रक्सौल।( vor desk )।बोली की गोली चलाने वाले नेपाल के प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली को सदन में विश्वास मत हासिल नही हो सका।मधेशी दलों ने भी उनका साथ नही दिया।ऐसे में उनकी स्थिति कामचलाउ सरकार की हो गई है।सूत्रों ने बताया कि अब नए सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
बता दे कि
सोमबार को संसद का विशेष अधिवेशन आहूत किया गया था।जिसमे प्रधानमन्त्री ओली के विशवास मत प्रस्ताव के पक्ष में मात्र 93 मत मिला । वहीं विपक्ष में 124 मिले व तटस्थ 15 मत रहे। सभामुख अग्नि सापकोटा ने इसकी जानकारी दी।
बताया गया कि
संसद में कुल 232 सांसद ही आज के विशेष अधिवेशन में सहभागि हुए । एमाले के बरिष्ठ नेता माधव नेपाल व झलनाथ खनाल पक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचित 23 सांसद संसद में अनुपस्थित रहे।
नेकपा माओवादी केन्द्र, नेपाली काँग्रेस व जनता समाजवादी पार्टी के उपेन्द्र यादव तथा बाबुराम भट्टराई पक्ष ने विपक्ष में मतदान किया। जसपा के अध्यक्ष महन्त ठाकुर व राजेन्द्र महतो पक्ष के तटस्थ बैठने की सूचना रही ।
बता दे कि भारत के साथ नक्शा विवाद को ले कर पीएम केपी ओली के तल्ख बयान व अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्म होने जैसी भ्रांति पैदा करने की कोशिशों की नेपाल में ही जम कर आलोचना होती रही ।वहीं,बॉर्डर को लगातार बन्द रखने को ले कर भी सीमा क्षेत्र में नाराजगी बनी हुई थी।इसके साथ ही राजनीतिक गतिरोध खड़ा हो गया था।
वैसे अब देखना है कि पीएम केपी ओली कोई गुल ख़िलाते हैं या शांति से सत्ता का हस्तांतरण करते हैं,क्योंकि उन्होंने पुनः संसद विघटन के संकेत दे रखें हैं।,वहीं,विपक्षी दल इसे लोकतंत्र की जीत बता रहे हैं।
इस बीच संवैधानिक तौर पर पीएम केपी ओली के स्वत्: पद मुक्त होने के बाद नेपाल राष्ट्रपति विधा देवी भंडारी से बहुमत की सरकार बनाने का आह्वान करने के लिए दलों ने आग्रह किया है।वहीं, अगली सरकार बनाने के लिए राजनीतिक कवायद व जोड़ गांठ भी शुरू हो गई है।