रक्सौल।( vor desk )। लगातार नेपाल से भारतीय नागरिक लौट रहे हैं,लेकिन,किट के अभाव में उनकी जांच शुरू नही हो पा रही।वहीं, दिल्ली समेत दूसरे प्रदेशों से आने वाले लंबी दूरी की ट्रेनों के रक्सौल पहुंचने पर भी जांच प्रभावित है।आरटीपीसीआर की जांच हो रही है।जिसकी रिपोर्ट कम से कम एक सप्ताह में आ रही है।इससे संक्रमितों की स्थिति जानने व इलाज में समस्या हो रही है।वहीं, कंटोमेन्ट जोन में भी जांच प्रभावित है।जिन घरों में संक्रमण से मौत हो गई है,उस परिवार के लोग भी यह जानने को परेशान हैं कि क्या वे संक्रमित हैं?जब तक जांच नही होगी।उपचार या आइसोलेशन की प्रक्रिया कैसे शुरू होगी?बहरहाल,इस हालत में समुदाय में संक्रमण फैलने की स्थिति बन गई है।
पिछले दिनों संक्रमित हुए एक युवक ने बताया कि एंटीजन किट नही रहने से एक सप्ताह से उनके व उनके परिवार की जांच नही हो रही।आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट सप्ताह से ज्यादा होने के बाद भी नही मिली।
वहीं,एक सेवा निवृत्त शिक्षक केडी सिंह का कहना है कि वे एक सप्ताह से दौड़ते रहे, लेकिन,कोई माकूल जबाब नही दिया जाता।न कोई सूचना दी जाती है।
संक्रमण की जांच बेहद आवश्यक है।लेकिन,इससे यात्राएं भी प्रभावित है।खास कर जिन्हें दूसरे प्रदेश जानी है।जहां के लिए 72 घण्टे का आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य है।लेकिन,इसकी कोई व्यवस्था नही है।
सूत्रों ने बताया कि विगत 10 दिनों से पीएचसी में रैपिड एंटीजन किट की कमी है।प्रतिदिन पचास-सौ से ज्यादा की संख्या में लोग पीएचसी से लौट रहे हैं।किट रहने पर भी भीड़ इस कदर होती है,कि जांच में दिक्कत होती है।इधर,रक्सौल पीएचसी के अलावे शहर के डंकन व एसआरपी हॉस्पिटल में अधिकृत रूप से कोविड जांच हो रही है।अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके सिंह ने स्वीकार किया कि पीएचसी में एंटीजन किट की कमी से जांच प्रभावित हो रही है।जबकि, डंकन व एसआरपी में 100-100 किट दिया गया था।जिससे वहां जांच चल रही है।वहां प्रतिदिन 25-50 लोगों की जांच होती है,जिसमे वे अपने मरीजों पर ही ज्यादा फ़ोकस रखते हैं।
डॉ सिंह ने यह भी स्वीकार किया कि आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट करीब 7 से 10 दिन में आ रही है।क्योंकि, सेम्पल भेजने पर जांच मोतिहारी होती है।उन्होंने बताया कि अब तक करीब ढाई तीन सौ लोगों की जांच रिपोर्ट जिला में पेंडिंग है।उन्होंने यह बताया कि औसतन रक्सौल में कम से कम दो ढाई सौ लोगों की कोविड जांच होती है।किट आते ही जांच को निरंतरता दी जाएगी।इस बीच,डीडीसी कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि किट की कमी नही होने दी जाएगी।रक्सौल में जांच की संख्या बढ़ाने की तैयारी है।लेकिन,इस आश्वासन के विपरीत हालात में सुधार नही है।बीते दिनों जिले से महज 75 किट मिले।ऐसे में यह किट रिजर्व कोटे की तरह हो गया।क्योंकि,हजारीमल हाई स्कूल स्थिति कोविड केयर सेंटर में भी जांच होनी है।जो ज्यादा आवश्यक है।लेकिन,पीएचसी में जांच की धीमी रफ्तार से लोगों में आक्रोश पनप रहा है।आश्वासन खत्म नही हो रहा।जबकि, खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 संजय जायसवाल ने पीएचसी का निरीक्षण कर ‘ऑल द फिट’ की बात कही थी।( रिपोर्ट:गणेश शंकर )