्थिति में कहां जाएं,क्या करें?यह तो बेमौत मरने वाली बात हो गई।

इस क्रम में मरीजो के परिजनों ने हंगामा भी किया।इंस्पेक्टर शशि भूषण ठाकुर समेत अन्य अधिकारियों ने ब मुश्किल स्थिति समझा बुझा कर नियंत्रित की ।एक सप्ताह में यह दूसरा मामला था।पिछले शनिवार को भी ऑक्सीजन को ले कर अफरातफरी मची थी।

इधर,इस मामले को ले कर जिलाधिकारी सख्त दिखे।उनके निर्देश पर अपर समाहर्ता(आपदा ) सुधीर कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ0 रणजीत राय समेत अन्य ने पहुंच कर हॉस्पिटल में विभिन्न पहलुओं की जांच की।जांच के बाद कोई खुलासा से इनकार करते हुए टीम ने डीएम को रिपोर्ट करने की बात कही है।

इधर,रक्सौल प्रशासन भी हॉस्पिटल के इस ‘शैली’ पर ‘एक्शन’ में है। एसआरपी हॉस्पिटल को धारा 133 के तहत पब्लिक न्यूसेंस क्रिएट करने के लिए वाद संख्या 273 एम /2021 के तहत नोटिस जारी कर 24 मई को अनुमंडल न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।जिसमे यह कहा गया है कि हॉस्पिटल द्वारा 13 मई 2021 को नोटिस बोर्ड पर ऑक्सीजन की कमी का झूठा अफवाह फैला कर कोविड मरीज़ो व उनके परिजनों को भयभीत किया जा रहा है,जो पब्लिक न्यूसेंस का कारण बनता है।कहा गया है कि तय समय के अनुसार अगर उनके जवाब से संतुष्टि नही मिली तो एसआरपी हॉस्पिटल पर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।

उधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग के पीआरओ आनन्द प्रकाश ने इस आपदा की घड़ी में रक्सौल प्रशासन के किये गए योगदान की सराहना करते हुए निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों पर नित नजर रखें।और उन्हें एक उचित सबक दें, ताकि कोई भी निजी अस्पताल भविष्य में इस प्रकार की आपराधिक लापरवाही की कभी न सोंच सकें।इस मामले को डीएम के माध्यम से विभाग को सूचित किया जाना चाहिए ,ताकि हम भी उनके लाइसेंस को रद्द करने सहित उचित कार्रवाई कर सकें।

इस बीच जब विधायक व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो वहां एसआरपी के निदेशक डॉ सुजीत कुमार नही पहुंचे।होस्पिटल कर्मियों ने बताया कि वे आईसोलेशन में हैं,क्योंकि उन्हें कोविड संक्रमण हो गया है।

क्या कहा हॉस्पिटल प्रबंधन ने:इस मामले को ले कर हॉस्पिटल के प्रबन्धक देवासिष कुमार आगे आये और बताया कि कल रात से प्रशासन को सूचना दे दी गई थी।कहा कि हम ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए पहले ही खबर डीएम,डीसीएलआर व डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर को खबर दे चुके थे, पर ऑक्सीजन उपलब्ध नही हो पा रहा था। हरसिद्धि गैस प्लांट में देरी हो रही है। रात के 2 बजे मात्र 30 सिलेंडर आया था, जबकि हमने 81 खाली भेजे थे। 30 सिलेंडर 8 घंटे तक चलते। हमे प्रतिदिन करीब 120 सिलेंडर की जरूरत पड़ती है। ऑक्सीजन खत्म होते देख व आपूर्ति नही होने की वजह से ही हमने ऐसा कदम उठाया, ताकि शीघ्र आपूर्ति हो।अब जाकर हमारी इस कोशिश और स्थानीय प्रशासन की बेहतर पहल से आनन-फानन में जो 25 सिलेंडर ऑक्सीजन मंगाया गया, इससे सबकी जान बची। इसके लिए प्रशासन का आभार प्रकट करते हैं ।

क्या कहा विधायक ने:

विधायक प्रमोद सिन्हा ने बताया कि हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने फोन कर कहा कि हॉस्पिटल द्वारा ऑक्सीजन की कमी बताते हुए 1 घंटा के अंदर मरीज को ले जाने की सूचना जारी की गई है। इसके बाद मैंने डीएम को फोन कर इससे अवगत कराया तो डीएम महोदय ने 10 मिनट के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर देने की बात कही और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध भी हो गया। श्री सिन्हा ने आम लोगों से अपील भी किया कि घबराये नही।ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नही है।कोई शिकायत हो तो सीधे मुझे बताएं।

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